HOT STORIESOF INDIANS: Incest parivar 4

Wednesday 8 July 2020

Incest parivar 4






रेखा ने जैसे ही दरवाज़े को थोडा ज़ोर दिया वह खुल गया, रेखा की ख़ुशी का कोई ठिकाना न रहा । विजय अभी अभी सोया था और वह बिलकुल नंगा सोया हुआ था, वह अभी पूरी तरह से सोया नहीं था ।
रेखा ने देखा उसका बेटा बिलकुल नंगा सोया हुआ है और उसने बल्ब भी बंद नहीं किया था, रेखा अपने बेटे के बेड पर बैठते हुए उसे गौर से देखने लगी । विजय का लंड बिलकुल सिकूड़ा हुआ था, रेखा ने अपने बेटे के लंड की तरफ देखते हुए अपनी नाइटी को उतार दिया ।

रेखा ने नाइटी के नीचे कुछ नहीं पहना था, रेखा अब बिलकुल नंगी होकर बेड पर बैठ गयी और अपना हाथ बढाते हुए अपने बेटे के मुरझाये हुए लंड को पकड़ लिया । रेखा समझ रही थी की उसका बेटा गहरी नींद में सो रहा है ।
विजय जिसे अभी थोडी देर पहले ही नींद आई थी वह अपने लंड पर नरम हाथ पड़ते ही जाग गया, विजय ने जैसे ही अपनी आँखें खोली उसके होश गुम हो गये और उसने अपनी आँखें फिर से बंद कर लिया, रेखा का हाथ जैसे ही अपने बेटे के लंड पर पडा। उसका हाथ थोडा गीला हो गया।

रेखा समझ गयी की उसके बेटे ने हाथ की मेंहनत से अपना वीर्य निकाला है, वह मुस्कुराते हुए अपने बेटे के लंड के सुपाडे से अपनी उँगलियों से वीर्य को साफ़ करने लगी । रेखा को अपनी उँगलियों में चिपचिपा सा अपने बेटे का वीर्य लग गया ।
रेखा ने अपना हाथ अपने बेटे के लंड से हटाते हुए अपनी ऊँगली को अपने नाक पर रख दिया और तेज़ी के साथ अपनी साँस खींचते हुए अपनी ऊँगली को सूँघने लगी । विजय को पहली नज़र में अपनी ऑंखों पर भरोसा नहीं हुआ ।

विजय ने एक बार फिर से अपनी आँखों को खोलकर देखा, उसकी माँ बिलकुल नंगी होकर उसके वीर्य से गीली उंगली को सूंघ रही थी । अचानक उसकी माँ ने वह ऊँगली अपने मूह में डाल दी और उसे अपने होंठो से चूसने लगी ।
विजय अपनी ऑंखों को फाड फाड कर अपनी माँ को देख रहा था । विजय को अपनी माँ की बड़ी बड़ी चुचियों और उनके साथ मोटे गुलाबी निप्पल बल्ब की रौशनी में साफ़ दिखाई दे रहे थे । रेखा ने अचानक अपनी ऊँगली को अपने मूह से निकाल दिया।

रेखा अब अपने बेटे के लंड को अपने हाथ से सहलाने लगी, विजय का लंड अपनी माँ का नरम हाथ पड़ते ही अकडने लगा । रेखा अपने बेटे के लंड को अकडता हुआ देखकर उसे अपने हाथ से सहलाते हुए अपनी टांगों को फ़ैलाकर दुसरे हाथ से अपनी चूत को सहलाने लगी ।
विजय का लंड अब फुल आकार में आकर झटके मारने लगा, रेखा ने बेड पर चढ़ते हुए अपने बेटे के लंड को अपने होंठो से चूम लिया । विजय अपनी माँ के होंठ अपने खडे लंड पर पड़ते ही कांप उठा, रेखा थोडी देर के लिए डरकर अपने बेटे से अलग हो गई ।




विजय को अह्सास हो गया की उसके काम्पने से उसकी माँ डर गयी है, वह अपनी आँखें बंद करके नार्मल हो गया । रेखा थोडी देर तक अपने बेटे को देखती रही जब उसे यकीन हो गया की वह नींद में ही है तो वह अपने बेटे के लंड को फिर से पकड कर सहलाते लगी ।
रेखा ने इस बार अपने बेटे के लंड को सहलाते हुए अपनी चूत में एक ऊँगली डालकर अंदर बाहर करने लगी । रेखा जब अपने बेटे का लंड देखती थी तो उसे अपने जिस्म में अजीब किस्म की सिहरन का अह्सास होता था, इसीलिए वह अपने बेटे के कमरे में आई थी।

रेखा अपनी चूत का पानी अपने बेटे के लम्बे और मोटे लंड को अपने हाथ में पकडकर निकालना चाहती थी ।रेखा अपने बेटे के लंड को सहलाते हुए ज़ोर से अपनी दो उँगलियाँ अपनी चूत में अंदर बाहर करने लगी ।
रेखा बेड पर अपनी टाँगें फैलाकर बैठी थी और उसकी चूत सीधे अपने बेटे के मुँह की तरफ थी, विजय ने इस बार जैसे ही अपनी आँखें खोली उसे अपनी माँ की दोनों टांगों के बीच फ़ैली हुयी बड़ी चूत नज़र आई। जिसमें वह अपनी उँगलियाँ अंदर बाहर कर रही थी ।

विजय आज की रात में दूसरी चूत देख रहा था। पहले वह अपनी बड़ी बहन की छोटी सी गुलाबी चूत देख चूका था । मगर इस बार उसके सामने अपनी माँ की बड़ी मोटे दाने वाली चूत थी जिस चूत से वह खुद निकलकर इस दुनिया में आया था ।
रेखा झरने के बिलकुल क़रीब थी क्योंकी वह अपने चूत में दोनों उँगलियाँ बुहत ज़ोर से अंदर बाहर कर रही थी और वह अपनी ऑंखें बंद करके सिसक रही थी । विजय को अपनी माँ की चूत और चुचियां अपनी बड़ी दीदी से ज़्यादा अच्छी लग रही थी।

विजय बड़े गौर से देख रहा था की उसकी माँ की चूत में उसकी उँगलियाँ अंदर बाहर हो रही थी । रेखा का हाथ अब अपने बेटे के लंड पर एक जगह पडा था, विजय को अपनी माँ की बड़ी बड़ी चुचियां बुहत ज़्यादा रोमान्चक कर रही थी ।
रेखा के मूह से अचानक एक ज़ोर की सिसकी निकली । विजय ने देखा के उसकी माँ की चूत से सफेद सफेद पानी निकल कर उसकी उँगलियों से होता हुआ नीचे गिर रहा है । विजय समझ गया की उसकी माँ झर चुकी है।




रेखा ने पूरी तरह झरने के बाद अपनी ऑंखें खोली उसकी चूत से बुहत पानी निकला था और उसे अब अपना जिस्म कुछ हल्का महसूस हो रहा था । विजय ने अपनी माँ की ऑंखों के खोलने से पहले ही अपनी ऑंखें बंद कर ली थी ।
रेखा ने आखरी बार अपने बेटे के लंड को देखा, विजय के लंड के गुलाबी सुपाडे में से वीर्य की बूँदे निकल रही थी । रेखा ने मुस्कुराते हुए उसे अपने हाथ में पकडते हुए एक किस दे दी और अपनी जीभ निकाल कर अपने बेटे के लंड के चेद पर घुमाते हुए उसके लंड से निकलते हुए वीर्य की बूँदों को चाट लिया।

रेखा अपनी नाइटी पहनते हुए अपने बेटे के कमरे से निकल गयी और अपने कमरे में जाकर सो गयी, विजय की हालत फिर से ख़राब हो चुकी थी । विजय के लंड पर जब उसकी माँ ने जीभ फिराई थी उस वक्त के मज़े का अहसास सिर्फ वह जानता था ।
विजय का लंड झटके मार रहा था, उसे अबतक अपनी माँ की जीभ अपने लंड पर महसूस हो रही थी । विजय ने अपने लंड को हाथ में लेकर आगे पीछे करना शुरू कर दिया ।

विजय अपने लंड को सहलाता हुआ उस पल को याद करने लगा जब उसकी माँ ने उसके लंड पर जीभ फिराई थी, अचानक विजय को एक ख़याल आया और वह बेड से उतरते हुए जहाँ उसकी माँ झरी थी। वहां पर अपने नाक से उसकी चूत से निकला हुआ पानी सूँघने लगा ।
विजय को उस जगह की गंध बुहत अच्छी लगी और वह अपनी माँ के चूत के निकले हुए पानी की महक से पागल होने लगा । विजय उस जगह को सूँघते हुए अपने लंड को ज़ोर से आगे पीछे करने लगा।

विजय कुछ ही देर में हाँफता हुआ झरने लगा । विजय झरने हुए अपनी जीभ निकालकर अपनी माँ की चूत का पानी चाटने लगा, विजय के लंड से जाने कितना वीर्य निकल कर उसके बेड की चादर पर गिरने लगा ।विजय झरने के बाद बिलकुल बेसुध होकर वहीँ पर गिर गया ।
विजय को थोडी देर बाद जब होश आया तो वह अपने आप पर हैरान रह गया । विजय को अब भी अपनी जीभ में अपनी माँ की चूत के पानी का ज़ायक़ा महसूस हो रहा था, विजय ने बेड से उस चादर को उठाकर बाथरूम में पडी बाल्टी में डाल दिया ।




विजय ने बाल्टी में पानी ड़ालते हुए अपने कमरे में आ गया और दूसरी चादर बेड पर बिछाते हुए लेट गया। विजय लेटे हुए अपनी माँ के बारे में सोचने लगा, वह सोच रहा था की उसकी माँ उस में इतना इंट्रेस्ट क्यों ले रही है ।
विजय अपनी माँ के फिगर का दीवाना हो चुका था, वह सोच रहा था कुछ भी हो उसकी माँ का फिगर है बड़ा मस्त । विजय ने फैसला कर लिया के वह अपने लंड को अपनी माँ की चूत की ज़रूर सैर करवाएगा क्योंकी वह अपनी माँ की बड़ी बड़ी चुचियों और उसकी मांसल चूतड़ों का दीवाना हो चूका था।

दोस्तो यह तो था इस घर का हाल। मगर यह कहानी एक घर की नहीं बल्कि पूरे परिवार की है तो चलते हैं रेखा के माँ बाप के घर की तरफ।


रेखा का छोटा भाई समीर जिस की उम्र 38 इयर थी वह अपनी बहन की तरह बहुत गरम था और आज भी वह अपनी बीवी 36 इयर की नीलम को उल्टा किये हुए चोद रहा था ।
यहाँ पर कहानी वहां से उलटी थी नीलम ज़्यादा सेक्स पसंद नहीं करती थी, मगर समीर तो डेली चुदाई के बिना रह ही नहीं सकता था ।

"आह्ह श नीलम समीर की चुदाई से दूसरी बार झर रही थी।
नीलम ने समीर से कहा "अब निकालो बुहत हो गया मुझे दर्द हो रहा है"
"यार तुम इतनी जल्दी फ़ारिग हो जाती हो इस में मेरा क्या क़सूर" समीर ने अपनी बीवी से कहा।
"मैं तुम्हें अपने हाथों से फ़ारिग कर देती हूँ" नीलम ने थोडा आगे होते हुए अपने पति के लंड को अपनी चूत से निकाल दिया और सीधा होते हुए अपने हाथ से सहलाने लगी ।
"हाथ से करना होता तो शादी क्यों करता" समीर ने गुस्से से अपने लंड को नीलम के हाथ से छुड़ा लिया।

"मुझे नींद आ रही है, फिर मत कहना की ऐसे ही सो गये" नीलम ने अपने पति को चेतावनी देते हुए कहा।
"भाड में जाओ" समीर ने गुस्से से अपना अंडरबियर पहन लिया और कमरे से बाहर निकल गया ।
समीर बाहर आते ही सोफ़े पर बैठ गया,
"क्या हुआ भाई जान?" समीर ने आवाज़ सुनते ही सामने देखा तो उसकी 36 साल की छोटी बहन ज्योति दुसरे सोफ़े पर बैठी थी ।।।।
"तुम्हे पता है फिर क्यों पूछ रही हो" समीर ने गुस्से से अपनी बहन को जवाब दिया ।




"यार नीलम भाभी की क्या प्रॉब्लम है" ज्योति अपने सोफ़े से उठते हुए अपने भाई के पास आकर बैठते हुए कहा । ज्योति समीर की विधवा बहन थी जो अपने पति के मरने के बाद ८ साल से अपने माँ बाप के घर में रह रही थी ।
ज्योति का पति उससे शादी के दो साल बाद ही मर गया था, उसे कोई बच्चा नहीं था और वह समीर के साथ बुहत फ्री थी । ज्योति कई दफ़ा अपने भाई के साथ उसकी पत्नी के बारे में बात कर चुकी थी, उसे पता था की नीलम ज़्यादा चुदाई से नफरत करती है।

"यार पता नहीं किस दोष की सजा मिल रही है, दूसरी औरतें बड़े और तगडे लंड से चुदने के लिए तरसती है और यह है की भागती रहती है" समीर ने उदास होते हुए कहा।
"उदास मत हो" ज्योति ने अपने भाई के सर को पकड़ कर अपनी गोद में रखते हुए कहा ।
समीर अपना सर अपनी छोटी बहन की गोद में रखते हुए उसे देखने लगा, ज्योति आज एक नाइटी पहने हुए थी और बेहद सूंदर लग रही थी । समीर की नज़र आज पहली बार अपनी छोटी बहन को एक औरत की नज़र से देख रहा था ।

समीर को इतने नजदिक से अपनी छोटी बहन की पतली नाइटी के अंदर से उसकी ब्रा में क़ैद आधी नंगी चुचियों का दीदार होने लगा । ज्योति का फिगर बुहत ज़बर्दस्त था। उसका क़द ५।६ इंच था उसकी चुचियां ३६ साइज की थी और उसके चूतड़ बहुत मोटे थे ।ज्योति अपने बड़े भाई के सर में हाथ डाल कर उसके बाल सहला रही थी, अचानक ज्योति की नज़र अपने बड़े भाई के अंडरवियर पर पडी । ज्योति अपने भाई के अंडरवियर को देखकर हैंरान रह गयी क्योंकी समीर के अंडरवियर में बुहत बड़ा तम्बू बना हुआ था।

ज्योति अपने बड़े भाई के अंडरवियर में खडे लंड को देखकर 8 सालों बाद आज पहली बार गरम होने लगी, ज्योति ने जैसे ही अपने भाई के चेहरे की तरफ देखा उसे एक झटका लगा क्योंकी उसका सगा बड़ा भाई नाइटी के ऊपर से ही उसकी चुचियों को घूर रहा था ।

ज्योति सोचने लगी बेचारा कितना बदनसीब है बीवी होते हुए भी अपनी दीदी की गोद में पडा है, फिर उसके दिमाग में ख़याल आया की अगर वह अपने भाई को चोदने दे तो उसका भाई भी खुश हो जायेगा और उसे भी मुफ़्त का लंड मिल जायेगा ।





ज्योति अगले पल ही मुस्कुरा उठी की वह हवस की आग में क्या सोच रही है भला कोई भाई भी अपनी बहन को चोदता है । मगर ज्योति का दिल तो अपने भाई का लंड लेने के लिए तैयार था क्योंकी उसके 8 साल की गर्मी आज पहली बार उसे तंग कर रही थी ।

ज्योति सोफ़े पर बैठे हुए अपने पाँव नीचे किये हुए थी और उसका बड़ा भाई सीधा सोफ़े पर लेटे हुए अपना सर अपनी बहन की गोद पर रखे हुए था । ज्योति अचानक झुकते हुए अपने पाँव को खुजाने लगी, ज्योति के ऐसा करने से उसकी चुचियां सीधे अपने भाई के मुँह से टकराने लगी।

"उठ यहाँ पर बुहत मच्छर है" ज्योति अपनी चुचियों को अपने भाई के मूह पर लगते ही सिसक उठी। मगर उसने बात को सँभालते हुए अपने पाँव को ज़ोर से खुजाते हुए मच्छर पर इलज़ाम लगा ड़ाला ।ज्योति अपने पाँव को सहलाते हुए अपनी चुचियों को अपने भाई के मूह पर ज़ोर से रगडने लगी । समीर की भी हालत खराब होती जा रही थी वह अपने बहन की चुचियों को सिर्फ अपने चेहरे पर रगडता हुआ देख रहा था और कुछ कर नहीं पा रहा था ।

"भैया आप का वह है ही इतना बड़ा की भाभी को तकलिफ होने लगती होगी" ज्योति ने सीधा होते हुए अपने भाई के अंडरवियर की तरफ इशारा करते हुए बड़ी बेशरमी से कहा।
"तुम्हारे पति का इतना बड़ा नहीं था क्या?" समीर ने अपने बहन को ज़्यादा फ्री होते हुए देखकर कहा ।
"उसका आपसे थोडा छोटा था, मगर वह 5 मिनट में ही झर जाते थे और आप तो कहते हैं की आप भाभी को 30 मिनट तक चोदते हो तब भी आप झरते नहीं " ज्योति ने शर्म से कन्धा नीचे करते हुए कहा।
"दीदी आप इजाज़त दें तो एक बात पूछूं?" समीर ने अपनी दीदी से कहा।

"हाँ पूछो" ज्योति ने जवाब दिया।
"आपके पति को मरे हुए 8 साल हो चुके है, आपका मन नहीं करता की आप किसी से सम्भोग करें?" समीर ने सीधा सीधा कह दिया ।
"अरे पगले मन तो करता है मगर मेरी किस्मत में नहीं लिखा था तो क्या कर सकते हे" ज्योति ने सीरियस होकर रोते हुए कहा।
"सॉरी दीदी मैंने आप को रुला दिया" समीर ने अपनी दीदी के गालों से ऑंसू को पोछते हुए कहा।
"नही भाई तुम बुहत अच्छे हो" ज्योति ने अपने भाई के माथे को चूमते हुए कहा ।




"दीदी आप औरत हो आप ही बताओ की अगर मरद का लंड लम्बा और तगडा हो और वह बुहत देर तक न झरता हो तो औरत को मजा आता है या तकलीफ?" समीर ने अपनी बहन की तरफ देखते हुए कहा।
"मेरा लाला औरत तो ऐसे मरद के लिए तरसती है" ज्योति ने इस बार अपने भाई के गाल पर किस देते हुए कहा ।
"फिर नीलम की क्या बीमारी है?" समीर ने गुस्से से कहा।
"यार किस्सी औरत में सेक्स की भूख बुहत ज़्यादा होती है हमारे जैसे और किसी में बुहत कम नीलम की तरह" ज्योति ने अपने भाई को समझते हुए कहा।

"हमे आप की जैसी पत्नी चाहिए जो हमारा भरपूर साथ दे" समीर के मुँह से जज़्बात में निकल गया।
"सच बतायें भाई मैं आप को अच्छी लगती हैं" ज्योति ने अपने भाई से पुछा ।
"हा बहना आप हमें बुहत अच्छी लगती हो, काश आप हमारी बहन नहीं होती तो ।" समीर अपनी बात पूरी न कर सका।
"तो क्या भाई?" ज्योति ने तेज़ साँसों के साथ कहा । उसकी साँसें अपने भइया की बात सुनकर तेज़ चलने लगी थी।
"कुछ नहीं दीदी, मैं बहक गया था" समीर ने अपना चेहरा नीचे करते हुए कहा ।

"भया आप हम से कुछ नहीं छुपा सकते, मैं आप की बहन हुई तो क्या हुआ मैं भी एक औरत हूँ । अगर आप को मैं इतनी ही अच्छी लगती हूँ तो आप मुझे ही क्यों नहीं चोदते" ज्योति ने जज्बाती होकर कहा ।
"दीदी आप क्या बोल रही हो" समीर ने शरमिंदा होते हुए कहा।
"भइया कब तक आप तडपते रहोगे और हम भी तो तडप रहे हैं 8 सालों से" ज्योति ने जज़्बाती होते हुए कहा।
"मगर हम आपस में बहन भाई हैं, ज़माना क्या कहेंगा" समीर ने परेशान होकर कहा।
"तो क्या हुआ हम दोनों प्यासे हैं और ज़माने को कौन बता रहा है" ज्योति ने कहा।

"मैं समझ गयी आपको मैं अच्छी नहीं लगती" कुछ देर तक दोनों खामोश रहे और अचानक ज्योति ने अपने भाई को अपनी गोद से हटाते हुए वहां से उठकर जाते हुए कहा।
"ठहरो दीदी" समीर ने भी उठते हुए अपनी बहन को हाथ से पकड लिया ।
ज्योति अपने भाई का हाथ पकडते ही उसके गले से जा लगी, समीर ने भी अपनी छोटी बहन को अपनी दोनों बाँहों में भरते हुए उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिये । दोनों भाई बहन दुनिया से बेखबर एक दुसरे के होंठ चूसने लगे ।




समीर और ज्योति कुछ देर तक ऐसे ही दुनिया से बेखबर एक दुसरे के होंठ चूसते रहे।
"दीदी आई लव यू आप बुहत अच्छी हो" समीर ने अपनी बहन से अपने होंठो को जुदा करते हुए कहा और अपने हाथों से अपनी छोटी बहन की नाइटी को उतारने लगा ।
"भईया आई लव यू २, मैं बुहत प्यासी हूँ ।आज मेरे 8 सालों की सारी प्यास बुझा दो", ज्योति ने अपनी नाइटी उतारने में अपने भइया की मदद करते हुए कहा।
"दीदी आप बेहद ख़ूबसूरत हो" नाइटी उतारते ही समीर ने अपनी बहन का गोरा जिस्म सिर्फ एक छोटी सी ब्रा और कच्छी में क़ैद देखकर कहा।

ज्योति ने अपनी नाइटी उतरते ही नीचे होते हुए अपने भइया का अंडरवियर उतारने लगी।
"वो भईया आपका लंड तो बुहत बडा है" ज्योति ने अपने भाई का अंडरवियर उतारते ही उसका मोटे और लम्बे गुलाबी लंड को देखते हुए अपने होंठो पर जीभ फिराते हुए कहा ।
समीर का अंडरवियर उतरते ही उसका 8.5 इंच लम्बा और 2.50 इंच मोटा लंड हवा में उछलने लगा, ज्योति ने अपने बड़े भाई का लंड अपने हाथ में लेते हुए अपने होंठो से उसके गुलाबी सुपाडे को चूम लिया ।

"आह्ह ज्योति ने जैसे ही लंड को चूमा समीर के मूह से सिसकी निकल गई" । ज्योति ने अपनी जीभ से अपने बड़े भाई के लंड को चाटते हुए उसके गुलाबी सुपाडे को अपने मूह में ले लिया, ज्योति ने जैसे ही अपने बड़े भाई के लंड को अपने मूह में लिया उसे अजीब किस्म की गंध और ज़ायक़ा आने लगा ।
"भईया आपके लंड से अजीब गंध और ज़ायक़ा आ रहा है" ज्योति ने अपने भाई के लंड को अपने मूह से निकालते हुए कहा और उसके लंड को ऊपर से नीचे तक चाटने लगी ।
"आह्ह इस पर तुम्हारी भाभी का पानी लगा हुआ है" समीर ने सिसकते हुए कहा।

समीर की बात सुनकर ज्योति ने उसका सुपाडा फिर से अपने मूह में डाल लिया । समीर ने अपनी छोटी बहन के बालों में हाथ ड़ालते हुए उसके मुँह को अपने लंड पर दबा दिया, ऐसा करने से समीर का आधा लंड उसकी छोटी बहन के मूह में चला गया ।
समीर अपनी बहन के सिर को पकड कर बुहत ज़ोर से अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा । समीर ने देखा की उसकी छोटी बहन की ऑंखों से आंसू निकल रहे हैं इसीलिए उसने अपने लंड को अपनी छोटी बहन के मूह से निकाल दिया ।



समीर ने अपनी बहन के मुँह से अपने लंड को निकालते हुए उसे सीधा कर दिया और उसे अपनी बाँहों में भरते हुए उसके होंठ चूसने लगा । समीर ने अपनी बहन के होंठ चूस्ते हुए अपनी जीभ को उसके मूह में डाल दिया ।

ज्योति मज़े से अपने बड़े भाई की जीभ को अपने होंठो से चूसने लगी, समीर अपने हाथों से अपनी छोटी बहन के पीठ को सहलाते हुए उसकी ब्रा को पीछे से खोल दिया । ज्योति बुहत गरम हो चुकी थी उसने अपने भइया की जीभ को चूसना छोडकर अपनी जीभ को उसके मूह में डाल दिया।

समीर अपनी बहन की जीभ को चूस्ते हुए उसकी ब्रा को उतारने लगा, ज्योति ने अपने मूह अपने भैया के मूह से हटाते हुए अपनी बाहें ऊपर करते हुए अपनी ब्रा उतरवा दी । समीर अपनी छोटी बहन की ब्रा के उतरते ही उसकी चुचियों को देखकर पागल हो गया ।ज्योति की चुचियाँ बुहत गोरी थी और उसकी चूचि के दाने मोटे और हल्के गुलाबी थे । समीर ने अपने दोनों हाथों से अपनी छोटी बहन की दोनों चुचियों को पकड लिया और अपना मूह खोलते हुए उसकी एक चूचि को अपने मूह में ले लिया ।

"आह्ह्ह्ह अपनी चूचि को अपने बड़े भाई के मूह में महसूस करते ही ज्योति सिसक उठी" । समीर तो जैसे अपनी दीदी की चुचियों का दीवाना हो गया, वह बुहत ज़ोर से अपनी छोटी बहन की दोनों चुचियों को बारी बारी चूसने और काटने लगा ।
ज्योति बुहत गरम हो चुकी थी उसकी चूत से पानी निकल कर उसकी कच्छी को भिगो रहा था । समीर अपनी दीदी की चुचियों को जी भरकर चाटने और काटने के बाद नीचे होते हुए उसके पेट को चूमने लगा। समीर अपनी दीदी के पेट को चाटते हुए उसकी कच्छी तक आ गया।

"आह्ह्ह्ह अपनी कच्छी पर अपने भइया के होंठ पड़ते ही ज्योति के मूह से सिसकि निकल गई", समीर ने अपने हाथों से अपनी छोटी बहन की कच्छी को उतार दिया । ज्योति अब बिलकुल नंगी अपने बड़े भाई के सामने खड़ी थी ।
समीर अपनी बहन की कच्छी को उतारने के बाद खडा होकर बड़े गौर से उसे देखने लगा, ज्योति अपने बड़े भाई को अपना जिस्म ऐसे घूरता हुआ देखकर शर्म के मारे उसके गले से जा लगी । समीर ने अपनी नंगी छोटी बहन को गोद में उठाते हुए सोफ़े पे ले जाकर लेटा दिया।

समीर अपनी बहन की टांगों के पास बैठते हुए उसकी दोनों टांगों को आपस में से अलग कर दिया और बड़े गौर से अपनी छोटी बहन की चूत को देखने लगा । ज्योति की चूत पर घने बाल उगे हुए थे ।
समीर नीचे झुकते हुए अपने हाथों से अपनी छोटी बहना की चूत के बालों को साइड में करते हुए हुए उसकी रस टपकाती चूत को घूरने लगा ।
"दीदी आप चूत के बाल साफ़ नहीं करती क्या ?" समीर ने अपनी बहन की चूत की बड़ी झाँटों को सहलाते हुए कहा।
"भइया मुझे यहाँ बुहत शर्म आ रही है, मेरे कमरे में चलो ना" ज्योति ने अपनी ऑंखें बंद करते हुए कहा।

समीर अपनी बहन की बात सुनकर उसे फिर से अपनी गोद में उठा लिया और अपनी छोटी बहन को चोदने के लिए उसे उसके कमरे में ले जाने लगा । समीर ने अपनी बहन को उसके कमरे के बेड पर लेटाते हुए कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया ।
"भइया मैं अपनी चूत को किस के लिए साफ़ करती" ज्योति ने दरवाज़ा बंद करने के बाद अपने भाई से कहा।
"अब तुम अपने भैया के लिए अपनी चूत को साफ़ करना" ।।।।समीर ने बेड की तरफ आते हुए कहा।
"आप ही मेरी झाँटों को साफ़ कर दो ना" ज्योति ने अपने भाई से कहा।
"नही यार अभी छोड़ फिर कभी कर लेना" समीर ने अपनी बहन की टांगों को फ़ैलाते हुए कहा ।


ज्योति की चूत गोरी थी क्योंके झाँटों को दूर करने से उसकी चूत और उसके गुलाबी होंठ नज़र आ रहे थे।समीर ने अपनी छोटी बहन की चूत के झाँटों को दूर करते हुए उसके गुलाबी लबों को छु लिया।
"आह्ह शी अपनी चूत पर अपने बड़े भाई के होंठ पड़ते ही ज्योति मज़े से तड़प उठी।

समीर से अब रहा नहीं जा रहा था उसने अपनी बहन की टांगों को घुटनों तक मोडते हुए उसके चुतडो के नीचे एक तकिया रख दिया । ज्योति की चूत अब बिलकुल खुल कर ऊपर उठ गयी थी और उसकी चूत का छेद खुला हुआ था जिस में से पानी निकल रहा था।
समीर अपनी छोटी बहन की टां के नीचे बैठते हुए अपने लंड को ज्योति की चूत पर रगडने लगा।
"आह्ह भैया आराम से डालना 8 बरसों से यह बंजर है" ज्योति ने सिसकते हुए कहा।
समीर ने अपने लंड को पकड कर अपने बहन की चूत के छेद पर रख दिया ।

समीर अपने लंड को अपनी छोटी बहन की चूत के छेद पर रखकर थोडा ऊपर नीचे करने लगा।
"भइया डाल दो अब बर्दाशत नहीं होता" ज्योति ने अपने चुतडों को उछालते हुए ज़ोर से सिसकते हुए कहा ।
ज्योति की चूत में से उत्तेजना के मारे बुहत ज़्यादा पानी निकल रहा था। जिस से समीर का लंड पूरा भीग चूका था । समीर ने इस बार अपना लंड अपनी बहन की चूत के छेद पर रखते हुए एक हल्का धक्का लगा दिया।
"उह आह्हः ज्योति के मूह से हलकी चीख़ निकल गई" समीर के लंड का मोटा सुपाडा उसकी छोटी बहन की चूत में फँस गया।

समीर ने अपनी बहन की टांगों को पकडते हुए एक और धक्का मार दिया।
"उई माँ मर गयी ज्योति दर्द के मारे झटपटाने लगी" समीर का लंड अपनी बहन की चूत को चीरता हुआ ३ इंच तक अंदर घुस गया ।
"दीदी क्या हुआ आप शादिशुदा होकर भी इतना चीख़ रही हो?" समीर ने अपनी दीदी से पूछा।
"भइया आपका बुहत मोटा और लम्बा है और मेरी चूत ८ साल से चूदी नहीं है इसीलिए वह बंद हो चुकी है। प्लीज आराम से करना" ज्योति ने दर्द के मारे सिसकते हुए कहा ।

समीर अपनी छोटी बहन को जितना लंड अंदर गया था उसी से हलके धक्के लगाते हुए चोदने लगा, कुछ ही धक्कों के बाद ज्योति की चूत में लंड ने अपनी जगह बना ली और वह मज़े से सिसकते हुए अपने बड़े भाई से चूदवाने लगी ।
ज्योति की चूत से मज़े से रस निकल रहा था जिस वजह से समीर का लंड आराम से उसकी चूत में अंदर बाहर हो रहा था । समीर ने अब अपनी बहन की टांगों को पकडते हुए ज़ोर से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा। बुहत ज़ोर लगा कर चोदने की वजह से समीर का लंड सरकता हुआ ६ इंच तक उसकी बहन की चूत में घुस चूका था।

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