HOT STORIESOF INDIANS: July 2020

Monday 27 July 2020

चूतो का समुंदर-10(6-10)




मैने देखा कि स्मिता ने मेरा हाथ पकड़ लिया है ऑर वो हँस रही थी

मैं(शॉक्ड)-अब..क्या..???

स्मिता-अरे हीरो…तुम तो डर गये…मैं तो सोचती थी कि तुम स्ट्रॉंग निकलोगे पर तुम तो…

मैं-सॉरी मेडम…मैं डरपॉके नही पर लड़की के मामले मे बच के ही रहो..तो अच्छा..

स्मिता-अच्छा…तो फिर चुदाई क्यो करते हो…लड़कियो की…या ये बोलू की औरतों की…तब डर नही लगता…

मैं(शॉक्ड हो कर)-आपका….मतलब क्या है..???

स्मिता- अरे हीरो..अब ये नाटक छोड़ो मैने खुद देखा है….

मैने सोचा कि कही ये फ़ोन वाली तो नही…हो भी सकती है…पर आवाज़ अलग लग रही है…पूछ ही लेता हूँ…

मैं-आपको..कैसे ..आइ मीन कहाँ देखा…???

स्मिता-वो गार्डेन मे उस छोटे से घर मे…

मैं-(मन मे)-वहाँ तो मैने पायल को चोदा था..पर गेट तो लॉक था..इसने कहाँ से देख लिया..

मैं-आपने कहाँ से देखा…बताना ज़रा….

स्मिता-ह्म्म.....चलो एक-एक पेग लगाते है फिर बताती हूँ…

मैं-ओके

अब मेरे दिल से डर निकल गया था..ऑर उम्मीद भी बढ़ गई थी कि इसकी चूत मुझे मिल सकती है…पर मैं जल्दबाज़ी नही करना चाहता था….

यही सोचते हुए हम ने स्कॉच का 1-1 पेग लिया ऑर भीड़ से हट कर साइड मे खड़े हो गये ऑर पेग पीते हुए बाते करने लगे…

मैं-हाँ..अब बताइए…क्या देखा आपने

स्मिता-मैने देखा कि एक तगड़ा लंड एक शादीशुदा औरत की चूत ऑर गंद कैसे फाड़ता है…हहेहेहहे


मैं-अच्छा….पर देखा कैसे..

स्मिता-चलो शुरू से बताती हूँ....पर बैठ कर

मैं-ओके

हम ने एक नौकर से 2 चेयर्स को साइड मे लगवाया ऑर बैठ गये..

स्मिता-तो मेरा नाम तो पता ही है….मैं लड़के वालो की तरफ से हूँ…ऑर यहाँ कुछ रसमें शादी से पहले पूरी करनी थी तो मैं कल ही अपने पति के साथ आ गई थी…. 

मैं-ह्म्म्मे

स्मिता-यहाँ आ कर पता चला कि पूल पार्टी है…पर मैं पति की मर्ज़ी के खिलाफ नही जा सकती हूँ..ऑर वो पूल पार्टी को माने नही…तो मैं अपसेट हो कर गार्डेन मे टहलने आ गई….

जब मैं गार्डेन मे आई तो ये छोटा घर दिखा…मैने सोचा चलो यही देखते है तो मैं घर के पास आ गई…

पर घर अंदर से लॉक था तो मैने पीछे साइड से जगह देखनी चालू की..ऑर वहाँ मुझे गेट तो नही मिला पर एक खिड़की मिल गई…जहाँ से अंदर का नज़ारा दिख गया….….

मैं-ह्म्म..तो ये बात है…आपने सब कुछ देख लिया…

स्मिता-ह्म्म.....सब कुछ…हहेहहे

मैं-तो अब क्या आप मुझे ब्लॅकमेल करना चाहती है….

स्मिता-अरे यार तुम्हे मेरी आँखो मे ऐसा दिखा क्या….???

मैं-नही आँखो मे तो …

स्मिता-क्या..????

मैं-जाने दो..

स्मिता-अरे बोलो भी…

मैं-आँखो मे तो ऐसा दिखा कि आप पट गई मुझसे…

स्मिता-अच्छा...सच मे

मैं-ह्म्‍म्म..तभी तो आपको बुलाया …कि कुछ बात आगे बढ़े…

स्मिता-अरे पट तो तभी गई थी जब तुम्हारा हथियार देखा था….पर तुम फिर दिखे ही नही…मैं तो तभी से ढूढ़ रही हूँ….

मैं-अच्छा…किस लिए…???

स्मिता(नज़रे झुका कर)-वो…तुम्हारे साथ…

मैं-क्या…???

स्मिता-अरे यार सब समझते हो फिर भी…

मैं-बोलो..मेरे साथ..क्या…???

स्मिता-वो मुझे तुम्हारे साथ चुदाई…..ऑर शर्मा के अपना मुँह छुपा लेती है हाथो से…

मैं(हँसते हुए)-अच्छा…पर तुम अपने पति को बहुत प्यार करती हो…धोखा दोगि…??

स्मिता-प्यार तो करती हूँ..ऑर धोखा भी नही दूगी..पर

मैं-पर क्या…??

स्मिता- सच बोलती हूँ…मेरे पति सेक्स का मज़ा तो देते है पर वैसा नही जैसा मैं चाहती हू…मुझे दमदार चुदाई पसंद है …जैसी तुम कर रहे थे उस दिन..

मैं-फिर तुम्हारे पति…धोखा ही होगा ना..

स्मिता-धोखा तब होगा जब मैं उन्हे छोड़ दूं..पर कुछ देर मज़े करने मे कोई बुराई तो नही ना……इतना तो चलता है…शायद वो भी करते हो…

मैं-तुम्हे ठीक लगता है तो ठीक है…कर लेगे..

स्मिता-अभी..

मैं-अभी..????..क्यो…कहाँ..???


स्मिता…हम शायद शादी के बाद रात मे ही निकल जाय..तो अभी ही मौका है…

मैं-पर अभी कहाँ…ऑर तुम्हारे पति ढूंढ़ेंगे नही….

स्मिता-वो मैं देख लूगी…

तभी स्मिता का फ़ोन बजा ऑर वो “आती हूँ” कहकर मुझसे बोली

स्मिता-मेरे पति ने बुलाया है…तुम रूको मैं अभी आई…सब सेट कर के आती हूँ…बस तुम यही मिलना

मैं-ओके..मैं 1 पेग ऑर पी लेता हूँ…


इतना बोल कर स्मिता चली गई अपने पति के पास..मैं सोचने लगा कि ये चुदने को मर रही है..पर अभी शादी के महॉल मे कहाँ जाउ इसे चोदने....

स्मिता बोल कर गई है कि सब सेट कर के आती हूँ....देखता हूँ ये क्या सेट करती है चुदने के लिए.......
फिर मैने जा कर 1 पेग लिया ऑर वापिस वही पर आ कर स्मिता का वेट करने लगा….


थोड़ी देर बाद स्मिता आ गई ऑर बोली…

स्मिता-चलो मेरे साथ…

मैं-कहाँ..????

स्मिता- अरे, चलो ना टाइम कम है मेरे पास …

मैं(मुस्कुरा कर)-ओके...पर कहाँ…????

स्मिता-रूम मे जा नही सकते..मेरे पति यही है…वहाँ गई तो फिर बुला लेगे…

मैं-तो फिर…???

स्मिता-मैने मेरे पति को बोला है कि मैं वॉश रूम जा रही हूँ…

मैं-अच्छा...ऑर हमे जाना कहाँ है वैसे...???

स्मिता-वॉशरूम ऑर कहाँ...

मैं-वॉशरूम....पर हम साथ मे….कैसे …???

स्मिता(सोच कर)-देखो वहाँ पीछे एक वॉश रूम है…वहाँ कोई नही जाता है..

मैं-पर कोई आ गया तो…

स्मिता-मैं गेस्ट हाउस के वॉशरूम की बात कर रही हूँ…वो गेस्ट हाउस कम ही उसे होता है…आज तो वहाँ कोई नही होगा ..चलो..

मैं-हाँ..चलते है….पेग तो ख़त्म करने दो…

स्मिता-चूत सामने खड़ी है ऑर तुम्हे पेग दिख रहा है…

मैं-यार शराब और सवाब …दोनो का मज़ा ही अलग है…

स्मिता(चिड़ते हुए)-अरे, चलो ना जल्दी…मेरे पति ना देख ले...

मैं-ओके...

स्मिता-मैं आगे जाती हूँ...थोड़ी देर से आ जाना...

मैं-ओके

ऑर फिर स्मिता पीछे बने गेस्ट रूम मे जाने लगी ऑर मैं फिर से सोचने लगा कि क्या किस्मत है मेरी....चूत तो जल्दी मिल जाती है….बस प्यार नही मिलता....

मैं(मन मे)-चलो चूत का ही मज़ा लेते है..प्यार का तो पता नही...


और मैं भी थोड़ी देर मे स्मिता के पीछे गेस्ट हाउस मे चला गया…

जैसे ही मैं गेस्ट हाउस मे एंटर हुआ तो मुझे स्मिता दिखाई नही दी…मैने सोचा वॉशरूम मे होगी और मैं वॉश रूम मे घुस गया…

जैसे ही मैं वॉशरूम मे एंटर हुआ तो सामने का नज़ारा मस्त था….

स्मिता ने अपने सारे कपड़े निकाल कर संभाल के रख दिए थे और वो मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी हुई अपने बूब्स ऑर चूत पर एक-एक हाथ रखे हुए शरमा रही थी...


मैं-वाउ…तुम तो कमाल की हो…लगता ही नही कि तुम्हारी शादी हो चुकी है…बिल्कुल….कुवारि लड़की का फिगर है….ऑर मालदार भी…

स्मिता(शरमाते हुए)-तारीफ बाद मे, पहले गेट लॉक करो…

मैने गेट लॉक किया ऑर फिर से स्मिता को देखने लगा….उसका फिगर आवरेज था…बूब्स ओर गंद भी मस्त थे….ऑर पूरी गोरी चमड़ी थी…वाउ..मज़ा आ गया...

मैं स्मिता को देखते हुए उसके पास पहुच गया ऑर उसका हाथ उसके बूब्स से हटाने लगा…पर स्मिता ने हाथ नही हटाया…

मैं-अब किस बात की शर्म ….नंगी खड़ी हो …चुदने खुद आई हो ऑर अब शर्मा रही हो…

स्मिता-क्या करूँ…आज पहली बार अपने पति के अलावा किसी के सामने नंगी हुई हूँ…

मैं-अब नंगी हो ही गई तो शरमाना छोड़ो …

स्मिता-शरम तो आती है ना…

मैं-तो क्यो ले आई मुझे यहाँ…

स्मिता-क्या करूँ…जबसे तुम्हारी चुदाई देखी है..मेरी चूत बस इसी लंड को लेने की ज़िद कर रही है…इसी लिए पति की पीठ पीछे चुदने आ गई…

मैं-तो अब काम पूरा करे…वरना तुम्हारा पति ना आ जाय…हाहाहा

इसके बाद पता नही अचानक स्मिता को क्या हुआ..कि वो झपट कर मेरे सीने से लगा गई ऑर फिर मेरे होंठो को मुँह मे भर कर चूसने लगी….

मैं भी स्मिता की तरह ही उसके होंठों को चूस रहा था…पर स्मिता तो पूरी गरम हो कर मेरे होंठो को चूसे जा रही थी…


थोड़ी देर तक स्मिता मेरे होंठो को चूस्ति रही ऑर मैने जब तक अपने सूट को निकाल के साइड मे टाँग दिया…

फिर स्मिता ने मेरे होठ छोड़े ऑर कहा…

स्मिता-आअहह…मज़ा आ गया…अब जल्दी करो…मेरी चूत मे आग लगी हुई है…

मैं-करते है, आराम से...मेरी जान

लेकिन स्मिता तो कुछ ऑर ही मूड मे थी…उसने मेरी शर्ट के बटन खोले ऑर अपनी जीभ से मेरा सीना चाटने लगी……


मैं भी मस्ती मे आँहे भरने लगा ऑर स्मिता मेरे सीने को चाट ती रही…

थोड़ी देर के बाद स्मिता नीचे बैठ गई ऑर मेरी बेल्ट खोल कर मेरा पेंट अंडरवर के साथ पैरो के नीचे खिसका दिया..ऑर मेरा लंड उसकी आँखो के सामने आ गया…


स्मिता थोड़ी देर तक मेरे लंड को देखती रही ऑर हाथ से सहलाती रही …

मैं-क्या देख रही हो…कैसा लगा…

स्मिता-देख रही हूँ…कि ये मेरी चूत फाड़ कर ही रहेगा…ऑर कैसा लगा ये टेस्ट कर के बताउन्गी..

मैं-तो देर किस बात कि करो टेस्ट..

इसके बाद स्मिता ने धीरे-धीरे मेरे लंड की खाल को आगे पीछे करना चालू किया…फिर वो लंड पर किस करती रही ..

ऑर फिर स्मिता ने मेरे लंड के टोपे मे लेकर चूसा ऑर मुँह से निकाल के टोपे पर जीभ चलाने लगी…

कुछ देर तक लंड के मज़े लेने के बाद स्मिता ने मेरे लंड को मुँह मे भर कर आगे पीछे करना शुरू किया….ऑर मैं मस्त होने लगा.....
स्मिता-उउंम..सस्स्रररुउउप्प…उउउंम्म..उउंम

मैं-आहह….अच्छा कर रही हो….और अंदर…

स्मिता-उउंम्म…सस्रररुउुुउउप्प….सस्स्रररुउउप्प….उउउंम्म…सस्स्रररुउउप्प्प

मैं-यस..यस…अंदर ले लो…पूरा...आहह

थोड़ी देर बाद स्मिता ने अपनी स्पीड तेज कर दी ऑर लंड को अपने गले की गहराई मे ले जाते हुए चूस लगी

स्मिता-उउउंम्म…उउउंम्म…उउउम्म्म्ममम…उूुुउउम्म्म्म…उूउउम्म्म्म…सस्स्स्स्रर्र्ररुउुुुउउ…स्रसरर्र्र्ररुउुुउउ…सस्रसरसरररुउुुउउ…..सस्स्र्र्ररुउउ
…उूउउम्म्म्मम

ऐसे ही थोड़ी देर तक स्मिता मेरे लंड की चुसाइ करती रही ऑर एक हाथ से अपनी चूत मसल्ति रही.. ..फिर लंड को मुँह से निकाल कर बोली…

स्मिता-ुआओओउउम्म्म्ममह….टेस्टी है….सच मे…

मैं-ह्म्म..पसंद आया…

स्मिता-ह्म्म…ऑर पता भी भी चल गया कि उस दिन वो औरत क्यो इतने मज़े से चुद रही थी…

मैं-अच्छा..क्यो…???

स्मिता-अरे ऐसा लंड पास मे हो तो चूत मे ही डाले रहूं…

मैं-ओह हो..चलो अभी डालता हूँ..

ऑर मैने स्मिता को खड़ा किया ऑर किस करने लगा..ऑर साथ मे अपने हाथो से स्मिता के बूब्स दबाता रहा…


फिर मैने किस तोडा ऑर स्मिता को वाश्बेसन की पट्टी पर बैठा दिया ऑर थोड़ा झुक कर उसके एक बूब को मुँह मे भर कर चूसने लगा ओर दूसरे बूब को हाथ से मसल्ने लगा…

स्मिता-ओह…..ओह..आहह…खा जाओ…उउउंम्म…आअहह

मैं-उउउम्म्म्मह…आहह..उउउम्म्म्मह…

मैं एक बूब को मुँह मे भरता ऑर चूस कर बाहर कर देता ओर फिर दूसरे के साथ भी ऐसा ही करता….

स्मिता को मज़ा आ रहा था ऑर वो मस्ती मे बोलने लगी…

स्मिता-ओह्ह…आहह…मेरा पति ऐसा करता..क़ास्स्स…आअहह

मैं-उउउम्म्म्म…उउउंम्म..उउम्म्मह

स्मिता-आअहह…पर उसे…तो चूसने के….टाइम..ही…नही..आहह..चूसो…..

मैं थोड़ी देर तक स्मिता के बूब्स चूस्ता रहा ऑर मसलता रहा …स्मिता के बूब्स मेरे थूक से तर हो गये थे ….

फिर मैने स्मिता के पैर उठाए ऑर दोनो पैरो को फैला कर उसकी चूत देखने लगा…

मैं-ह्म्म्मप..चूत तो अच्छी है…मस्त चिकनी…

स्मिता-आज ही चिकनी की है…

मैं-अच्छा..तुम्हे पता था कि आज ये सब होगा…

स्मिता-नही..पर आज आख़िरी रात थी यहाँ..सोचा कि मिल गये तो रेडी रहना चाहिए….

मैं-ह्म्म्मह…सही किया…मुझे चिकनी चूत ही पसंद है…

स्मिता-तो मेरी चूत पसंद आई..???

मैं-अभी बताता हू,,,

और मैने थोडा झुक कर स्मिता की चूत पर जीभ फिरा दी…ऑर जीभ फिराते ही स्मिता ने मेरे सिर को हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया . ओर मैं उसकी चूत चाटने लगा....
स्मिता-ओह्ह.....मज़ा...आ..गया...आअहह....

मैं-सस्स्रररुउपप...सस्र्र्ररुउउप्प..सस्र्र्ररुउउप्प...

स्मिता-ओह..माँ...किसी ने...नही चाटी थी...उउउंम्म....आअहह...मज़ा...आ...गया....ऊहूहह

मैं थोड़ी देर तक स्मिता की चूत चाट ता रहा ऑर फिर मैने चूत को मुँह मे भर लिया...

स्मिता-ओह्ह..माआ….म्मार्र..ज्जाोऊऊगगीइ….
प्प्पागगाल्ल…क्कार्र…दडिईईय्या….आअहह…म्माआ

मैं स्मिता की चूत को मुँह मे भरे हुए प्यार से चूस रहा था ऑर स्मिता मस्ती मे सिसक रही थी…

मैं-उम्म्म्ममम…उउम्म्म्मम…उउहमम्म…उउउहमम्म..

स्मिता—आहह…ऊओ..ययईसस…यईीसस….चूस्स…ल्लूओ…म्म्मीपररी…ररराज्ज्जज….प्पूउर्रा…आअहह

स्मिता की मस्ती इतनी बढ़ गई थी कि वो ठीक से बोल भी नही पा रही थी और मैं चूत चूस्ता रहा….

मैं-उउउंम्म..उउउंम्म..उउंम

स्मिता-आअहह..म्म्मैमईयाईिन्न्न…आईईइ…ऊहह…आईईइ…चूस्स्स ल्लू..

स्मिता पूरी मस्ती मे झड़ने लगी ऑर मैं उसकी चूत को मुँह मे भरे हुए उसकी चूत रस को पीने लगा….
जब मैने चूत रस पी लिया तो उसकी चूत को मुँह से निकाल कर खड़ा हो गया….

स्मिता-आअहह….सच मे..मार ही डाला…क्या..करते हो..

मैं-अभी तो शुरुआत है…अब आ जाओ तुम्हे जन्नत दिखाता हूँ…

ओर मैने स्मिता के पैर को फैला कर अपना लंड उसकी चूत मे सेट किया ऑर धक्का मारा…

स्मिता-आहह…

मैं-अभी तो गया ही नही..जाने तो दो..

ओर मैने दूसरा धक्का मारा..ऑर आधा लंड चूत के अंदर

स्मिता-ओह्ह्ह्ह….उउंम….आराम से..

मैने तुरंत ही फाइनल धक्का मारा ऑर लंड पूरा स्मिता की चूत मे घुस गया…

स्मिता-आहह..अहहह….ऊहहूओ…..म्म्मा ररर दिदीय्य्या….

मैं-दर्द हुआ…


स्मिता-आहह..हहाअ..बड़ा..है….आअराम से…आहह....

मैने फिर स्मिता को गले से पकड़ कर किस किया ऑर उसके बूब्स पर हाथ फिराते हुए उसे धीरे-धीरे चोदना शुरू कर दिया....
स्मिता-आहह..ऊहह…अह्ह्ह्ह…उउंम..आईईसे.ही…आहह..

मैं थोड़ी देर तक स्मिता को प्यार से चोदता रहा ऑर फिर स्मिता नॉर्मल हुई ऑर बोली...

स्मिता-प्यार से चोद्ते हो…आहह….अब फाड़ डालो….तेज़ी से…

मैं-अभी लो…

ओर मैने स्मिता को तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया ऑर हमारी चुदाई की आवाज़े स्मिता की सिसकारियो के साथ निकलने लगी…

स्मिता-आहह…..आह…यईीसस..ईीस…ईीस….यईीस..आहह..ऊहह..ओह्ह 

मैं-यीह….टेक इट बेबी..यह….

स्मिता-आहह..आहह..आहह…यईसस्स

मैं स्मिता के बूब्स सहलाते हुए उसे चोदे जा रहा था ऑर स्मिता भी अपनी गंद को उचका कर लंड को अंदर ले रही थी……

मैं-ईीस्स..बेबी….यीह….बेबी

स्मिता-आहह..अहहह..अहहह….ईीस्स…तीएजज….आअहह..तीज्ज्ज

मैं-येस्स्स…ये....लो…ईएह..ईएह

स्मिता-ज़ूओरर…सससी…आहहह…आऐईइईसीए…हहिी…आहहह….ज़्ज़ूऊररर…ससी


करीब 5-6 मिनिट मैं तेज़ी से स्मिता को चोदता रहा फिर मैने स्मिता को पट्टी से नीचे उतार कर खड़ा कर दिया…

ऑर स्मिता की एक टाँग को हाथ से पकड़ कर उठाया ऑर लंड को चूत मे डाल दिया…स्मिता ने भी एक हाथ से पट्टी का सहारा लिया ऑर मैने चुदाई पूरी स्पीड से शुरू कर दी….
स्मिता- आहह…मज़ा…एयेए…ग्ग्ग...
ययय्या…आहह…..आहह..आह...

मैं-ऐसे ही मज़े…लो…यीहह….टेक इट……

स्मिता-आहह..आह..तेज..तेजज्ज़..तेजज…..ऊहह…….म्मा

मैं-यस..बेबी….यस….टेक इट....फ़ील्ल..इट…बेबी

स्मिता-आअहह….फास्ट..फास्ट,,,उउंम..आअहह….फास्ट,….ईीस…यईी.स…ऊओ


मैं 10 मिनिट से स्मिता को पूरी तेज़ी से चोद रहा था….स्मिता फिर से चुदाई की मस्ती मे झड़ने लगी…

स्मिता-आहह...म्मायन्न्न...आइी...ऊहह...एसस्स...येस्स..आहह

ऑर स्मिता झड़ने लगी ओर चुदाई की आवाज़े बदलने लगी

आअहह…आह..यईीसस…..उउंम…फ़फफुऊूऊचह..फ्फ़ूचह…फ्फक्च……ईएहह..ईएहह..आअहह..ऊहह…आहह..आह…
.फ्फ़ूच..फ़्फुूक्च..आहह..अहहह….आअहह

ऐसी आवाज़ो के साथ स्मिता झड रही थी ओर मैं उसको चोदे जा रहा था……..

जब स्मिता झड चुकी तो थोड़ी थकि हुई लगने लगी ऑर पट्टी पर झुक कर आँहे भरने लगी…मैने भी स्मिता को चोदना बंद किया ऑर उसकी चूत से लंड निकाला ऑर पास मे पड़ी चेयर पर बैठ गया…..


स्मिता थोड़ी देर बाद मेरे पास आई ऑर झुक कर मेरे लंड को मुँह मे भर के चूसने लगी…..मेरा लंड तो खड़ा ही था…स्मिता की चुसाइ ने पूरा कड़क कर दिया…


फिर स्मिता ने लंड को मुँह से निकाला ऑर कहा…

स्मिता-अब रेडी हूँ…जल्दी से चोदो वहाँ लड़के वाले आ गये होगे…

मैं-ओकक..आ जा सवारी करवा दूं.…


ऑर मेरे कहते ही स्मिता मेरी गोद मे आकर बैठ गई ऑर लंड के दोनो साइड पैर रख कर लंड को चूत मे भरते हुए मेरी जाँघो पर बैठ गई..

मैने देर ना करते हुए उसकी गंद पकड़ कर नीचे से धक्के मारना चालू किया ऑर स्मिता मेरे सीने पर झुक कर उपर से गंद उछाल-उछाल कर लंड को चूत मे लेने लगी….
स्मिता-आहह..आहह..येस्स..य्स्स…कब्से तड़प रही थी…आअहह..ऐसी चुदाई को…ऊहह…यस..येस…

मैं-यह..बेबी….तेज़ी से उछलो…आहह…ऐसे ही ओर तेज..

स्मिता-यस..यस..यस….आहह….ये ..लो…ओर…तेजज्ज़..ह्म्म्म…ऑर तीज्ज्ज..

ऑर स्मिता चुदाई मे मस्त हो कर जितना तेज हो सके उतना मेरे लंड पर उछलने लगी ऑर मेरे होंठो को मुँह मे भर कर चूसने लगी…

स्मिता-उम्म्म…ओउंम…..उउउंम…

त्ाआप्प..त्ताप्प..उउउंम…ईसस्स…आहह..त्तप्प..त्ताप्प्प..त्ततापप्प..त्त्टहाहप्प्प…उउंम….उउंम्म…उउउंम..त्ताप्प…त्ततापाप…त्ताप्प..

स्मिता की गंद मेरी जाँघो पर टकरा रही थी ऑर स्मिता पूरे जोश के साथ अपनी चुदाई करवा रही थी…ऑर मेरे होठ तो ऐसे चूस रही थी जैसे कि , प्यासे को पानी मिल गया हो..

थोड़ी देर बाद स्मिता ने मेरे होंठो को आज़ाद कर दिया ऑर फिर से मस्ती मे उछलते हुए चिल्लाने लगी…

स्मिता-आअहह..आहह…ऊहह..एस्स…क्या लंड है..आहह…..यस…येस्स…चोदो…चोदो…ज़ोर से....

मैं-ये ले मेरी रानी…तेज़ी से..ले..अंदर तक…

फिर थोड़ी देर बाद स्मिता की स्पीड कम हो गई..वो तक गई थी...

मैने जल्दी ही उसे गोद से उतरा ओर फिर से उसे वाश्बेसन की पट्टी पर झुका दिया ओर पीछे से लंड उसकी चूत मे डाल दिया…

ऑर उसको पकड़ कर पीछे से चोदने लगा…
ऑर उसको पकड़ कर पीछे से चोदने लगा…

स्मिता-ऊहह…आअहह…डालो…ज़ोर से…आहह….आहह..

मैं-यस….बेबी…टेक इट..टेक इट…

स्मिता-आहह…जल्दी करो…मेरा पति..आहह….मुझे देख रहा…आअहह…ऊहह…जल्दी…

मैं-ऐसी बीवी हो जिसकी…उसे तो बीबी को अकेला नही छोड़ना चाहिए….

स्मिता-आअहह..नही छोड़ता तो…आअहह…तुम कैसे चोद पाते…ऊहह…आअहह….ज़ोर से,…

मैं स्मिता को तेज़ी से चोदे जा रहा था ऑर स्मिता ने मुझे पलट कर फिर से किस करना शुरू किया ….

स्मिता---उउम्म्म्म…..उउंम्म….उउउंम्म….उउउम्म्म्ममह

मैने स्मिता को पीछे से थक्का मारता ऑर स्मिता अपनी गंद को पीछे धकेल्ति…ऑर उसकी गंद मेरी जाँघो पर टकरा कर थप-थप की गूँज करती…

मेरा तो गंद पर दिल आ गया था…

मैं स्मिता को कुछ देर और तेज़ी से चोदता रहा ऑर वो झड़ने के करीब आ गई..ऑर उसने मेरे होंठो को छोड़ दिया..

स्मिता-ऊहह..म्म्माा…म्मैरईन्न…फ्फीयरर..सीए..आऐईइ..आहह…त्तीज्ज्ज…यएएसस..एस्स…ऊवार..तीज्ज…ऊहहूओ

ऑर ऐसी आवाज़े करती हुई स्मिता फिर से झड़ने लगी ऑर मैने वैसे ही स्पीड से उसे चोदना चालू रखा ऑर आवाज़े बाथरूम मे गूज़्ने लगी...

स्मिता-ऊहह….आअहह..अहहह..आ..ऊहह..ऊहह….ऊहह…

आअहह……अह्ह्ह्ह..त्ताप्प्प..त्तताप्प…फ़फफुक्च....फ़फफूूक्चह..आअहह..त्ताप्प्प….फ़फफ़ूूचह…ऊओह..ईससस्स..आअहह…
यईएहह…बेबी…..आअहह..ऊहह

ऐसी ही आवाज़े होती रही ऑर मैं स्मिता को चोदता रहा……जब मैं झड़ने के करीब आ गया तो मैने कहा…

मैं-आअहह..बेबी…मैं आ रहा हूँ…कहाँ डालु…

स्मिता-नही…मुझे चखना है…उस औरत ने चखा था..आहह..तो….तारीफ की थी…ऊहह…मेरे मुँह मे…ऊओह…डाअल्ल्लूओ


मैने तुरंत ही स्मिता को छ्चोड़ दिया ऑर स्मिता पलट कर घटनो पर नीचे बैठ गई ओर मेरे लंड को मुँह मे भरा कर हाथ से आगे पीछे करने लगी,,,,


थोड़ी देर बाद मैं झड़ने लगा,,,,ऑर स्मिता ने मेरा लंड रस मुँह मे भरा ऑर बाकी का रस दोनो बूब्स पर डलवा लिया…
स्मिता मुँह मे भरे लंड रस को पी गई ऑर बूब्स पे लगे लंड रस को बूब्स पर मसल्ने लगी ऑर थोडा -2 छाँट ने लगी..

स्मिता अपनी मस्ती मे लंड रस से खेल रही थी ऑर मैं जा कर चेयर पर बैठ गया…

थोड़ी देर बाद स्मिता भी आ कर मेरी गोद मे बैठ गई ऑर मुझे किस करने लगी…फिर किस ख़त्म करके बोली

स्मिता-मज़ा आ गया ..सच मे…मेरे पति ने ऐसा कुछ कभी नही किया था…

मैं-ह्म्म..पर मेरे मज़े का क्या…

स्मिता-क्यो तुम्हे मज़ा नही आया…

मैं-आया..पर जब तक मैं गांद ना मारु…मेरा मज़ा अधूरा रहता है…

स्मिता-ओह…ऐसा…पर अभी टाइम नही है ऑर मुझे आज रात मे ही जाना है…

मैं-कोई नही…तुम खुश हो ना,…बस…मैं भी खुश

स्मिता-नही...मैं तुम्हे गांद ज़रूर दूँगी...पर अभी नही

मैं-ओके..पर कैसे...तुम्हारा पति...

स्मिता-मेरा नंबर. ले लो....जब भी कहोगे मैं टाइम निकाल कर ज़रूर आउगि...एक बार और पति को धोका दूगी बस..तुम्हारे लिए...

मैं-ओके...अब चलो वरना तेरा पति पागल हो जायगा...

ऑर हम हँसने लगे...

उसके बाद हमने अपने आपको ठीक किया ऑर कपड़े पहन कर सरीफ़ बन गये ऑर गेस्ट हाउस से बाहर आ गये...

बाहर आ कर स्मिता ने मुझे किस किया ऑर बाद मे मिलने का बोल कर निकल गई....
मैं थोड़ा रुका ऑर उसके जाने के बाद मैने भी शादी के फंक्षन की तरफ चलना शुरू किया…..

मैं धीरे-धीरे गेस्ट हाउस से फंक्षन की मेन जगह पर आने लगा ऑर फिर से सोच मे डूब गया…

मैं(मन मे)-यार ये स्मिता हॉट थी…मूड बना दिया साली ने…पर ये समझ नही आती…एक तरफ कहती है कि पति को धोका नही दूगी…ऑर फिर मुझसे रंडी की तरह चुद के चली गई….

यार ये चूत होती ही ऐसी है कि जब गरम हो तो कुछ नही देखती बस लंड खाना है…

खैर छोड़ो , अपने को क्या….चूत मिल गई ऑर गांद देने का बोल गई है..बस... ऑर क्या चाहिए…

मैं ऐसे ही घूमते हुए बार कॉनटर पर गया ऑर फिर से 1 स्कॉच का पेग लिया ऑर घूमने लगा…

वहाँ की भीड़ देख कर मैं समझ गया कि लड़के वाले आ चुके है ऑर दूल्हा ऑर दुल्हन भी स्टेज पर दिखाई दे रहे थे…

आंटी लोग शायद आगे होगी..कही…

इसके बात मे स्टेज पर चल रहे प्रोग्राम को देखने लगा …स्टेज पर वरमाला का प्रोग्राम हुआ…फिर फोटोस लेना शुरू हो गया..ऑर मैं फिर से पेग पीते हुए घूमने लगा…

तभी मुझे पीछे से किसी ने आवाज़ दी…ऑर मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए बोला

पीछे से- हेलो मिस्टर.मल्होत्रा...हाउ आर यू..*???

मैने पीछे पलट कर देखा तो पाया कि ये तो मिस्टर.सोनी है जो मेरे डॅड के ऑफीस मे काम करते है…

( यहाँ मैं आप लोगो को फिर से बता दूं कि मेरे डॅड के 3 ऑफीस है जो इम्पोर्ट एक्सपोर्ट ऑर फाइनान्स का काम देखने के लिए है..मैं कभी-2 वहाँ गया भी हूँ..पर ज़्यादा नही…पर मैं मिस्टर.सोनी को जानता था…ये हमारे फाइनान्स डिपार्टमेंट मे है..

सोनी जी मुझसे काफ़ी बड़े है पर मस्का मारने के चक्कर मे मुझे सर कहते है…)

मैं-ओह…. मिस्टर.सोनी…..आप यहाँ…कैसे है आप…???

मिस्टर.सोनी-मैं ठीक हूँ..आप कैसे है…????

मैं-बिल्कुल मस्त…मज़े मे..आप यहाँ कैसे..?

मिस्टर.सोनी-वो आक्च्युयली मैं लड़के वालो की तरफ से हूँ..ऑर मैं उस लड़के का मामा लगता हूँ….

मैं-ओह ग्रेट..,,,,अच्छा है…

मिस्टर.सोनी-ऑर आप कैसे…??

मैं-ओह..हाँ…मैं आक्च्युयली अपने दोस्त की मोम के साथ आया हूँ…वो लड़की की साइड से है…मेरा दोस्त बीमार था तो मैं आ गया…

मिस्टर.सोनी-चलो अच्छा हुआ , इस बहाने आपसे मुलाक़ात तो हो गई…वैसे तो आप मिलते ही नही…

मैं-अरे ऐसी कोई बात नही है…मैं पढ़ाई मे बिज़ी रहता हूँ…वरना क्यो नही मिलता..

मिस्टर.सोनी-मैं तो कहता हूँ कि आप छुट्टियों मे ऑफीस आ जाया करे…आपका..दिला बहल जायगा…

मैं-सोनी जी मेरा दिल कैसे बहलता है ये आप जानते है ना…

मिस्टर.सोनी-जी सर बिल्कुल...आपने बताया था...याद है मुझे..तभी तो बोल रहा हूँ...हमारे सारे ऑफिसस मे कई मस्त माल है...

चूतो का समुंदर-10(1-5)

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