HOT STORIESOF INDIANS: चूतो का समुंदर-5(1-5)

Wednesday 15 July 2020

चूतो का समुंदर-5(1-5)

चूतो का समुंदर-5(1-5)





मैं- चल अब शुरू हो जा….

आंटी अपने पैरो के सहारे मेरे लंड पर उछलने लगी…

मैने अपने हाथ आगे ले जाकर आंटी के बूब्स को बारी-2 मसल्ने लगा…
आंटी धीरे-2 उपेर नीचे होती हुई चुदाई करवा रही थी,,ऑर मैं उनके बूब्स दबा रहा था

मैने फिर आंटी से कहा कि अपने बालो को दोनो हाथो से पकड़ कर तेज़ी से उछलो….ऑर आंटी मेरी पालतू की तरह मेरी बात मानकर अपने बालों को दोनो हाथो मे पकड़ कर तेज़ी से लंड के उपेर नीचे होने लगी…..



आंटी-अया..आअहह..आहह…आहह..आहह…अहह….आहह
आह…ऊओह..ऊ..ऊओह..आहह..ऊहह…ऊ..आहह

मैं-ययईएह….ययईईहह…ओर तेज…हा

आंटी-ऊओ….म्म्मा आ…आआहह….अहहाा…आअहह…आहह..ऊहह…ऊहह…

थोड़ी देर मे आंटी की स्पीड कम हो गई

मैं-क्या हुआ आंटी…टाइम कम है…
आंटी-मैं थक गई..

मैने आंटी को पलटा कर नीचे डाला ऑर तेज धक्के मारने लगा
मैं-आहह….थक गई साली ये ले

आंटी-आअहह….हहाअ…म्माअर्ररूव…त्ट्तीएजज्ज़…ऊओ

मैं-ओर तेज ये…ये लीयी…

आंटी-आअहह…म्माआ……आऐईयइ….हहाअ…ज्ज्ज्ूओर्र…
सस्ससे…बबबीएटत्त्ताअ…फ़ाआड़ द्दूव…उउउम्म्म्ममम

मैने कुछ ही धक्के मारे कि आंटी फिर झड़ने लगी

आंटी-आअहह…ब्ब्बबीएतत्टाअ…म्म्म्महमाआ…..आईईईई……
ऊहह….ब्ब्बेट्ट्टया…..आआईइ….आअहह….आअहह

मैं-साली आज ज़्यादा ही गरम हो गई


आंटी-अहहाअ…हहा…बीत्त्ताअ,,,आज्ज्जज म्म्माजयन्न्न…ट्तीररीि र्राान्न्ँदडडिईई ब्बांन…ग्गगाइइइ

मैं-ठीक है मेरी प्यारी रानी अब तेरी गंद फाड़ता हूँ

आंटी-फाड़ ले बेटा लेकिन प्यार से करना

मैं-डॉन’ट वरी ,,,,मैं हूँ ना…थोड़ा रेस्ट करो…फिर गंद फाड़ता हूँ…ऑर हम ज़मीन पर ही लेट गये…..
..मैं भी झड़ने के करीब था तो मैने आंटी को लंड चूसने को बोला…

आंटी ने तुरंत ही मेरे लंड मुँह मे भर के चूसना शुरू किया ऑर कुछ ही देर बाद मैं आंटी के मुँह मे झरने लगा …

आंटी बड़े प्यार से मेरा लंड रस पी गई ऑर मेरे लड़ को चाट के सॉफ करने लगी…

जब आंटी ने मेरा लंड सॉफ कर दिया तो वो फिर से मेरे लंड को दनादन चूस्ति रही ऑर 5 मिनट मे ही मेरा लंड वापिस खड़ा कर दिया…

मैं-आंटी…बड़ी जल्दी है गंद मरवाने की

आंटी-बेटा आज तो मेरी गंद खुलने वाली है…आज तक तो तेरे गन्दू अंकल का छोटा सा लंड ही लिया है…आज तू अपने तगड़े लंड से मेरी गंद फाड़ेगा….सोच कर ही मज़ा आ गया…अब जल्दी कर….जाना भी है



मैने फिर आंटी को कुतिया बनाया ऑर आंटी की गंद मे ठोक कर जीभ से अंदर तक गंद को चिकना किया…फिर अपने लंड को आंटी क़ी चूत के रस से गीला किया ओर आंटी की गंद पर लंड सेट करके धक्का मारा

आंटी-आहह..

मैं-आंटी…दर्द हुआ

आंटी-नही बेटा …ज़्यादा नही …ऐसे ही प्यार से..आहह




मैने दूसरा धक्का ज़ोर से मारा ऑर 5 इंच लंड सरसराता हुआ आंटी की गंद मे घुस गया ऑर आंटी आहह कर उठी

आंटी-आअहह…माअरर…ग्गगाइइइ…

मैं उसी जगह रुक गया ऑर आंटी के बूब्स दबाते हुए लंड को धीरे-2 आगे-पीछे करने लगा

थोड़ी देर मे आंटी का दर्द कम हुआ तो

आंटी-आहह..बेटा…अब डाल दे ..

मैं-तो ये लो…मैने ज़ोर से धक्का मारा ऑर पूरा लंड गंद मे…

आंटी-उूुुउउइइ…म्म्म्मोमाआ…..फफफफफ़ाआद्दद्ड…द्ददडिईई…
.आहह…हमम्म्म…उूउउम्म्म्मम…म्म्म्म माआररर्र्ररर…द्द्ददडाालल्ल्ल्ल्ल्लाअ..आहह

मैं थोड़ा रुक गया ऑर आंटी की चूत को हाथ से मसल्ने लगा…जिससे आंटी को आराम मिला…फिर

मैं-आंटी…ठीक हो ना…

आंटी-हाँ बेटा…हो जा शुरू

मैने आंटी का इशारा मिलते ही आंटी की गंद पकड़ के धक्के मारना शुरू किया ऑर आंटी का मुँह खुला हुआ कमेरे की तरफ हो गया…..




मैं आंटी को कुतिया की तरह चोद रहा था ऑर थोड़ी ही देर मे आंटी भी अपनी गंद को पीछे करते हुए मेरे लंड को गपगाप गंद मे लेने लगी ऑर ……

आंटी-आअहह….माअर…बेटा…मार…ज़ोर से…आहह

मैं-आंटी…मज़ा आया…

आंटी-आअहह…बेटा…ज़ोर से…आअहह..ऊहह..ऊहह

मेरी जागे आंटी की भरी हुई गंद पर ठप दे रही थी ऑर आंटी मस्त होकर सिसक रही थी…क्या मस्त आवाज़े आ रही थी

मैं-एस..आंटी..एस…क्या गंद है
आंटी-हहा..बेटा..मार..जोर्स…से…मार,…आहह..अहह

आअहह..आ..त्ततप्प्प..त्ततप्प..त्तप्प..आहह..ईएसस..ऊहह..ज्जूओर्र…ससी..म्म्मा अररर…आअहह…त्तप्प…ट्टह्ह्प…ऊहह…
यस…अहहह..जजूर्र्रसस्सीए

ऐसी ही आवाज़े होती रही ऑर मैं आंटी की गंद दनादन मारता रहा….

फिर मैने आंटी की गंद मे लंड फसे हुए उनको कमर से पकड़ा ऑर मैं लेट ता गया ऑर आंटी को अपने उपर लिटा लिया ..लेकिन लंड गंद मे ही डाले रहा…

मेरे ऐसा करने से आंटी खुश हो गई ऑर बोली

आंटी-बेटा चुदाई के खेल बहुत अच्छे है तेरे

मैं-देखती जाओ आंटी…अभी आप शुरू हो जाओ..

आंटी मेरा इशारा समझ गई ऑर अपने दोनो पैर मेरी जाँघो के आजू-बाजू किए ऑर अपने हाथ पीछे ले जा कर मेरे सीने पर रखे…ऑर उछल-उछल के अपनी गांद को मेरे लंड से मरवाने लगी.....




आंटी मस्ती मे बड़बड़ाये जा रही थी

आंटी-आहह..आज.मिला हेल अंड…वो मदर्चूओद..अया…तो लुल्ली डालता था…आअहह

मैं-आंटी…अब ये लंड ही जायगा इस गंद मे..

आंटी-हाँ…बेटा…हा…उसे..तो…गंद…देखने …भी…ना….दूं……आअहह


मैं-यस आंटी ज़ोर से

आंटी-आअहह…हाअ…ब्बीता…आअहह…आहह…आअहह…फ़फफ़ाआद्ड…द्डदीए

मैं आंटी को इसी तरीके से चोद रहा था लेकिन आंटी काफ़ी थक गई….

मैने आंटी को रोका ऑर उन्हे घुमाते हुए अपने बाजू मे लिटा दिया ऑर उनके पीछे से गंद मे लड़ डाल कर कमर पकड़ कर लंड को तेज़ी से गंद मे पेलने लगा…

ऑर आंटी आँखे बंद करके सिसकने लगी…..



आंटी-आअहह….माअर…बेटा…मार…ज़ोर से…आहह
आअहह…बेटा…ज़ोर से…आअहह..ऊहह..ऊहह

त्ततप्प…त्तप्प्प…आअहह…आहह..त्त्थप्प…त्ततप्प्प्प

मैं-यस आंटी …फाड़ता हूँ …ये ले…
आंटी-आआहह..आहह..आह…आ..आह..आह..ज्जूओर्र..सससे..उउउम्म्म्ममम…हमम्म…आअहह

ऐसे ही मैं आंटी की गंद मारे जा रहा था ऑर आंटी झड़ने लगी…..


जब आंटी झड गई तो मैने आंटी की एक टाँग को उठा कर गंद मारना चालू कर दिया…



आंटी-आअहह…अहहह..उउउंम…ऊहह..ऊहह..ऊहह..
ऊहह…ज्ज्ज्ूओर्र…सीई…बबबीएटत्त्ताआअ….आाऐययईईई….
उूउउंम्म…आहह…आहह…आह….

आज आंटी खुले मैदान मे गंद मरवाते हुए काफ़ी जल्दी गरम हो रही थी…ऑर बार-बार उनकी चूत पानी छोड़ रही थी

मैं-आंटी…क्या गंद है..पूरा लंड कस लिया…हाय्यी

आंटी-आअहह…बेटा..लंड…हाई …मोटा….है…आअहह….तू….फ़ाआद्द्ड़…..डदीए..आअहह

थोड़ी देर ऐसे ही आंटी की गंद मारते हुए मुझे कुछ ख्याल आया ऑर मैं रुक गया…

आंटी-क्या हुआ…हो गया क्या तेरा

मैं –नही आंटी…फिल्म बन रही है ना तो क्लोज़ अप सीन भी होने चाहिए

आंटी-मतलब

मैं-रूको बताता हूँ

इतना कह कर मैं आंटी को लेकर उसी पेड़ के पास गया जहाँ सेल रखा था…जिससे रेकॉर्डिंग हो रही थी

मैने सेल उठाया ऑर जा पेड़ से टिक गया…ऑर आंटी को पास बुलाकर बोला

मैं-मेरी कुतिया आंटी…ज़रा कुतिया की तरह हो जा

आंटी बिल्कुल कुतिया की तरह गंद उठा के मेरे सामने आ गई

मैं-कुतिया …अपना सिर नीचे रख ऑर अपनी गंद खोल दे

मेरे कहते ही आंटी ने अपना सिर ज़मीन पर टिका दिया ऑर अपने दोनो हाथो से अपनी गंद फैला कर खोल दी…ऑर मुँह मेरी तरफ किए हुए बोली

आंटी-गंद हाज़िर है मालिक….लंड घुसाओ ना…

मैं-ये हुई ना…बात…

ओर मैने अपना लंड बिला हाथ लगाए आंटी की गंद मे घुसा दिया...धीरे-धीरे आंटी की गंद मेरा पूरा लंड अंदर गटक गई...

मैं हाथ मे सेल लिए रेकॉर्डिंग कर रहा था…ऑर आंटी की गंद मे धीरे-धीरे लंड पेल रहा था...




आंटी भी नीचे से गंद को पीछे करके लंड ले रही थी…
मैने थोड़ी देर ऐसे ही प्यार से गंद मारता रहा …फिर लंड को गंद से निकाला ऑर आंटी को लंड चूसने का इशारा किया...

आंटी पलट कर घुटनो पे आ गई ऑर मेरा लंड चूसने लगी…

लंड चुस्वाते हुए मैने सेल वापस पेड़ पर उसी जगह रख दिया…ऑर आंटी के मुँह से लंड निकाल के उनके पीछे पहुच गया

आंटी घुटनो पर खड़ी थी……मैने भी उनके पीछे घुटनो पर खड़ा हुआ…ऑर हाथ से पकड़ कर लंड को आंटी की गंद मे डाला..ऑर कमर पकड़ के धक्का मार…..

मेरा पूरा लंड आंटी की गंद मे घुस गया…

फिर मैने तेज़ी से आंटी की कमर पकड़ कर उनकी गंद मारना शुरू कर दिया


क्या सीन था….…मैं पीछे से गंद मार रहा था ऑर आंटी अपने बूब्स दबा रही थी ऑर मुँह से सिसकारियो के साथ मेरे लंड का रस भी बहा रही थी…




अब मैं झड़ने के करीब आ गया..

मैने अपने हाथो से कस कर आंटी की गंद को पकड़ा …..ऑर तेज़ी से गंद मारने लगा…

मैं-आंटी…आ रहा हूँ…ईएहह….यईह

आंटी-आअहह.आह..आ..आह..द्दाल्ल्ल..द्दी…ब्बीएततटा.आ…स्सूओखी.हाईईइ…..

मैं-तो ये ले मेरी कुतिया

आंटी-हाअ…तेरी…कुत्त्तिय्या…क्कीिई…ग्ग्गाअंन्न्ंदड़..बब्बहाररर …द्ददी

मैं-आहह……आहह…..

आंटी-आअहह…बभहाआरर…द्द्दडीए….कककुउउत्त्तििईयय्याअ….क्कीिई

ऑर मैं आंटी की गंद मे झड़ने लगा….जब मैं झड गया तो मैने आंटी को सामने आकर लंड दिखाया…

आंटी लंड देखते ही…कुतिया की तरह गॅप से लंड को मुँह मे भर कर चूसने लगी ऑर सॉफ कर दिया….

हम दोनो ही थक चुके थे तो वही ज़मीन पर एक दूसरे की बाहों मे लेट कर किस करने लगे....
हम खुले मैदान मे पूरे नंगे एक दूसरे की बाहों मे लेटे हुए किस कर रहे थे….जब किस ख़तम हुआ तो मैं बोला

मैं-आंटी…खुश हो

आंटी-अभी बताती हूँ

ओर ये कह कर आंटी ने अपनी उंगली अपनी गंद मे डाली ऑर निकाल कर मुँह से चूस ली फिर बोली

आंटी-आअहह…बहुत खुश मेरे राजा…आज…गंद को ठंडक मिली है

मैं- ह्म्म्मे..अब ऐसी ठंडक मिलती रहेगी आगे भी…

आंटी-इसी के लिए तो आई हूँ बेटा….

मैं-चल फिर …तू मुझे रसीली चूत दिल्वाती जा……ऑर ये लंड तेरा ख्याल रखेगा(ये कह कर मैने आंटी की गंद दबा दी)

आंटी-आअहह…इसके लिए तो मैं अपनी बेटी को भी लिटा दूगी बेटी

मैने(मन मे)- वो तो मैने खुद ही लिटा ली…ऑर हँसने लगा

आंटी-सच मे बेटा ….अब देखते जाओ मेरा कमाल…ऑर ये अब मेरा

इतना कहकर आंटी ने हाथ से लंड मुट्ठी मे भर लिया ऑर सहला दिया

मैं-वो बाद मे अब …अब कपड़ो पहनो …..चलो यहाँ से

इसके बाद हमने अपने कपड़े पहने ऑर कार की तरफ आने लगे




मैं-आंटी…चुदाई की खुसबु आ रही है…हाहाहा

आंटी(हँसते हुए)-हाँ, पता है….वहाँ जा कर नहा लेगे

मैं-ठीक है….लेकिन किसी को पता ना चल पाए…कि चुदाई करा के आई हो

आंटी-पता चले तो चले…मेरी चूत…मेरी गंद…जब मर्ज़ी चाहे मरवाऊ…किसी को क्या

मैं आंटी की बात सुनकर शोक्ड हो गया…कि कहाँ ये सीधी-शादी घरेलू औरत थी…ऑर अब देखो…रंडी की तरह बोल रही है

मैं-आंटी…अब शर्म नही आती…

आंटी-अब कैसी शरम ….अब तो मैं रंडी हूँ तुम्हारी…ऑर रंडी शरमाती नही

हम दोनो हँसते हुए कार मे बैठे ओर निकल पड़े अपनी मंज़िल की तरफ

कार मे….

मैं-आंटी..तो अब आप कही भी नही शरमाओगी ना…ऑर मैं जो कहूँ वो करोगी ना

आंटी-बोला ना …हाँ. बाबा हाँ

मैं-कुछ भी

आंटी-हाअ बाबा हाँ

मैं-अगर मे कहूँ की किसी ऑर से चुदवा तब भी

आंटी- लेकिन बेटा तू ऐसा क्यो कहेगा
मैं-मान लो कभी कुछ ऐसा हो जाय कि मुझे किसी को चूत देकर खुश करना पड़े …तो आप साथ दोगि मेरा

आंटी-बेटा अगर बात तेरे फ़ायदे की है तो , तू कहे तो एक से क्या 100 से चुद जाउन्गी …भरोसा रखो

मैं-तब तो आज़माना होगा

आंटी-मैं तुम्हारी हूँ…तुम कुछ भी कहोगे मैं कर दूगी,,,ऑर तुम्हारी खातिर कुछ भी कर जाउन्गी…आजमा लेना

इसके साथ ही आंटी ने मुझे किस किया ऑर मैने भी रेस्पॉन्स दिया ….

हम शादी मे जा रहे थे ओर मैं सोच रहा था कि आंटी अगर मेरे कहे हिसाब से चलती रही तो मुझे फ़ायदा ही फ़ायदा है..ऑर इनके घर के साथ-साथ मुझे नई-नई चूत भी आसानी से मिल जयगी….
ऑर बाद मे ….
मैं अपने प्लान के हिसाब आंटी का पूरा यूज़ करूगा…

ऐसे ही हम दोनो मस्ती मे बाते करते हुए ऑर एक दूसरे की बॉडी से खेलते हुए …अपनी जगह पहुच गये …..जहा हमे जाना था शादी मे....

हम वहाँ 7.30 ब्जे करीब पहुचे….ये गाओं नही एक कस्वा था…..

हमे आंटी की फ्रेंड का घर पता नही था पर पूछते -2 हम आंटी की फ्रेंड के घर भी पहुच गये,,,,

आंटी की फ्रेंड का घर 1 हवेली थी…शानदार लग रही थी….पूरा घर लाइटिंग से जगमगा रहा था…म्यूज़िक की आवाज़ भी आ रही थी ऑर लोग भी आते जा रहे थे…

गेट पर पहुच कर गेट्कीपर ने हमे रोक कर पूछ-ताछ की …

आंटी ने अपने बेग से कार्ड निकाल कर दिखाया तो उसने हमे अंदर जाने दिया….हम गेट के अंदर पहुचे वहाँ…1 नोकर ने हमारी कार पार्क करने को बोला…..

नौकर-आप लोग अंदर चले , मैं पार्क कर दूँगा

मैं-ओके, समान तो ले लूँ

नौकर-सर आप चले…समान पहुँच जाएगा

मैं-ओके

मैं ऑर आंटी कार से बाहर खड़े थे ऑर नौकर कार ले गया था….हम आंटी की फ्रेंड का घर देख रहे थे



मैं-आंटी…आपकी फ्रेंड तो बड़ी अमीर है…

आंटी-हाअ…बट सब हराम की दौलत है वो भी किसी और की…

मैं-मतलब

आंटी-फिर कभी बताउन्गी…लंबी कहानी है…

मैं-ओके...तो चले

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