HOT STORIESOF INDIANS: चूतो का समुंदर7(6-10)

Sunday 26 July 2020

चूतो का समुंदर7(6-10)






पूरा रूम चुदाई की सिसकारियो से भर गया और गूज़्ने लगा

आंटी-आहह…आहह…अहहह…ज्जूौरर सीए….आहह

दीपा—हहा..आईइसे हिी…रजनी…जौर्र..सी..आहहाहह

आंटी-आहः..आह..ह…अहहह…अहहहह…यईसस्स….यईसस्स….आहह...ईएसस्स

दीपा-आअहह…हहहहा…आईयायाईए..हहिि..अहहः...ऊहह..ऊहह



त्ततप्प्प….त्ततप्प्प…त्तप्प..आहह…उउउंम..हमम्म..आहः.
.त्तप्प…त्तप्प्प..आहहह..अहहहह


कुछ देर बाद मैने आंटी को नीचे उतार दिया ..और दीपा भी नीचे आ गई


मैं-आओ आंटी थोड़ा चूत रस तो पिलाओ अपना

आंटी-अभी आई बेटा....मेरी चूत तो वही करेगी जी तुम कहोगे..

दीपा- हाँ रजनी..जा...और मेरी चूत लंड का ख्याल रखेगी...

इसके बाद मैं सोफे पर लेट गया और आंटी अपनी चूत खोल कर मेरे मुँह पर बैठ गई और मैं उनकी चूत चूसने लगा…

फिर दीपा भी सोफे पर आई और मेरे लंड पर चूत रख कर बैठ गई और पूरा लंड चूत मे लेकर उछलने लगी और अपने हाथो से अपने बूब्स मसल्ने लगी

आंटी भी अपने बूब्स मसल्ने लगी और मैं आंटी की चूत चूसने लगा…


ऐसे ही चुदाई और चुसाइ करते हुए हमे 40 मिनट हो गये थे …

आंटी मेरे मुँह का और देपा मेरे लंड का बार सहन नही कर पाई और साथ-साथ झड़ने लगी...




आंटी—आहहह,,,,,…म्मैम्बा िईन्न्न,…आइईइ..ब्बेट्टा..आ….कूवस्स्स ल्ल्ल्ली

दीपा- म्म्मा,ईिईन्न बहिि…अहहह….आहह

मैं-सस्ररुउप्प्प …सस्ररुउउप्प..सस्ररुउप्प्प…सस्ररुउपप

इसी तरह दीपा और आंटी साथ मे झड गई 

आंटी का चूत रस मेरे मुँह मे चला गया और दीपा का चूत रस मेरे लंड से होते हुए सोफे पर

झड़ने के बाद मैं आंटी का चूत रस पीने लगा...तब तक आंटी मेरे मुँह पर ही बैठी रही...

और दीपा भी झड़ने के बाद उछलती रही मेरे लंड पर...

जब मैने आंटी का चूत रस पी लिया तो मैं रुक गया और मैने आंटी को नीचे किया और दीपा भी नीचे आ गई और मैने कहा....

मैं-अब तुम दोनो को लंड रस पिलाता हूँ

दीपा-हाँ..यही तो चाहिए

आंटी-जल्दी दो

मैने दोनो को घुटनो के बल बैठाया और उनके सामने खड़ा हो गया

दोनो ने मेरे लंड को हाथ से हिलाना शुरू किया और देखते ही देखते मेरा लंड रस निकलने लगा...

मैने पहले दीपा के मुँह पर और फिर आंटी के मुँह पर लंड रस की बौछार कर दी…

और खाली हो गया

दीपा और आंटी ने अपने हाथो से अपने मुँह मे लगा लंड रस चाटा और फिर बारी –बारी मेरे लंड को चूस कर सॉफ कर दिया..और मैं सोफे पर बैठ गया

उसके बाद आंटी और दीपा ने एक –दूसरे के मुँह पर लगा लंड रस चाट कर पूरा सॉफ कर दिया और आ कर मेरे दोनो तरफ बैठ गई…..
दमदार चुदाई के बाद हम बैठ कर बाते करने लगे

मैं-मज़ा आया

दीपा-हां,,बहुत

मैं-और आंटी आपको

आंटी- सच मे बेटा…बहुत मज़ा आया

मैं-ह्म..तो आंटी दीपा की चूत कैसी लगी

आंटी-इसकी चूत तो पहले भी चखि है,,,

मैं-सच मे…क्यो दीपा

दीपा-हां…हम आपस मे चूत चाट कर एक दूसरे को शांत कर लेते है

मैं-क्यो …पति है ना दोनो के

दीपा-अरे उनका होना ना होना ठीक ही है

आंटी-सच कहा

मैं-मतलब

दीपा-अरे उनका तुम्हारे जितना नही है …और हमे छोटे से लंड से मज़ा नही आता ….

आंटी-हाँ..और अब तो वो गरम करके ही झाड़ जाते है…और चूत प्यासी रह जाती है

मैं-तो इसके बारे मे क्या ख्याल है तुम्हारे(मैने मेरा लंड दिखाते हुए पूछा)

आंटी और दीपा ने एक दूसरे को देखा और फिर दोनो ने झुक कर एक साथ मेरे लंड को चूम लिया....



आंटी-अब ये हमारी चूत के लिए है…

दीपा-हाँ…अब ये चूत इसी को अंदर लेगी

मैं-अच्छा..सच मे

आंटी-हाँ बेटा..हम दोनो जिंदगी भर इसी से चुदेगि….

दीपा- सही कहा…हम दोनो तुम्हारी है आज से

मैं-ठीक है …आज से तुम दोनो मेरी रखैल हो समझी

दीपा-जी सरकार

आंटी-जी सरकार


और दोनो ने मुझे किस कर दिया


मैं-ओकक,,,अब क्या इरादा है

दीपा-मन तो चुदाई का है पर सोना पड़ेगा

आंटी-हां,,,,कल पूल पार्टी भी है…क्या करे...???

मैं-देखो मैं तो थक गया हू ..आज चुदाई बहुत कर ली…अब मुझे सोना है

दीपा-ओके तो सो जाते है…वैसे भी अब जब चाहो चोद लेना हमे…क्यो रजनी..???

आंटी-हा सही कहा ..अब तुम सो जाओ…शायद कल कही और मेहनत करनी पद जे…क्यो दीपा..

दीपा(हँसते हुए)-सही कहा…ऐसा लंड जिसे दिख जायगा वो तो खाएगी ज़रूर

मैं-कल की कल ..अब जाओ मुझे सोने दो

उसके बाद आंटी और दीपा मेरे लंड को और मुझे किस करके अपने कपड़े हाथ मे लेकर नंगी ही अपने-अपने रूम मे चली गई….

उन्हे पता था कि रूम पास मे है और कोई देखने वाला नही…सब सो रहे होगे

पर वो ग़लत थी… कोई था जो जाग रहा था और उनके जाने का वेट कर रहा था …..

कौन था वो…?????


दीपा और आंटी के जाने के बाद मैं उठा और डोर लॉक करके बाथरूम मे चला गया

जब मैं फ्रेश होकर आया तो मेरा सेल बज रहा था..

मैने देखा कोई अननोन नंबर. से कॉल था , मैने कॉल पिक की…

( कॉल पर)

मैं-हेलो

अननोन-…….(चुप)

मैं-हेलो….हू ईज़ दिस

अननोन-……(फिर चुप )

मैं(गुस्से मे)- गो टू हेल…

मैने कॉल कट कर दी…और सोने का सोचने लगा

तभी मेरे सेल फिर से बजने लगा...ये वही नंबर. था

मैं-हेलो

अननोन-.......(फिर से चुप )

मैं(गुस्से मे)-बोलना है तो बोल वरना रख दे

अननोन-हाई…हेलो

ये किसी लड़की की आवाज़ थी…मैं सोचने लगा कि ये कौन हो सकता है….क्या मनु???

मैं-हाँ कौन बोल रहा है

अननोन- अपना ही समझिए

मैं-अपना....कौन हो तुम...???

अननोन-बता दूँगी ….वेट करो

मैं-वेट करू…सुनो मैं किसी का वेट नही करता …बताना हो तो अभी बताओ वरना भाड़ मे जाओ

अननोन-इतनी जल्दी क्या है….थक गये क्या..??

मैं-हां..थक गया हूँ…सोना है मुझे…

अननोन- क्यो इतना कैसे थक गये …क्या कर रहे थे…



मैं सोचने लगा कि आवाज़ से तो ये औरत 30-32 साल की लगती है पर कौन हो सकती है..???

ना ये मनु है और ना ही रिचा….दीपा और आंटी का तो स्वाल ही पैदा नही होता और ना ही ये आवाज़ कामिनी की है…तो ये है कौन

अननोन-क्या हुआ …कहाँ खो गये

मैं(गुस्से से)-मैं थक गया हूँ और सोने जा रहा हूँ

अननोन-हाँ सही है दो-दो औरतों के साथ मज़े करोगे तो थक ही जाओगे ना

मैं उसकी बात सुनकर शोक्ड हो गया…

मैं सोचने लगा कि क्या गेट खुला था….??? ,,,नही दीपा ने बंद तो किया होगा ....???

पर उसका क्या भरोसा...साली चुदाई के चक्कर मे भूल तो नही गई..???

तभी सामने से बो बोली….

अननोन-क्या हुआ…यही सोच रहे हो ना कि मुझे कैसे पता

मैं-नही….पता हो भी तो मेरा क्या उखड लोगि…जो करना है करो…दिमाग़ मत खाओ

अननोन-सोच लो …क्या-क्या कर सकती हूँ मैं

मैं(गुस्से से)-जो करना है कर लो....और तू सामने आ तुझे भी चोद दूँगा

अननोन –अच्छा....वैसे हथियार तो मस्त है तुम्हारा

मैं(मन मे)-पक्का साली दीपा ने गेट बंद नही किया था

अननोन-क्या सोचने लगे

मैं(नौरमल)-सोने दोगि…

अननोन- सो जाना , थोड़ी देर रूको तो

मैं-अच्छा ये बताओ तुम चाहती क्या हो

अननोन-ये हुई ना समझदारी की बात…

मैं-अब बोलो भी…क्या चाहिए तुम्हे

अननोन – वही जो तुम कुछ देर पहले उन दोनो को दे रहे थे

मैं-मतलब

अननोन-तुम्हारा…बड़ा सा लंड

मैं(खुश होकर)-ओह्ह…तो आ जाओ तुम्हे भी चोद डालता हूँ

अननोन-नही, अभी नही आ सकती…कल

मैं-ओके…कल तो कल पर कहाँ..???

अननोन –वो मैं कॉल कर के बता दूगी

मैं-ठीक है बट कल तो पूल पार्टी है

अननोन-हाँ जानती हूँ….पर टेन्षन मत लो मैं अच्छा टाइम ही चुनूगी…ताकि तुम्हारा मज़ा भी खराब ना हो और मैं भी मज़े कर सकूँ

मैं-ठीक है….कल…अरे अपना नाम तो बता दो

अननोन-वेट करो..कल सब खुच खुल कर बता दूगी…हहेहहे

मैं-ओके तो अभी सो जाउ

अननोन-ओके..गुड’नाइट

मैं-गुड’नाइट

फ़ोन रखने के बाद मैं मन मे खुश था कि चलो एक और माल चुदाई के लिए मिल गया…पर कैसा होगा..???

और एज क्या होगी….हाँ…कैसा भी हो बस बॉडी मस्त होनी चाहिए,,,,और बॉडी अच्छी हो तो आगे कौन देखता है..

और रही बात फेस की तो चुदाई मे चेहरे का क्या काम…वो अच्छा ना भी हो तो फ़िक्र नही…अब सो जाते है

मैं जैसे ही लाइट ऑफ कर के बेड पर लेटा . ....वैसे ही सो गया….इतनी चुदाई जो की थी आज

देखते है कल क्या होगा…उस अननोन औरत के साथ और पूल पार्टी मे………......


पूरी रात मे मदहोशी की हालत मे सोता नही…बॉडी बुरी तरह थक चुकी थी तो फुल रेस्ट माग रही थी…

वैसे तो मैं एक्सर्साइज़ करने को सुबह जल्दी ही जागता हूँ बट आज तो पता ही नही चला कि रात कब निकली और सुबह कब हुई…

खट-खट…खट-खट….उठ भी जाओ..हेल्लूओ…सुबह हो गई बेटा….खट-खट...

इस तरह की आवाज़े सुनाई दे रही थी…पता नही क्या हो रहा है…अचानक मैने आँखे खोल दी

मैं(मन मे)-ओह्ह…ये तो मेरा ही गेट कोई नॉक कर रहा है….कौन..???.....अरे ये तो आंटी है…

मैं बेड से उठा और गेट खोल दिया

आंटी-कितनी देर से नॉक कर रही हूँ…सुनाई नही देता

मैं-वो मैं सो रहा था आंटी

आंटी-ऐसे कैसे सो रहे थे कि होश ही नही कुछ

मैं-क्या करू आंटी कल कुछ ज़्यादा ही थक गया था

आंटी(मुस्कुरा कर)-हाँ…कल मेहनत भी तो बहुत की थी…

मैं-(स्माइल देकर)-हाँ…वो तो है

आंटी-अब मुझे अंदर आने दोगे

मैं-ओह..सॉरी आओ ना(और मैं गेट से अंदर की तरफ आ गया)

अंदर आते ही आंटी ने गेट लॉक कर दिया और मेरे गले से लग गई

आंटी-थॅंक यू बेटा

मैं-थॅंक्स किस लिए आंटी

आंटी-कल रात जितना मज़ा करवाया उतना मैने कभी सोचा भी नही था…थॅंक्स

मैं(आंटी को बाहों मे कस कर)-आगे –आगे देखती जाओ आंटी मैं क्या-क्या करता हूँ

आंटी-कुछ भी करो…अब मैं सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारी हूँ

मैं(आंटी को किस कर के)-बस अब तो मज़ा ही मज़ा है आंटी…आप साथ हो तो लाइफ रंगीन होगी

आंटी-अच्छा वो तो होगी है बट पहले रेडी हो जाओ…देखो 9 बज गये है…आज पूल पार्टी है…याद है ना

मैं-ओह हाँ…आज तो मज़े करेगे

आंटी-हाँ…वो तो करेगे पर मज़े करने के लिए खाना भी ज़रूरी है ना..

मैं-क्या मतलब..???

आंटी-अरे मेरे राजा….नाश्ता रेडी है….फ्रेश हो कर आ जाओ….

मैं-आंटी आज साथ मे नहाते है..

आंटी-आज नही…लेट हो गया…कल पक्का…

मैं-ये क्या आंटी…आप मेरी बात नही मानोगी

आंटी-अरे बेटा तू कहे तो जान दे दूं…पर अभी रिक्वेस्ट है…जाने दो…कामिनी वेट कर रही है…पल्लज़्ज़्ज़.....मेरे जानू

और आंटी ने मुझे किस करना शुरू कर दिया



मैं(आंटी की गंद दबा कर)-ओके आंटी…आज आप जाओ….कल नही जाने दूँगा

आंटी-थॅंक यू बेटा….कल पक्का

और इसके बाद आंटी मुझे जल्दी आने का बोल कर नीचे चली गई….और मैं गेट बंद करके बाथरूम मे


मैं शावेर ले कर रूम मे आ गया और रेडी हो कर नाश्ता करने चल दिया

जाते हुए मैं रात के कॉल के बारे मे सोचने लगा….की

अगर उसने मेरा लंड देख कर कॉल किया है तो इसका मतलब वो हमारे रूम के पास ही रुकी हुई है…और हो ना हो वो भी नाश्ता करने आई ही होगी…देखते है शायद कोई क्लू मिल जाय..

नही तो वो अपने आप कॉल करेगी…लंड चाहिए तो पक्का कॉल करेगी…

यही सब सोचते हुए मैं नीचे पहुच गया ...

जहाँ बड़ी सी डाइनिंग टेबल पर कई लोग नाश्ता कर रहे थे....कुछ और टेबल्स भी लगी हुई थी...लोग ज़्यादा थे ना...

मैं देख ही रहा था कि....

आंटी-अरे बेटा ..यहाँ ..हाँ..आ जाओ

मैं आंटी की टेबल पर जा कर साथ मे बैठ गया…उस टेबल पर दीपा और आंटी के साथ 1 लड़का और 2 औरते बैठी हुई थी….दीपा ने मुझे देखते ही शरारते मुस्कान मार दी…

मैं भी मुस्कुराते हुए नाश्ता करने बैठ गया ….

तभी आंटी ने हमारे साथ बैठे लोगो की पहचान करवाना शुरू कर दिया

आंटी-बेटा ये कामिनी की भाभी है सुषमा…और ये उनका बेटा सोनू…और हाँ ये है कामिनी की ननद ..पायल

मैं-हेलो एवेरिवन

पायल-हेलो

सोनू-हाई

सुषमा(चुप रही बस मुझे देख कर स्माइल कर दी)

आंटी(मेरी तरफ हाथ करके)-और हाँ.. ये है मेरे बेटे का बेस्ट फरन्ड अक…मेरे बेटे जैसा ही है

मैं(मन मे)-अब तेरे पति जैसा भी हूँ…हाहहहहा

जान-पहचान के बाद सब नाश्ता करने लगे…पूरे नाश्ते के दौरान हम सब बाते करते रहे बट सुषमा ने कोई बात नही की बस मुझे चुपके से देख लेती थी और स्माइल कर देती

दीपा और आंटी तो मुझे हवासी नज़रों से देखते हुए मुस्कुरा देती थी…….सोनू अपने नाश्ते के साथ इधर-उधर की बाते कर रहा था.....

और पायल…सिर्फ़ बात का जवाब देती जा रही थी…वो मुझे उदास सी दिख रही थी…और शायद अपनी उदासी को छुपाए हुए थी…पता नही क्या हुआ…मैं तो बस उसकी बॉडी को देख रहा था…

पायल एक मस्त माल दिख रही थी…लेकिन पूरी तरह से घरेलू औरत जैसी लग रही थी…

इसी तरह हमारा नाश्ता चलता रहा…

जब नाश्ता हो गया तो मैने आंटी को बोला कि मैं बाहर हो कर आता हूँ….

आंटी लोग भी शादी के काम मे लग गये और मैं हवेली के गार्डेन मे घूमने लगा

मैं सोचने लगा कि ये पायल इतनी उदास सी क्यो थी…..ये भी मस्त आइटम है….इस पर भी ट्राइ मरूगा…बट अभी नही….अभी तो साली वो फ़ोन वाली आ जाय बस….

ऐसे ही मैं घूम रहा था और फ़ोन वाली के बारे मे अंदाज़ा लगा रहा था

मैं(मन मे)-सुषमा मुझे देख कर कुछ बोली नही बस अजीब तरह से देखे जा रही थी…कहीं यही तो नही कॉल वाली..???

अगर ये है तो ठीक है…सुंदर ना सही बट मस्त माल है…मोटी है बट गंद दमदार है

मैं सोच ही रहा था कि मेरा फोन बजने लगा...मैने देखा कि ये तो रात वाला नंबर है..मैने कॉल पिक किया


( कॉल पर)

मैं-हेलो

अननोन-हेलो…गुड’मॉर्निंग

मैं-गुड’मॉर्निंग…अब सामने भी आ जाओ

अननोन-आउन्गी…थोड़ा रुक जाओ

मैं-देखो अब बहुत गया…आ जाओ नही तो भाड़ मे जाओ

अननोन-अरे गुस्सा मत करो….आउन्गी बस 20-25 मिनट रुक जाओ

मैं-ओके….लास्ट चान्स …इसके बाद टाइम नही दूँगा…मुझे पूल पार्टी मे भी जाना है

अननोन-हाँ पता है…पर वो तो 3-4 बजे ही शुरू होगी…अभी तो 10.30 ही बजे है…टाइम है ना

मैं-हाँ…बट तुम 11 तक आओगी तो 1 घंटा तो तुम्हे चोदने मे निकल जायगा ना

अननोन-(हँसते हुए)- एक घंटा चोद पाओगे

मैं-क्यो रात को ये नही देखा सिर्फ़ लंड ही देखा मेरा

अननोन-क्या करूँ..डर लग रहा था और चूत भी पानी छोड़ने लगी थी तो लंड देख कर ही आ गई थी

मैं-कोई बात नही..आ जाओ आज सब दिखा दूगा

अननोन-ओके…बस आती हू..कॉल का वेट करना

मैं(कुछ बोलता उसके पहले ही कॉल कट, कॉल कट होने से पहले किसी की आवाज़ आई थी , शायद कोई उसे बुला रहा था)

कॉल रख कर मैं गार्डेन मे बैठ गया …वहाँ मैने संजीव को कॉल किया…और बोला कि अभी काम नही हुआ और थोड़ी बात करने के बाद कॉल रख दिया

उसके बाद मैने डॅड को और सविता को कॉल करके घर का हाल चाल पूछा…फिर मेरी रेणु दी के साथ मस्ती भरी बाते की और कॉल रख दिया

ऐसे ही 20 मिनट निकल गये तभी मुझे कॉल आ गया

( कॉल पर )

मैं-हेलो

अननोन-हेलो…मैं ये बोल रही थी..कि

मैं(बीच मे ही बोल पड़ा)-तुम्हारा टाइम हो गया…..आना हो तो आओ…वरना मैं चला

अननोन-मेरी बात तो सुनो प्लीज़

मैं-क्या है बोलो…

अननोन –मैं नही आ सकती….वो मेरे….

मैं(बात काट ते हुए)-क्या मज़ाक है….ये …मैं यहाँ 2 मिनट से…

इससे पहले की मैं आगे कुछ बोलता…मुझे दूसरी तरफ 1 मर्द की आवाज़ आई जो गुस्से से बोल रहा था…

अननोन के कॉल पर- 

मर्द-तुम्हे जाने की पड़ी है और यहाँ काम कौन करेगा

औरत-वो मैं बस…मना ही कर रही थी

मर्द-कौन है …लाओ फ़ोन यहाँ ..मैं मना कर देता हूँ..

अओरत-अरे…आपप…क्यो…मैं बोल रही हूँ ना…आप रूको

मर्द-ठीक है ..मना करो और जल्दी आओ…मैं जाता हूँ

फिर वो औरत मुझसे बात करने लगी

अननोन-सॉरी..सॉरी…सॉरी..मैं नही आ पाउन्गी आज…सॉरी..प्ल्ज़्ज़

मैं-कोई बात नही……मैने सब सुन लिया…वो तुम्हारा पति था ..??

अननोन-हाँ….प्ल्ज़्ज़…क्या हम बाद मे मिल सकते है…

मैं-अरे कोई नही….पति पहले…हमारा क्या…जब टाइम हो तो कॉल कर लेना

अननोन-ओह..थॅंक यू…..मैं कॉल करूगी

मैं-अरे…अपना नाम तो बता दो…

अननोन-वो तो मिल कर ही बताउन्गी..हहेहहे

मैं-ओके…जल्दी मिलना

अननोन-बिल्कुल…तुमसे ज़्यादा जल्दी मुझे है…अभी जाती हूँ..बब्यए

मैं-ओके…बब्यए


मैने उससे तो कह दिया कि जाओ…पर मेरा मूड ऑफ हो गया…साला…आज सुबह आंटी भी जल्दी मे थी और अब ये भी नही आई..क्या करूँ…..???

मैने सोचा पूल पार्टी मे मस्ती करेगे…पर उसमे तो अभी टाइम है….तब तक क्या करूँ..?????

मैं सोच ही रहा था कि फिर ख्याल आया..कि चलो रूम की तरफ चलते है…दीपा , रिचा या आंटी मिल गई तो चुदाई कर लूगा….और मनु मिली तो प्यार की बाते कर के पटाउंगा…अरे आन्सर भी तो लेना है मनु से…

और कोई नही मिला तो रेस्ट करूगा….पूल पार्टी तक..



ऐसे ही सोच कर मैं अपने रूम मे जाने लगा…लेकिन मे घूमते हुए हवेली के पीछे वाले गलियारे से रूम मे जा रहा था….सोचा इसी बहाने टाइम पास हो जायगा और हवेली भी घूम लूँगा..........


मैं घूमते हुए गलियारे से जा रहा था कि अचानक मुझे एक जानी-पहचानी आवाज़ सुनाई दी..

मैं(मन मे)-अरे ये तो आंटी की आवाज़ है…मतलब वो यही कहीं..है…चलो देखता हूँ…उन्हे ही चोदुगा..


मैं आवाज़ के पीछे गया तो देखा..कि गलियारे से साइड से हवेली के पीछे गार्डेन मे आंटी किसी औरत के साथ बाते कर रही थी…

मैने सोचा चलो इनकी बातें सुने…ऑर ये औरत कौन है …????

मैं जैसे ही उनके पास जाने लगा तो वो दोनो थोड़ा आगे जाकर एक छोटे से पेड़ के पीछे बैठ गई…

वहाँ से आंटी का चेहरा मेरे सामने था बट उस औरत का चेहरा पेड़ से छुपा हुआ था…

मैने सोचा कुछ पर्सनल बाते हो रही होगी….जाना चाहिए…

तभी मैने सुना…

आंटी-अब बता पायल क्या छुपा रही है तू

मैं(मान मे)-अरे ये तो पायल है…लगता है आंटी इसकी उदासी की वजह पूछ रही है….मैं भी सुनता हूँ….

मैं धीरे से उनके पास गया ऑर थोड़ी दूर पर पेड़ की आड़ मे खड़ा हो गया ऑर उनकी बातें सुनने लगा…

आंटी-पायल , बोल ना…आख़िर बात क्या है…उसने मना क्यो किया..???

पायल-कुछ नही रजनी ,,,सच मे

आंटी-देख पायल …तू कामिनी की ननद सही..पर हम फरन्ड की तरह रहे है…….ऑर तुम्हारी उदासी मुझे सॉफ दिख रही है….ज़रूर कोई बात है…बता ना

पायल(आंटी की तरफ देखते हुए चुप रही ऑर उदास थी)

आंटी-देख पायल …बता मुझे ..शायद मैं तेरी प्राब्लम सॉल्व कर सकूँ

पायल-पर रजनी..वो..

आंटी-देख …डर मत….ट्रस्ट मी …ये बात मेरे आगे किसी को नही पता चलेगी…

पायल-ओके…पर बता के फ़ायदा नही होगा कुछ भी

आंटी-तू बता तो सही…शायद मैं हेल्प कर सकूँ



पायल-ओके..तो सुन...उनको लगता है कि मैं पार्टी मे किसी से चुदने जा रही हूँ..इसलिए मना किया…

आंटी-ओह माइ गॉड….ऐसा क्या…वो ऐसा क्यो सोचता है…????पार्टी तो मस्ती करने के लिए ही है…

पायल-पर उन्हे बदनामी का डर है….

आंटी-तो तू कह देती कि हम सब औरते ही होगी वहाँ…मर्द नही…

पायल-बोला था…पर नही माने

आंटी-ये तो ग़लत है....इतना तो भरोसा होना चाहिए...

पायल-नही है ना रजनी…ऑर इसका कारण भी वही है

आंटी-वो कैसे…???

पायल-देख रजनी….वो जानते है कि मैं चुदाई के लिए तड़प रही हूँ

आंटी-पर क्यो..क्या वो..तेरे साथ..

पायल-अरे वो क्या करेगा…महीनो से मेरी चूत प्यासी है

आंटी-पर क्यो..??

पायल-रजनी असल मे बात ये है कि शादी के बाद मेरे पति ने मुझे चुदाई का बहुत मज़ा दिया…..लेकिन बाद मे पता चल कि वो सब दवा खाने से कर पा रहे थे…

आंटी-तो क्या…दवा से ही सही मज़ा तो मिल रहा था…

पायल-हां..ऑर मैं खुश भी थी पर एक दिन डॉक्टर ने बोल दिया कि अब दवा ली तो माइंड की नस फट सकती है ऑर मौत भी हो सकती है

आंटी-ओह…फिर

पायल-फिर क्या….तबसे आज तक मेरा बुरा हाल है…वो 2 मिनिट मे ठंडे हो जाते है ओर मैं तड़पती रहती हूँ

आंटी-ये तो ग़लत है..तूने कुछ बोला नही

पायल-अरे उन्होने खुद कहा कि मैं अपनी प्यास बुझा लूँ…पर इज़्ज़त पर आँच ना आए…वरना मुझे छोड़ देगे

आंटी-तो पूल पार्टी मे जाने को मना क्यो किया..???

पायल-वो इसलिए की यहाँ सब हमे जानते है ….मैं किसी के साथ कुछ करूगी तो बात फैल सकती है…..बस यही डर है

आंटी-पर वो तो यहाँ है नही..रात मे आयगे ना

पायल-हां..पर मेरी सासू माँ है ना , मेरी जासूस...

आंटी-तू ये बता कि तेरे पति चाहते क्या है

पायल-यही कि मैं खुश भी रहूं पर बदनामी ना हो..

आंटी-ऑर तू…????

पायल-मैं तो महीनो से एक मस्त चुदाई को तरस रही हूँ..

ये कह कर पायल उदास हो कर ..सिर झुकाए बैठ जाती है

आंटी-अच्छा पायल..अगर मैं तेरी हेल्प कर दूं तो

पायल-क्या करोगी….यहाँ कोई नही जो हम दोनो को जानता ना हो….नही-नही..

आंटी-हाई पायल….ऑर उस पर तेरा पति भी शक नही करेगा…तू बिना बताए मज़े कर सकती है..

पायल(खुशी से)-सच रजनी…पर ऐसा कौन है..???

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