HOT STORIESOF INDIANS: चूतो का समुंदर7(1-5)

Sunday 26 July 2020

चूतो का समुंदर7(1-5)




रिचा-आअहह…सच मे फाड़ ही दी तुमने

मैं-अभी फाड़ दी तो जाने दो…अब मज़ा करता हूँ ..

रिचा-हाँ…जल्दी अब सबर नही होता मेरे राजा

मैं-आज मेरी रानी

और इतना कह कर मैं पास पड़े सोफे पर बैठ गया और रिचा को सोफे के नीचे लिटा कर उसके पैरो को उपर उठा कर उसके सिर की तरफ कर दिया

रिचा-क्या कर रहे हो

मैं-तू बस देख कितना मज़ा देता हूँ…

ये कह कर मैने रिचा की चूत को चाटा और गंद के छेद पर थूक दिया…

इसके बाद मैने रिचा की गंद पर लंड सेट करके अंदर डाल दिया और उसे पैरो से पकड़ कर चोदने लगा....




रिचा-आअहह…आअरररामम से

मैं-आराम से नही….ज़ोर से ले
रिचा-हहा...हहा....आअहह...ज्जूउर्र से


मैं-ये ले
रिचा-आहह...ऑर...त्तेज..आहह


मैं रिचा के पैर को कमर से पकड़े हुए जोरदार शॉट मारता रहा और 10 मिनट ऐसे ही चोदने के बाद

रिचा-आहह...ररूउको...मेरी कमर
मैं-(रुक कर)- क्या हुआ

रिचा-मेरी कमर मे दर्द होने लगा

मैं समझ गया कि इस पोज़िशन मे इसे दर्द हो रहा है...मैने तुरंत रिचा को उठाकर सोफे पर घुटनो के सहारे कुतिया बना दिया......

रिचा भी आगे सिर रख कर थोड़ा झुक गई...मेने फिर पीछे से लंड सेट करके गंद मारना स्टार्ट कर दिया....




और 10 मिनट बाद ...

रिचा----आहहाहह म्मादईयैईंन आआ रहहीी हहू

और रिचा आवने एक हाथ से अपनी चूत मसल्ने लगी

मैने रिचा के कंधो को ज़ोर से पकड़ा और तेज धक्के देने लगा

रिचा-माऐईन्न…आहह…आगगगगगगाविईई


ये कहते हुए रिचा झड गई….मैने भी झड़ने की कगार पर था

मैं-रिचा मैं आया…कहाँ निकालु

रिचा- मुझे टेस्ट करना है..आहह

मैने झट से रिचा की गंद से लंड निकाला और रिचा सोफे पर लेट गई ..

मैं रिचा के मुँह के पास खड़ा हुआ और रिचा ने मेरा लंड पकड़ कर आधा मुँह मे लिया और हाथो से लंड हिलाने लगी…

थोड़ी देर बाद ही मैं रिचा के मुँह मे झड़ने लगा और रिचा मेरा लंड रस पीने लगी ….
फिर रिचा मेरा लंड चूस कर सॉफ करने लगी....


मैं-मज़ा आया,,

रिचा-(लंड मुँह मे भरे हुए)-उउउम्म्म्म

मैं- मुझे भी …सच मे तुम्हारी गंद तो कमाल है

रिचा(लंड मुँह से निकाल कर)-आअहह…तुम भी सॉलिड चुदाई करते हो…मज़ा आ गया

मैं-तो चलो अब चलते है….सब फंक्षन मे हमे देख रहे होंगे

रिचा-ठीक है…

और उसके बाद हमने कपड़े पहने और चेहरे को ठीक-तक करके फंक्षन की तरफ आने लगे

रिचा-अब कब करोगे

मैं-जब मेरा मूड होगा

रिचा-अरे…बोलो ना…करोगे ना..??

मैं(रिचा की गांद पर थप्पड़ मार कर)-क्यो नही तेरी गांद जब बुलाएगी तब आ जाउन्गा

रिचा-ठीक है मेरा नंबर ले लो…तुम जब चाहो जहाँ चाहो…बस कॉल कर देना

हमने नंबर एक्सचेंज किए…रिचा ने कहा

रिचा-प्ल्ज़्ज़ जल्दी आना…सालो बाद चुदि हूँ…वो भी एक मस्त लंड से….अब तड़पाना मत

मैं-ओके..आउन्गा…बट मेरा फ़ायदा करवाना होगा

रिचा-क्या चाहिए तुम्हे…पैसे???

मैं(हँसते हुए)-पैसा तो मेरे पास बेसुमार है...भूल गई क्या

रिचा-ओह सौररी…तो मैं क्या दे सकती हू…अपने जिस्म के अलावा

मैं-मुझे बस प्यार की भूख है…उसे पूरा करती रहना

रिचा-और ये भूख कैसे पूरी होती है

मैं-मुझे चूत और गंद मिले …वो भी मर्ज़ी से…वही मेरे लिए सच्चा प्यार है… समझ गई

रिचा-(मुस्कुरा कर)- हाँ समझ गई…मैं कॉसिश करूगी

मैं-दट’स गुड…

और ऐसे ही बाते करते हुए हम फंक्षन की जगह जाने लगे .


मैने रिचा को रोक कर …बार कोंटेर पर जाकर 1 स्कॉच का गिलास ले लिया....

रिचा- ये किस लिए

मैं-अगर कोई पूछे तो बोल देगे कि हम बार पर थे...आगे कुछ एक्सप्लेन करने की ज़रूरत नही पड़ेगी ..

रिचा-लंड के जैसे दिमाग़ भी तेज है

मैं(मुस्कुरा कर)-वो तो है...और हाँ..याद रहे...किसी को कुछ भी पता ना चले समझी

रिचा-मैं भी यही चाहती हूँ…


और हम बाते करते हुए अपनी टेबल्स पर पहुच गये ...वहाँ आंटी, कामिनी,दीपा और मनु हमे ही देख रहे थे...



जैसे ही हम पास पहुचे…दीपा बोली

दीपा-रिचा….तुम लोग कहाँ थे..??

मैं(स्कॉच दिखाते हुए)- यहाँ 

मनु-पर मैं गई थी तब तुम लोग वहाँ नही थे

मैं(फँस गये)- कब गई थी..??

मनु -तुम्हारे जाने के थोड़ी देर बाद…मैं तुम्हे ढुड़ने गई थी

मैं-मुझे, पर किस लिए...

मनु- अरे वो…मैने सोचा संगीत स्टार्ट हो गया था तो बुला लूँ…और हाँ रिचा तू भी नही थी वहाँ

रिचा(घबडा गई)-मैं..वो…वो

मैं(बात संभालते हुए , बीच मे बोला दिया)-वो हम गार्डेन मे निकल गये थे ….वही बैठे रहे ..बस अवी आया..सौरी टाइम का पता ही नही चला

आंटी-कोई बात नही..अब बैठो और प्रोग्राम देखो

इसके बाद हम सब बैठ कर प्रोग्राम देखने लगे..लेकिन मनु तिरछी नज़रो से मुझे घूरे जा रही थी…जैसे पूछ रही हो कि कहाँ थे तुम

थोड़ी देर बाद प्रोग्राम ख़त्म हो गया और हम सब डिन्नर के लिए निकल गये..

सब डिन्नर करने लगे और मनु मेरे पास आ गई प्लेट लेकर और हम खाते हुए बाते करने लगे

मनु-डिन्नर अच्छा है ना

मैं-हाँ..टेस्टी है

मनु-अच्छा ये बताओ तुम गार्डेन मे थे...??

मैं-हाँ…क्यो..??

मनु-कुछ नही…मैं आई थी तुम्हे देखने

मैं-मुझे..पर क्यों

मनु-वो ..सौरी कहना था

मैं-किस लिए

मनु-वो मैं बिना बोले चली गई थी…तो सॉरी

मैं-ओके..छोड़ो अब..पर ये बता दो कि हुआ क्या था

मनु(चिपटे हुए)-कुछ नही..अब जाने भी दो

ये कह कर मनु का मुँह उदास सा हो गया

मैं-देखो मनु नही बताना तो मत बताओ…पर अपना मूड खराब मत करो…मुझे तुम उदास अच्छी नही लगती
मनु(आँखे बड़ी करके)-अच्छा..तो कैसे अच्छी लगती हूँ

मैं-जब तुम खुश होती हो तो बहुत प्यारी लगती हो

मनु-झूठी तारीफ ???

मैं-नही मनु सच मे तुम मुझे पहली नज़र मे ही अच्छी लग गई थी

मनु-मतलब???

मैं(मन मे)- ये सच मे प्यारी दिखती है…अगर ये मेरी हो गई तो लाइफ हसीन हो जाएगी

मनु-हेलो…कुछ कह रहे थे 

मैं-देखो मनु मैं सच बोल रहा हूँ…तुम मुझे पसंद हो

मनु(मुँह खोले हुए)चुप रही

मैं(अब बोल देता हूँ..जो होगा सो होगा)-मनु…सुनो

मनु(नौरमल होते हुए)- हाँ..??

मैं-मनु आइ लव यू

मनु का मुँह ये सुन कर अटक सा गया…वो कुछ नही बोली

मैं-मनु मैं जानता हूँ कि हमारी आगे सेम नही बट आइ लव यू…और मैं ये भी जानता हूँ कि तुम भी सच्चे प्यार के लिए तड़प रही हो

मनु-ऐसा क्क्क..कुछ नही….

और ये कह कर मनु जाने लगी

मैं-मनु जाने से पहले अन्सर देती जाओ

मेरे बोलने पर मनु रुकी ज़रूर बट बिना कुछ कहे मुझे देख कर फिर चल दी

मैं(पीछे से)-मैं आन्सर का वेट करूँगा…सोच के बता देना


उसके बाद मनु मेरे पास भी नही आई…हाँ डोर से मुझे देख ज़रूर लेती थी,,,बट पास नही आई…..

डिन्नर के बाद हम सब रेस्ट करने अपने रूम मे आ गये…
रूम मे आते ही मैने रूम लॉक किया और पूरा नंगा हो कर बेड पर लेट गया … मैं जानता था कि आंटी आयगी मेरे पास

मैं सोच ही रहा था कि आंटी का मेसेज आ गया

आंटी(म्स्ग)- सोना मत मैं आ रही हूँ थोड़ी देर मे

मैने मेसेज पढ़ कर सेल मे देखा कि संजीव के 2 मिस कॉल थे...

मैने संजीव को कॉल किया

कॉल पर

मैं-हाँ भाई

संजीव(गुस्से मे)-कहाँ था तू

मैं-यार वो म्यूज़िक बहुत लाउड था तो पता नही चला कॉल का(मैं रिचा की गंद मार रहा था तब संजीव का कॉल आया था)

संजीव-ओके, कोई नही,,,ये बता मोम कहाँ है

मैं-यार वो तो अलग रूम मे है

संजीव-ओह नो…अच्छा भाई कुछ बात बढ़ी क्या

मैं(मन मे)-अरे बात क्या…मैने तो उसे खुले आम चोद दिया

संजीव-हेलो…बोल ना

मैं-अरे नही भाई…मैने फ्लेर्ट किया था थोड़ा तो डाँट दिया मुझको…बात क्या खाक बढ़ेगी

संजीव- ओह सिट यार…

मैं-कोई नही...फिर ट्राइ करता हूँ…कुछ होगा तो बताउन्गा

संजीव-ओके…

मैं-चल अब सोने दे कल यहाँ पूल पार्टी है..शायद कुछ काम बन जाए..

संजीव-वाउ…तू मज़े कर ..और हो सके तो मोम को चोद के ही आना

मैं-ओके भाई आइ’ल्ल ट्राइ 

संजीव-ओके गुड’नाइट

मैं-गुड’नाइट

मैने कॉल कट ही की थी कि दीपा का कॉल आ गया

मैं-हाँ बोलो

दीपा-किसके साथ लगे हुए थे …गर्लफ्रेंड..???

मैं-अरे नही वो फरन्ड का कॉल था

दीपा-ओके ओके…अब सुनो

मैं-हाँ बोलो ना

दीपा-आज रात सोना नही…मज़े करेगे

मैं-और वो कैसे

दीपा- मैं आ रही हू थोड़ी देर मे

मैं(कुछ सोच कर)-दीपा एक काम करोगी

दीपा-हुकुम करो जानेमन

मैं-तो रात मे तुम तभी आना जब मैं मिसकॉल दूं..ओके

दीपा-ओके..पर बात क्या है

मैं-आज तुझे तेरी फरन्ड के साथ चोदुन्गा

दीपा- अच्छा..रजनी साथ मे है क्या..??

मैं-नही वो आने वाली है…और उसके आते ही मैं कॉल करूगा और तुम आ जाना ओके..
देपा-पर वो मानेगी..???



मैं-अरे मेरा लंड देख कर तो मान जाएगी..वो मुझ पर छोड़ दो

दीपा-ओके..तो मैं वेट करती हूँ,,बाइ

मैं-बाइ

फ़ोन रख कर मैने सोचा कि आज तो रात हसीन हो गई….पहले वो गद्देदार रिचा और अब ये दोनो मस्त माल…मज़ा आ जायगा…...

मैं आंटी का वेट करते हुए लेट गया

करीब 20 मिनट बाद मेरे गेट पर नोक हुई …मैने होल मे से आंटी को देखा और दीपा को मिसकॉल कर के आंटी को अंदर ले लिया…

आंटी इस वक़्त उसी ड्रेस मे थी…जो फंक्षन मे पहनी थी...

आंटी अंदर आते ही गेट लगाने लगी…लेकिन मैं तो गेट ओपन रखना चाहता था तो मैने आंटी को खींच कर बाहों मे भर लिया

मैं-बहुत तडपाया तूने तो आज…क्या मस्त लग रही हो…आज तो खा जाउन्गा

आंटी-आहह…खा जाओ…मेरी चूत भी कब से पानी छोड़ रही है…

और हम किस करने लगे ……हम किस करते हुए सोफे पर आकर बैठ गये और मैने आंटी की ड्रेस को खींच कर उनकी कमर पर कर दिया और ब्रा को निकाल फेका



अब आंटी नीचे से सिर्फ़ पैंटी मे थी और उपर से नंगी 

मैने आंटी के बूब्स को चूसना शुरू किया और

आंटी-आहह…हम्म…हहाअ….चूस ले..अब ये तेरे है..आहह

इतने मे गेट की आवाज़ आई और मैं रुक गया..

जैसे ही आंटी की नज़र गेट पर पड़ी

आंटी-तू यहाँ क्या कर रही है..??

दीपा- जो तू कर रही है वही मैं करने आई हूँ

आंटी-साली अभी फंक्षन के पहले तो लंड खा रही थी अब फिर आ गई

दीपा-और तू….सुबह से खा रही है फिर भी आ गई

मैं-चुप करो तुम दोनो…

आंटी-बेटा…इसे बोलो कि बाद मे आए…अभी मेरा टाइम है

दीपा- नही तुम आना बाद मे

आंटी-समझा कर मेरी चूत मे आग लगी हुई है

दीपा-अरे मेरी रानी..इसके लंड ने मेरी चूत की प्यास बढ़ा दी है

आंटी- देख दीपा…मैं इसकी रखेल हूँ…पहला हक मेरा

दीपा- मैं भी इसकी रखेल बन गई रजनी…तो हक तो मेरा भी है


मैं(गुस्से से)-बस अब चुप

मेरा गुस्सा देख कर दोनो चुप हो गई

मैं-मैं कुछ कहूँ

आंटी-हाँ बेटा बोलो

दीपा-हाँ बोलो

मैं-तुम दोनो आज से मेरी रखेल हो…अब ठीक

आंटी-ठीक है मुझे फ़र्क नही पड़ता

दीपा- मुझे भी नही

मैं-तो मैं तुम दोनो को अपनी मर्ज़ी से चोदुन्गा…समझ गई

आंटी-ओके

दीपा-ओके

मैं तो आओ शुरू हो जाओ…आज तुम दोनो को साथ मे चोदुन्गा...

आंटी-सच मे तब तो मज़ा आयगा…

दीपा-हाँ साली तुझे तो लंड मिल जाय और क्या चाहिए

आंटी-तू क्या यहाँ देखने आई है

मैं-अब बस करो और दोनो मेरे लंड को तैयार करो आज तुम दोनो की फाडता हूँ..

इसके बाद दीपा ने भी अपनी ड्रेस निकाल कर आंटी की तरह कमर मे फसा ली और ब्रा निकाल के फेक दी…अब दोनो उपर से नंगी थी


आंटी और दीपा मेरे दोनो साइड थी और मैने उनके बीच मे …

दोनो ने झुक कर मेरे लंड को चाटना शुरू किया और अपने होंठो के साइड से बीच मे मेरे लंड को फसकर चूसने , चाटने लगी…



आज मुझे लंड चुस्वाए मे कुछ ज़्यादा ही मज़ा आ रहा था..



दोनो मेरा लंड चूस्ति चाट ती रही और मैने बारी-बारी- दोनो के बूस से खेलने लगा

आंटी ने मेरे लंड को मुँह मे भर कर चूसना शुरू किया और दीपा ने मेरी बॉल को मुँह मे भर लिया और दोनो ज़ोर से लंड और बॉल की चुसाइ करने लगी

आंटी-हमम्म..उउंम्म..सस्स्रररुउउप्प्प…ओउम्म्म्मम

दीपा—हमम्म..उउंम्म…सस्स्रररुउउप्प…सस्ररुउपप

मैं-आहह…मेरी रंडियो..ऐसे ही..अह्ह्ह्ह

कुछ देर बाद दीपा ने लड चूसना शुरू किया और आंटी ने मेरी बॉल को

दीपा-सस्ररुउप्प्प..सस्ररुउउप्प..सस्ररुउप्प्प…सस्रररुउपप

आंटी-उउम्म्म्म…म्म्म्मरह….उउउम्म्म्मस्स्स्स्ररुउपप

इसी तरह 5 मिनट तक वो दोनो मेरे लंड को चूस्ति रही और मेरा लंड फुल फ़ौरम मे आ गया...


आंटी और दीपा ने खड़े होकर अपनी ड्रेस को निकाल दिया और दोनो पैंटी मे आ कर…आपस मे किस करने लगी

दीपा-रजनी…मज़ा आगया…आज दोनो साथ मे फाडवाएँगे

आंटी-हाँ मेरी जान…आज तो सच मे चुदने का मज़ा बढ़ गया

मैं-तो आओ फिर मज़ा और बढ़ाता हूँ 

इसके बाद मैने आंटी को सोफे के उपर करके उनके बूब्स चूसना शुरू कर दिया और दीपा अपने बूब्स के बीच मेरे लंड को फसा का उपर नीचे करने लगी

आंटी-आहह..दीपा..तूऊ तो सच मे रंडी की तरह आअहह.... कर रही है

दीपा-साली तू भी तो रंडी से कम नही 

और इसी तरह 2-3 मिनट बूब्स के साथ खेल कर मैने दीपा को हटने को बोला और आंटी को सोफे पर घुटनो के बल लिटा दिया…और पीछे से उनकी पेंटीकी नीचे खिसका कर उनकी चूत को चूसने लगा…

दीपा , आंटी के मुँह के सामने टांगे खोल कर बैठ गई और आंटी ने दीपा की पैंटी की पट्टी हटा कर उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया…



आंटी-उम्म्म्म…सस्ररुउप्प्प…उउंम्म…सस्रररुउउप्प्प

दीपा-आहह…जाउर से चाट रंडी..आह..ऐसे ही

मैं-सस्ररुउप्प्प..सस्स्ररुउपप…सस्ररुउउप्प

5 मिनट की चुसाइ के बाद मैने आंटी की चूत से मुँह हटा कर अपना लंड डाल दिया…

आंटी(दीपा की चूत चाटते हुए)-आअहह..उउउम्म्म्मम…सस्स्ररुउप्प्प…सस्ररुउपप

मैने आंटी की चूत मे लंड पेलने लगा और उसी स्पीड से आंटी दीपा की चूत चाटने लगी

आंटी-उउंम…सस्रररुउउप्प…सस्ररुउउप्प

दीपा-आअहह…उउउम्म्म्म…हह्ा…ऐसे हही..जाउर से..आहह

मैं- ये ले आहह…

हम इसी पोज़िशन मे सेक्स का मज़ा लेते रहे...



2-3 मिनट बाद आंटी झरने लगी

आंटी-उउंम्म….आआ..मैं…आइईइ…उउउम्म्म्म..सस्स्ररुउप्प्प..सस्ररुउउप्प्प

आंटी झाड़ते हुए भी दीपा की चूत चूस्ति जा रही थी ….थोड़ी ही देर मे दीपा भी झड गई

दीपा-आअहह….रजनी….आहह…माइ…ब्भ्हीइ…पीए..ज्जा


मैने आंटी की चूत चोदता रहा और आंटी दीपा का चूत रस पी गई….


इसके बाद मैने आंटी को हटा कर दीपा को लिटा दिया और उसकी पैंटी निकाल दी…

अब दीपा सोफे पर सीधी लेटी थी…और आंटी दीपा के मुँह के उपेर चूत करके बैठ गई और मैं एक झटके मे दीपा की चूत मे लंड डाल दिया....




दीपा(चूत को मुँह से चूस्ते हुए)-उउंम्म..सस्स्ररुउपप…उउउम्म्म्मम….हमम्म

आंटी-आअहह…और तेज बेटा फाड़ दे इसकी....आअहह

मैं-जैसा कहो आंटी

तभी दीपा ने अपनी जीभ आंटी की चूत मे डाल दी

आंटी-आअहह दीपा…ऐसे ही…तूने तो मज़ा बड़ा दिया

देपा-उूउउम्म्म्ममम….सस्स्ररुउप्प्प,…उउउंम’


और इसी तरह 5 मिनट जी चुदाई के बाद आंटी और दीपा फिर से साथ मे झड़ने लगी

दीपा-सस्स्रररुउप्प्प..उउंम्म..हमम्म्म..उउंम’

आंटी-आअहह..आज तो ….जल्दी-जल्दी..अहहह..माऐईन गई..आ..

दीपा-उउम्म्म्ममम…हमम्म

आंटी-ले दीपा…आहह…पी जा….आअहह…पूरा चाट ले…आहह

दीपा—सस्स्ररुउपप…सस्ररुउपप..उउउम्म्म्मम…उउउंम्म

जब दोनो झड गई तो मैने लंड चूत से बाहर निकाल लिया

दीपा जल्दी से उठ कर मेरे लंड को चूसने लगी….और आंटी मेरे सामने आ कर खड़ी हो गई....
दीपा के साथ आंटी भी मेरे लंड को चूसने बैठ गई और दोनो मेरे लंड पर लगे रस को चाटने लगे....


जब दोनो ने लंड सॉफ कर दिया तो उठ कर मेरे साइड मे बैठ गई और दीपा बोली....

दीपा-आहह ....आज तो चूत बार-2 गरम हो रही है....क्यो रजनी ...???

आंटी- हाँ दीपा...एक साथ मैं कभी इतना नही झड़ी....

मैं- अरे तुमने कभी चूत और लंड का साथ मज़ा नही लिया ना...हाहाहा

आंटी- सच कहा....आज तो चूत मे लंड और मुँह मे चूत....हाय्यी...मज़ा आ गया

दीपा- हाँ यार....चूत और लंड साथ-2 मिले तो अपनी चूत तो पानी बहाएगी ही ना..

मैं- तुम दोनो तो बहुत झड चुके ...पर अभी मैं थका नही....चुदाई अभी बाकी है मेरी रंडियों...

दीपा- तो रंडिया भी तैयार है....क्यो रजनी

आंटी- हाँ..बेटा...जब तक चोद्ते रहोगे ...हम चुद्ते रहेगे....रंडिया है....कितना भी चोदो....ना नही कहेगी...हहहे...

मैं- ह्म्म्मय...तो चलो अब तुम दोनो मुझे शुरू हो जाओ....

इतना कहते ही दीपा और आंटी उठ कर आपस मे किस करने लगे....और एक दूसरे के बूब्स दवाने लगी...

थोड़ी देर बाद दीपा मेरे लंड पर झुक गई और आंटी सोफे पर चढ़ कर मेरे सीने पर...

दीपा ने मेरा लंड मुँह मे भर कर सतसट चूसना शुरू कर दिया फिर आंटी ने मेरे होंठो को अपने होंठो से चूसना शुरू कर दिया..

कुछ देर बाद दीपा ने मेरा लंड गीला करके मुँह से निकाला और अपने दोनो बूब्स मे फसा लिया...और मेरे लंड के टोपे पर जीभ फिराने लगी....

उपेर मैने आंटी के बूब्स को मुँह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया...

थोड़ी देर के बाद दीपा ने अपने हाथो से अपने बूब्स को पकड़ कर मेरे लंड के उपेर नीचे करना शुरू किया...और आंटी ने अपने हाथो से अपने बूब्स को मेरे मुँह मे डाल कर चुसवाना शुरू किया....





और हम सब बड़बड़ाते हुए मज़े लेने लगे...

मैं-उउम्म्म्म....मम्मूउउहम्मसस्स्सुउुउउर्र्रर्प्प...उउम्म्म्म...म्मूउहह

आंटी-ऑश...ऊहह..चूस..बेटा...चूस..आहह

दीपा-आअहह...आहह...ऊहह....यईीसस....यईसस्स....उउंम्म..आहह

थोड़ी देर ऐसे ही मज़े करते हुए मेरा लंड चुदाइ के लिए पूरा खड़ा हो गया...जो थोड़ा बैठने लगा था...

फिर मैने आंटी और दीपा को रोक दिया..

मैने आंटी को अपनी गोद मे आने को बोला और आंटी मेरी गोद मे आकर बैठ गई ...

मैने आंटी के दोनो पैरो को हाथ से पकड़ कर उठा लिया और दीपा ने नीचे से मेरा लंड आंटी की चूत मे सेट कर दिया..

मैने आंटी को नीचे किया और लंड आंटी की चूत मे घुस गया..

आंटी-आहह…मस्त.....चोद दे बेटा…आहह

मैं आंटी को हाथो से उपर नीचे करने लगा और दीपा नीचे बैठ कर मेरे बॉल को चूसने लगी .....




करीब 3 मिनट बाद मैने दीपा को सोफे के सिरहाने बैठने को बोला और आंटी को पलटा कर उनका मुँह अपने मुँह की तरफ करके बैठा लिया....

आंटी को अपने दोनो तरफ पैर रख कर मेरी तरफ झुका दिया और नीचे से लंड चूत मे डाल दिया

दीपा ने अपने पैर खोल कर आंटी को चूत चूसने की दावत दे दी..

आंटी ने भी देर ना करते हुए दीपा की चूत को मसलना शुरू कर दिया…

मैं आंटी की गंद को दवा-दे कर चोद रहा था और आंटी दीपा की चूत मसल रही थी...

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