चूतो का समुंदर-6(1-5)
ऐसे ही कुछ देर की दमदार चुदाई से दीपा फिर से झड़ने लगी....
दीपा-आअहह…आह.आ.आह…अमम्मायन्न…आऐईइ…..आ..आह...
मैं-आअहह….ये ले …
दीपा झड़ने लगी ऑर चुदाई की आवाज़ बदलने लगी
आअहह…..स्शहहह..आहह…त्ततहुूप्प्प…कचहुप्प्प…..ईएहहाअ…आहह…त्ततहुूप्प…त्ततहुूप्प्प….कक्चाआप्प्प….टतततुउउप्प
वॉशरूम मे बस चुदाई की आवाज़ आ रही थी पानी की आवाज़ भी इसके आगे गायब थी..
दीपा के झाड़ते ही मैने पलट कर दीपा को गोद मे उठा लिया ऑर दीपा ने मेरी कमर को अपनी जाँघो से जाकड़ लिया ऑर गले मे बाहें लपेट कर मुझे किस करने लगी....
मैने अपने हाथ से लंड दीपा की चूत मे सेट किया ऑर अंदर डाल दिया...ऑर फिर दीपा के बूब्स चूस्ते हुए उसे गोद मे उछाल-उछाल कर चोदने लगा....लंड सतसट दीपा की चूत फाड़ने लगा....
दीपा-आअहह…आह.आ.आह…अमम्मायन्न…आऐईइ…..आ..आह...यस..एसस्स...यईीसस...आहह...उउउंम्म:-) ..आहह
मैं-आअहह….ये ले …टेक इट...यस
चुदाई की आवाज़े फिर से तेज होने लगी
आअहह…..स्शहहह..आहह…त्ततहुूप्प्प…कचहुप्प्प…..ईएहहाअ…आहह…त्ततहुूप्प…त्ततहुूप्प्प….कक्चाआप्प्प….टतततुउउप्प
जब मुझे लगा कि मैं झड़ने के करीब हूँ तो मैने दीपा को गोद से उतार कर उसे सामने झुका कर चोदने लगा
दीपा—आहह…रर्रााज्जज्जा……आऐईइईसीई,,हिी….क्क्हुउस्स्स…क्करर्र डदीया…आब्ब…मैईन्न..बभी….ख्हुस्श्ह..क्करररर द्दुउउग्ग्गीइ…आहह….ऊओररर…त्तीज्ज
मैं-इहहाअ….य्ययहहाअ
दीपा-आअहह…ऊओझहह…म्म्म…ज़्ज़ाअ…आहह
मैं-आहह..म्म्मैाइयन्न्न् झड़ने वाला हू….
दीपा-आअहह..म्म्माायन्न्न्न् बभहिी आईयाईयाय,,,आहह
ओर 20 मिनट की चुदाई मे दीपा फिर से झाड़ गई ऑर साथ मे मैं भी
जैसे ही मैने दीपा की चूत को अपने लंड रस से भर दिया ......तो वो पलट कर फर्श पर बैठ गई ऑर मेरा लंड चूसने लगी...ऑर लंड को पूरा चाट कर सॉफ कर के बोली...
दीपा-मान गई तुझे…क्या चोदता है साले….मस्त लंड है…
मैं-तुझे पसद आया…बस ऑर क्या चाहिए
दीपा-अभी तो इसे ऑर भी खाऊगी…..देखता जा
मैं-तो खा लेना…खुश
दीपा-हां…ऑर अब देख तुझे कितना कुश करती हूँ
मैं-कैसे
दीपा-सबर करो मेरे राजा….देखते जाओ…चूतो की लाइन लगने वाली है….हहहीए
मैं-वो जब लगेगी तब देखेंगे…अभी नहा ले..ओर चले…वरना…फंक्षन गया….चुदाई तो फिर कर लेगे
दीपा-हाँ चलो……वैसे भी रात बाकी है…आज रात तुझे खुश कर दूगी…उूउउंम्म
दीपा ने मुझे किस किया ऑर हम साथ मे नहाने लगे
नहाते हुए थोड़ी मस्ती करके हम रेडी होने आ गये…दीपा नहा कर अपने रूम मे रेडी होने गई ऑर मैं अपने रूम मे रह गया.....
दीपा नहा कर अपने रूम मे रेडी होने गई ऑर मैं अपने रूम मे खड़ा हो कर सोचने लगा
क्या यार …यहाँ तो आते ही चूत मिल गई…साली यहाँ रंडिया ही रंडिया है क्या जो लंड देखते ही आ जाती है…..चलो देखते है….आज रात दीपा क्या करती है….बोल कर तो गई है..अब करती क्या है ये देखुगा
इसके बाद मैं फंक्षन के लिए रेडी हुआ….फिर मैने आंटी को बुलाया कॉल करके…
आंटी रूम मे आई ऑर …
मैं-ये क्या पहन लिया….आंटी की ड्रेस देख कर
आंटी-तुमने ही तो दिलाई है
मैं-लेकिन यहाँ ये नही....वो पहनोगी(मैने बॉक्स की तरफ इशारा किया जिसमे कुछ बहुत ही हॉट आंड छोटी ड्रेस थी)
आंटी मेरे पास आई ऑर किस करके बोली
आंटी-जैसा कहो…
ऑर इतना कह कर आंटी ने पहनी हुई ड्रेस निकाल दी ऑर मेरी दिलाई हुई ब्रा-पैंटी मे आ गई,,,,ऑर मेरे लंड पर बिजली गिराने लगी
मैने आंटी को पकड़ कर बाहों मे कस लिया
मैं-जानेमन…तू तो आज...बिजली गिराएगी
आंटी-(हँसते हुए)-देखते जाओ मेरे राजा,,,अभी तो दीपा ही आई थी,,,,रात मे कितनी बिजलिया गिरती है..हहेहहे
मैने आंटी के बूब को दबाते हुए उनके होंठो को चूसना शुरू किया ऑर आंटी भी पागलों की तरह मुझे चूसने लगी...थोड़ी देर बाद
मैं-आहह...आंटी अब उनमे से 1 ड्रेस पहनो…फिर देखो यहाँ के मर्द खड़ा किए हुए आएगे तेरे पास
आंटी(शरमा कर)-आने दो….चूतो की भी कमी नही है…
इतना बोल कर आंटी बॉक्स मे ड्रेस देखने लगी..
आंटी-ये तो बहुत छोटी-छोटी है
मैं-तभी तो…आपकी आधी गंद ऑर आधे बूब सब को दिखाई देगे….क्यो पसंद नही आई क्या
आंटी(मुस्कुराते कर)-तूने तो मेरा सपना पूरा कर दिया…मैं ऐसी ड्रेस ही पहन ना चाहती थी लाइफ मे
मैं-खुश हो ना
आंटी-(मेरे पास आकर-)वो तो रात मे बताउन्गी कि कितनी खुश हूँ
मैं-आंटी यहाँ आपको ऑड नही लगेगा
आंटी-बेटा यहाँ इससे भी ज़्यादा ऑड चीज़ें होगी….इस फंक्षन मे गाओं के कुछ ही लोग आए थे ..जो चले गये…अब जो लोग रह गये है…सब ऑड काम करने वाले है…हहेहहे
मैं-आंटी…मैं समझा नही
आंटी-तुम देखते जाओ…सब समझ जाओगे…ऑर हाँ…एक बात सच बता दूं कि…यहा इतनी चूत ऑर गंद है चुदने वाली कि गिन नही पाओगे
मैं-सच आंटी….तब तो मज़ा आयगा
आंटी-हाँ पर अभी चलो….बाकी रात मे सब समझ जाओगे
बात करते-2 आंटी ड्रेस पहनने लगी ओर फिर मेक-अप ठीक करने लगी….जब तक मैं सोचने लगा….
कि ये तो कन्फर्म है कि यहाँ सब साले चुदाई के शौकीन ही होगे…बट क्या…सब ऐसे ही आए है यहाँ…ऑर क्या आंटी …कुछ छिपा रही है….साली को सबक सिखाने के चक्कर मे मैं फस तो नही रहा…आअहह….अभी सब भूल जाओ ऑर मज़े लो
फाइनली मेरे दिमाग़ ने कहा ..ऑर मैं सोच से बाहर आया कि आंटी को देख कर लंड मे तूफान मचने लगा…..
फिर मैं ऑर आंटी…रेडी होकर रूम से बाहर आए,,वहाँ दीपा ऑर आंटी की बाकी की दो फ्रेंड भी रेडी होकर खड़ी थी
दीपा-रजनी कितना लेट…सब चले गये है…फंक्षन स्टार्ट हो गया होगा
आंटी-अच्छा….मैने लेट करवाया…???
दीपा- ऑर क्या
आंटी-अच्छा बेटा नहा तू रही थी 1 घंटे तक ऑर बोल मुझे रही है(ऐसा कह कर आंटी ने स्माइल कर दी दीपा को)
दीपा(शरमा गई)-वो..तो…अरे छोड़ ना बातो को..चलो चलते है
दीपा के कहते ही मैं ऑर आंटी एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते हुए चल दिए
मैं(चलते हुए)
मैं-आंटी
आंटी-हाँ बोलो
मैं-आंटी जबसे हम आए है …आपने अपनी फ्रेंड से मिलवाया ही नही….
आंटी-ओह अच्छा…अभी लो
इसके बाद हम सब वहीं रुक गये ऑर आंटी बोली
आंटी-तुम दीपा को तो जानते ही हो
मैं-हाँ आंटी दीपा को तो जान ने लगा हूँ…पर पूरी तरह नही(स्माइल कर दी)
दीपा-तो जान जाओगे..अभी तो टाइम ही टाइम है…ऑर हम सब हँसने लगे
आंटी-अच्छा ये है रिचा…ये टीचर है…ऑर इसकी बेटी भी आई हुई है…तुम्हारे बराबर की ही होगी …
मैं-हेलो रिचा जी
रिचा-नही, सिर्फ़ रिचा…
मैं-ओके…हेलो रिचा(ऑर मैने रिचा को स्माइल की…उसने भी रेस्पॉन्स मे स्माइल कर दी)
आंटी-ऑर ये है मनोरमा…हम इसे प्यार से मनु कहते है
मैं-ओके…तो मैं क्या कहूँ इनको
मनोरमा-आप भी मनु ही कहिए ....प्यार से
ऑर हम सब खिलखिला उठे
मैं-ओके…हेलो मनु
आंटी-मनु के पति आउट ऑफ कंट्री मे है……कम ही आते है..इंडिया
मैं-ओह…बिग बिज़्नेस मॅन…दटस ग्रेट
आंटी-बाकी की जान -पहचान अपने हिसाब से करते रहना …अब चलो …लेट ना हो जाय
अब हम सब हॉल से होते हुए …हॉल के लेफ्ट साइड …..खुले ग्राउंड मे पहुच गये …जहाँ फंक्षन का शानदार इंतज़ाम था….
हेवी डेकोरेशन…लाउड म्यूज़िक …..मस्त लाइटिंग..
सच मे रौनक तो कमाल की थी…ऑर सामने था बड़ा था स्टेज …जहाँ पर संगीत का प्रोग्राम था….
चलते हुए आंटी ने बताया कि डिन्नर स्टेज के पीछे होगा…ऑर बार काउंटर भी लगाया हुआ है…
( मैं बता दूं कि मैं कभी-कभी ड्रिंक कर लेता हूँ…ज़्यादातर पार्टीस मे…ऑर कभी मूड बन जाय तो चुदाई भी ड्रिंक करके करता हूँ )
ऐसे ही बाते करते हुए हम स्टेज के पास पहुच गये......
हमारे पहुचते ही कामिनी हमारे पास आई
कामिनी-यार तुम लोग भी ना…कितना टाइम लगाती हो….
आंटी-यार सॉरी लेट हो गये बट अभी प्रोग्राम शुरू नही हुआ अच्छा है
कामिनी ने मुझे देखा ऑर कहा
कामिनी-वेल-वेल,,,,कम सर..आप तो आज कमाल लग रहे हो...पता नही कितने मर मिटेंगे आप पर आज रात...हहेहहहे
मैं-थॅंक्स , बट आप से कम ही हूँ…आप लोग तो आज…बिजलियाँ ही गिरा दोगि
ओर हम सब हँसने लगे
कामिनी ने हमे टेबल्स पर आने को कहा
वहाँ पर सिट्टिंग अरेंजमेंट ऐसा था कि एक टेबल के साथ 4 चेर थी...
कामिनी रिचा ऑर आंटी,,,1 टेबल पर बैठ गई..जहाँ पहले से कामिनी की पहचान की लेडी भी बैठी थी
दूसरी टेबल पर मैं, दीपा ऑर मनु आ गये…
( मैने बैठते हुए नज़र घुमाई तो देखा कि वहाँ सब के सब मॉर्डन ऑर मिनी ड्रेस मे थे…मतलब सब लड़किया ऑर औरतें…मर्द नही…हहहहहा )
मैने सोचा कि संगीत के टाइम ऐसी ड्रेस…कुछ समझ नही आया….
मैने दीपा को अपने पास आने का इशारा किया ऑर वो अपना कान मेरे पास करके बोली
दीपा-क्या हुआ
मैं- एक बात बताओ…यहाँ सभी लॅडीस संगीत मे आई है या बार डॅन्सर है
दीपा-हहेहेहहे…ऐसा क्यो बोल रहे हो
मैं-देखो ना सब के सब कैसे कपड़े पहने हुए है
दीपा-हम भी तो ऐसे ही कपड़े पहने हुए है...
मैं-हाँ….पर मैने सोचा आप लोग मॉर्डन ख़यालातों की हो…बट यहाँ तो सभी…
दीपा-अरे ..मेरी बात सुनो…
मैं-हाँ
दीपा-ये आज के फंक्षन की थीम है
मैं-थीम….ऐसी कोई थीम रखता है क्या
दीपा-अब क्या बताऊ…जिस लड़की की शादी है…वो फॉरिन मे पढ़ी है…तो उसी ने थीम रखी
मैं-ऐसी कैसी थीम यार
दीपा-आज की थीम है मिनी ड्रेस….हाँ कल वेस्टर्न थीम है
मैं-आंटी को पता है
दीपा- हाँ…कल रात मे सबको बता दिया था…उसे भी कॉल किया था कामिनी ने
मैने(मन मे)-तभी आंटी ने कोई साड़ी नही ली अपने साथ….
दीपा-ऑर हाँ..कल सुबह पूल पार्टी है
मैं-पूल पार्टी यहाँ गाओं मे कहाँ..???
दीपा-अरे तुम जानते क्या हो अभी…यहाँ पर तो 5 स्विम्मिंग पूल है
मैं(शॉक्ड हो कर)- 5 पूल
दीपा-हाँ, 3 ओपन ऑर 2 प्राइवेट...
मैं-अच्छा…कहाँ है???
दीपा- यही पीछे साइड….कल दिखाउन्गी…मज़ा करेगे हम
मैं दीपा से बार कर रहा था ऑर मनु को देख कर बोला
मैं-अच्छा ये मनु कैसी है
दीपा-मतलब
मैं-अरे जैसे आंटी ने तुमसे मिलवा दिया…तुम मुझे इससे मिलवा दो
दीपा-मरवाओगे क्या…उसे पता भी नही चलना चाहिए कुछ भी
मैं-क्यो… क्या वो ये शौक नही रखती
दीपा- पता नही…पर आज तक सुना नही….हाँ इसका पति बाहर ही रहता है,,,,तो तड़पति तो होगी बट…दूर ही रहना
मैं-लेकिन मुझे तो ये पसंद आ गई…कुछ करो ना
दीपा-नही हो सकता…मनु ऑर रिचा…इस मामले मे नही पड़ती
मैं-ऑर कामिनी
दीपा- वो तो रेडी है…बस सही टाइम का वेट है उसे तो
मैं-लेकिन मुझे तो मनु ऑर रिचा भी चाहिए
दीपा-यार प्लीज़…उसमे मैं कोई हेल्प नही कर सकती पर हाँ
मैं(बीच मे ही)-पर क्या
दीपा-तुम ट्राइ का लो…रिचा चुदाई को प्यासी है…लेकिन शरमाती है…अकेले मे पट सकती है
मैं-ऑर मनु
दीपा-प्यासी तो वो भी है…बट वो नही मानेगी शायद
मैं-तब तो मैं मना के ही रहुगा
दीपा-देख कर कोई गड़बड़ मत कर देना
मैं-दीपा डार्लिंग….मुझे चूत को तैयार करना आता है…..देखती जाओ यहाँ से जाने के पहले इसे चोद कर ही रहुगा
दीपा(मुस्कुरा कर)-ठीक है…अगर इसे चोद दो,,,,तो मज़ा आ जाय….लेकिन हमे मत भूलना
मैं-अरे नही जान
दीपा-आज रात को रेडी रहना…मस्ती के लिए
तभी किसी ने दीपा को आवाज़ दी ऑर वो..आती हूँ..कह कर चली गई….
अब सिर्फ़ मैं ऑर मनु ही थे…मैने मनु को देखा तो पाया कि ये तो आंटी ऑर दीपा से भी हॉट लग रही है..ऑर फिर उस पर से मिनी ड्रेस उसको ऑर भी हॉट बना रही थी
मैं(मन मे)-ये मिल जाय तो मज़ा आयगा…पर कैसे…क्या करूँ…ट्राइ करता हू)
मैं-अरे मनु जी आप चुप क्यो बैठी है
मनु-आपसे बोला था कि जी मत बोलिए…प्ल्ज़्ज़..मनु कहिए
मैं-ओके..सॉरी…बट आप चुप क्यो है
मनु-आप आप दीपा के साथ बिज़ी थे ऑर यहाँ कोई है नही..तो मैं क्या करती
मैं-सॉरी,….मैं वो आज की थीम के बारे मे पूछ रहा था
मनु-ओह…कोई बात नही…वैसे थीम कैसी लगी तुम्हे
मैं(मुस्कुरा कर)-मस्त…मुझे तो मज़ा आ गया
मनु(आँखे नचाती हुई)-अच्छा… मज़ा वो क्यो???
मैं-अरे... जब इतने सारे माल ,इतनी हॉट ड्रेस पहन कर आपके सामने हों तो मज़ा तो आयगा ही...
मनु-ओह हो..माल???
मैं-माल ही तो है…वो भी हॉट माल
मनु-अच्छा..ऑर तुम्हारी आंटी…उसने तो ज़्यादा ही हॉट ड्रेस पहनी हुई है…
मैं-हाँ..वो तो है..बट उनके बारे मे क्या कह सकता हूँ..
मनु-हाँ…वो तो कम ही ऐसी ड्रेस पहनती है...
मैं(चौुक्ते हुए)-कम मतलब…वो तो पहली बार…
मनु(बीच मे ही बोली)-अरे पहली बार तो नही…हाँ तुम्हारे सामने पहली बार होगा
मैं-अच्छा…वो कब पहनती है , वैसे
मनु-जब हम सब फरन्ड कोई पार्टी मे होते है…जहाँ तुम्हारी आंटी के घर से कोई ना हो
मैं-मतलब अपने शहर मे भी पहनती है
मनु-हाँ,बिल्कुल…ऑर हां…किसी से कहना मत..हम सब पहचान वालो को मना करते है कि इसके घर ना बोले
मैं-तो आंटी ऐसा भी करती है
मनु-अरे तुम्हे क्या बताऊ की तुम्हारी आंटी ओर क्या-2 करती है
मैं-ऑर ..मतलब क्या करती है
मनु(हड़बड़ा कर)-अरे कुछ नही…वो तो ऐसे ही कह दिया
मैं-आप झूट मत बोलिए…
मनु-मैं सच कह रही हूँ..
मैं-मैं आपकी आँखो मे सॉफ देख रहा हूँ कि आप कुछ छिपा रही है
मनु-नही ऐसा कुछ नही है…तुम ग़लत सोच रहे हो
मैने सोचा कि इससे पता तो करना ही है कि आंटी क्या करती है…पर कैसे….हाँ आइडिया…
मैं-ठीक है तो मैं खुद पूछ लेता हूँ
मनु(हड़बड़ा गई)-सीसी…किस से..पूछ लोगे
मैं-आंटी से…उन्हे बोलुगा कि आप कहा रही थी …ऑर ज़रूरत पड़ी तो दीपा से
आंटी-नही-2 ऐसा मत करना…वो मुझे गुस्सा करेगी
मैं-तब तो आप ही बोलो वरना
मनु-मुझे कुछ नही पता…छोड़ो भी
मैं(कुर्सी से उठते हुए)-कोई बात नही मैं अभी पूछता हूँ
मुझे उठते हुए देख कर मनु ने मेरा हाथ पकड़ लिया..
मनु-प्ल्ज़्ज़..ऐसा मत करो...प्राब्लम हो जाएगी
मैं- तो ठीक है आप बोलो
मनु(कुछ सोच कर)-पर तुम्हे क्यो जान ना है…रहने दो
मैं-बताओगी या नही….या मैं जाउ
मनु उठ कर मेरे बाजू की चैरे पर आ गई ...और
मनु-हाँ.....पर यहाँ नही...रूम मे चलेगे तब
मैं-तो चलो
मनु-नही अभी नही…बता दुगी...ट्रस्ट मी
मैं-ठीक है..जैसा कहो
ओर मैने मेनू की तरफ देखा..उसकी आँखो मे डर दिख रहा था…
मैं-आप डरो मत…आप जैसी लड़की को डरना अच्छा नही लगता
मनु- थोड़ा नॉर्मल हो गई
मैं-वैसे एक बात बोलूं
मनु-क्या
मैं-अगर आप बुरा ना माने तो
मनु-नही मानूँगी बोलो
मैने सोचा इस पर ट्राइ तो कर ही लूँ…पटी तो पटी वरना अपन को कौन सी कमी है
मैं-आप आज क़हर ढा रही है
मनु(शरमा कर)-छोड़िए भी……
मैं-सच मे आपने तो मुझे पहली नज़र मे घायल कर दिया था
मनु(चौुक्ते ही)-क्या कहा ???
मैं-आपने सुना ना…फिर से बोलू क्या
मनु-नही...बट...ऐसा क्यो
मैं(मन मे )-ह्म्म...नॉर्मल है मतलब पट सकती है बट इसे पटाने के लिए जल्दबाज़ी ठीक नही…आराम से ट्राइ करना होगा
मनु-चुप क्यो हो…बताओ…ऐसा क्यो
मैं-अब जो सही है वो बोल दिया…आप पर दिल आ गया
मनु(नज़रे झुका कर मुस्कुरा दी)-अच्छा..दिल आ गया…झूट
मैं-कसम से आप को देख तभी आप दिल को पसंद आ गई थी
मनु(अब शरमा रही थी)-अच्छा ऐसा क्या पसंद आ गया…मैं भी तो सुनूँ
मैं(मन मे)-ये आंटी की सारी फ्रेंड सेम ही है क्या….तारीफ की नही ऑर लाइन पर आ जाती है….हाहहाहा
मनु-बोलिए…इतना सोचना पड़ गया
मैं- अरे वो मैं आपकी आँखो मे खो गया था
मनु(फिर से शरमा गई)-अच्छा…जी…अब बोलिए भी…क्या पसंद आ गया
मैं-अब कहाँ से शुरू करू....आपके ये खुले हुए लंबे बाल.....काली मदमस्त आँखे....गुलाबी होंठ...उपर से ये गोरा बदन जिस पर इतनी अच्छी ड्रेस पहनी हुई है...
मनु-बस-बस...आप तो शायर हो गये…
मैं-अरे आपको देख कर तो गूंगा भी शायरी करने लगेगा…
मनु(शर्म के मारे लाल हो गई)-तुम भी ना कुछ भी…
मैं-अरे अभी बात तो सुनिए…सबसे बढ़कर तो आपका फिगर क़यामत ढा रहा है
मनु-शरमाते हुए चुप रही ऑर नज़रे झुका ली
मैं-सच मे….माफ़ कीजिए पर आपके पति की तो किस्मत खुल गई…
जैसे ही मैने मनु के पति की बात की मनु के चेहरे पर शरम की जगह उदासी ऑर गुस्से ने लेली ऑर वो बोली
मनु-छोड़िए….मैं अभी आती हूँ
मैं- अरे सुनो तो......
पर मनु बिना कुछ बोले वहाँ से चली गई….
मैं शॉक्ड था कि जो अभी शर्मा रही थी ऑर मज़े से अपनी तारीफ सुन रही थी….गुस्सा क्यो हो गई…????....ऑर मैं सोच रहा था कि बात बन रही है ऑर ये तो भाग गई…क्या हुआ आख़िर..??
मैं सोचता रहा कि बात क्या है….बट कोई जवाब नही था…मेरा तो मूड ही खराब हो गया
तो मैं वहाँ से उठा ऑर बार काउंटर की तरफ चल दिया......
बार काउंटर पर पहुच कर
काउंटर मॅन-हेलो सर ...क्या दूं आपको
मैं- वन स्कॉच लार्ज
उसने मुझे स्कॉच का लार्ज पेग बन कर दिया..ऑर बोला
काउंटर मॅन-सर प्ल्ज़ हॅव शीट…आप बस ऑर्डर कर देना
मैने देखा वहाँ कुछ सोफे थे ऑर टेबल्स भी…मैं जाकर सोफे पर बैठ गया ओर स्कॉच पीने लगा…
मैने पहला पेग ख़त्म कर के दूसरे का ऑर्डर दिया…इतने मे 1 वेटर कुछ स्नकस भी रख गया..
मैं स्कॉच पीते हुए सोचने लगा कि ऐसा क्या हुआ कि मनु उठ कर चली गई….क्या हुआ????
इसी तरह सोचते हुए मैं 3 पेग ख़तम कर गया ऑर चौथा मेरे हाथ मे था तभी सामने से एक माल आता हुआ दिखा….वाउ…पाठाका थी….अरे ये तो रिचा है…ये यहाँ कैसे…ये भी पीने आई है क्या….?????
मैं सोच रहा था तब तक वो मेरे पास आकर मुझसे बोली
रिचा-अरे आप यहाँ मैं कब्से देख रही थी आपको
मैं-मुझे..??? क्या हुआ…कोई काम था
रिचा-क्यो बिना काम से आपके पास नही आ सकती क्या...
मैं-अरे मतलब …सॉरी …बोलिए क्या हुआ..ऑर आपकी फ्रेंड्स कहाँ है
रिचा-वो सब बिज़ी है…मैं बोर हो रही थी तो सोचा आपसे बात करूँ
मैं-हाँ क्यो नही….बैठिए ना
रिचा-चलो आपको फ़ुर्सत तो है….मुझे लगा आप दीपा को ही टाइम देते हो…हहेहहे
मैं(थोड़ा चौंक गया)-मतलब…???
रिचा-अरे कुछ नही…आप फ्री हो ना
मेरा तो मूड ऑफ था…फिर सोचा शायद मनु नही तो ये ही पट जाय….चान्स मारते है
मैं-अरे आप जैसी हसिनाओ के लिए तो हमेशा फ्री ही हूँ
रिचा-हां देखा है मैने
मैं-क्या देखा
रिचा(डरते हुए)-वो..कुछ नही ..यही कि आप फ्री हो..
मैं-अच्छा…ये बताओ आप ड्रिंक करोगी
रिचा-नही मैं नही पीती
मैं-ओह सॉरी…तो मैं भी नही पी रहा
रिचा- नही-नही आप पीजिए...मेरी बजह से...
मैं(बात काट ते हुए)- अरे नही...कोई बात नही....मैं तो ऐसे ही पीता हूँ....कोई हॅब्बिट नही है
रिचा-ओके…बट यहाँ शोर बहुत है कही शांति मे जा कर बात करते है
मैं-क्यो नही ,,,कहाँ चले बोलो
रिचा-आइए मेरे साथ
मैं रिचा के साथ बार काउंटर से उठ कर जाने लगा...तभी मैने देखा कि ये तो अंदर की तरफ जा रही है
मैं-रिचा....अंदर चलना है क्या
रिचा-हां...वो यहाँ शोर बहुत है....ऑर हाँ अभी फंक्षन मे टाइम है,,,चलिए थोड़ी देर बाद आ जायगे
मैं-अरे फंक्षन की मुझे टेन्षन नही...मैं तो बस पूछ रहा था...
रिचा-आपको मुझ पर भरोसा नही क्या …..
मैं-ऐसा क्यो कहा
रिचा-वो आप ऐसे बोले कि , पता नही मैं कहाँ ले कर चली जाउन्गी,...हहेहहे
मैं(मुस्कुरा कर)-ऐसी बात नही....आपके साथ तो कही भी चला जाउन्गा
रिचा-(शरारती अंदाज मे)-सच...मना मत कर देना
मैं-आप बोलो तो ...आप जो कहो...वो करूगा...जहाँ भी चलना हो चलो
रिचा-आइए फिर...आपको भी शिकायत का मौका नही दूगी
उसके बाद मैं ऑर रिचा अंदर जाने लगे जहाँ 1 गलियारा आया, जिसके दोनो तरफ रूम्स थे,,,,,चलते हुए मैं रिचा की गंद देख कर खुश हो गया....मस्त गंद थी उसकी...
मैने सोचा कि काश ये मुझे मिल जाय तो मज़ा आ जायगा ऑर मनु की बजह से जो मूड ऑफ हुआ वो भी फ्रेश हो जायगा
मैं रिचा को देखता रहा ऑर थोड़ी देर बाद रिचा एक रूम के सामने रुक गई…उसने लॉक खोला ऑर अंदर चली गई….मुझे साथ ले कर
अंदर आते ही रिचा ने रूम बंद कर दिया…ऑर बोली
रिचा-अब यहाँ बात करते है
मैं-ठीक है ...
इस रूम मे भी सब समान था...पता नही कितना खर्चा किया कामिनी ने इन सब मे
ऐसे ही कुछ देर की दमदार चुदाई से दीपा फिर से झड़ने लगी....
दीपा-आअहह…आह.आ.आह…अमम्मायन्न…आऐईइ…..आ..आह...
मैं-आअहह….ये ले …
दीपा झड़ने लगी ऑर चुदाई की आवाज़ बदलने लगी
आअहह…..स्शहहह..आहह…त्ततहुूप्प्प…कचहुप्प्प…..ईएहहाअ…आहह…त्ततहुूप्प…त्ततहुूप्प्प….कक्चाआप्प्प….टतततुउउप्प
वॉशरूम मे बस चुदाई की आवाज़ आ रही थी पानी की आवाज़ भी इसके आगे गायब थी..
दीपा के झाड़ते ही मैने पलट कर दीपा को गोद मे उठा लिया ऑर दीपा ने मेरी कमर को अपनी जाँघो से जाकड़ लिया ऑर गले मे बाहें लपेट कर मुझे किस करने लगी....
मैने अपने हाथ से लंड दीपा की चूत मे सेट किया ऑर अंदर डाल दिया...ऑर फिर दीपा के बूब्स चूस्ते हुए उसे गोद मे उछाल-उछाल कर चोदने लगा....लंड सतसट दीपा की चूत फाड़ने लगा....
दीपा-आअहह…आह.आ.आह…अमम्मायन्न…आऐईइ…..आ..आह...यस..एसस्स...यईीसस...आहह...उउउंम्म:-) ..आहह
मैं-आअहह….ये ले …टेक इट...यस
चुदाई की आवाज़े फिर से तेज होने लगी
आअहह…..स्शहहह..आहह…त्ततहुूप्प्प…कचहुप्प्प…..ईएहहाअ…आहह…त्ततहुूप्प…त्ततहुूप्प्प….कक्चाआप्प्प….टतततुउउप्प
जब मुझे लगा कि मैं झड़ने के करीब हूँ तो मैने दीपा को गोद से उतार कर उसे सामने झुका कर चोदने लगा
दीपा—आहह…रर्रााज्जज्जा……आऐईइईसीई,,हिी….क्क्हुउस्स्स…क्करर्र डदीया…आब्ब…मैईन्न..बभी….ख्हुस्श्ह..क्करररर द्दुउउग्ग्गीइ…आहह….ऊओररर…त्तीज्ज
मैं-इहहाअ….य्ययहहाअ
दीपा-आअहह…ऊओझहह…म्म्म…ज़्ज़ाअ…आहह
मैं-आहह..म्म्मैाइयन्न्न् झड़ने वाला हू….
दीपा-आअहह..म्म्माायन्न्न्न् बभहिी आईयाईयाय,,,आहह
ओर 20 मिनट की चुदाई मे दीपा फिर से झाड़ गई ऑर साथ मे मैं भी
जैसे ही मैने दीपा की चूत को अपने लंड रस से भर दिया ......तो वो पलट कर फर्श पर बैठ गई ऑर मेरा लंड चूसने लगी...ऑर लंड को पूरा चाट कर सॉफ कर के बोली...
दीपा-मान गई तुझे…क्या चोदता है साले….मस्त लंड है…
मैं-तुझे पसद आया…बस ऑर क्या चाहिए
दीपा-अभी तो इसे ऑर भी खाऊगी…..देखता जा
मैं-तो खा लेना…खुश
दीपा-हां…ऑर अब देख तुझे कितना कुश करती हूँ
मैं-कैसे
दीपा-सबर करो मेरे राजा….देखते जाओ…चूतो की लाइन लगने वाली है….हहहीए
मैं-वो जब लगेगी तब देखेंगे…अभी नहा ले..ओर चले…वरना…फंक्षन गया….चुदाई तो फिर कर लेगे
दीपा-हाँ चलो……वैसे भी रात बाकी है…आज रात तुझे खुश कर दूगी…उूउउंम्म
दीपा ने मुझे किस किया ऑर हम साथ मे नहाने लगे
नहाते हुए थोड़ी मस्ती करके हम रेडी होने आ गये…दीपा नहा कर अपने रूम मे रेडी होने गई ऑर मैं अपने रूम मे रह गया.....
दीपा नहा कर अपने रूम मे रेडी होने गई ऑर मैं अपने रूम मे खड़ा हो कर सोचने लगा
क्या यार …यहाँ तो आते ही चूत मिल गई…साली यहाँ रंडिया ही रंडिया है क्या जो लंड देखते ही आ जाती है…..चलो देखते है….आज रात दीपा क्या करती है….बोल कर तो गई है..अब करती क्या है ये देखुगा
इसके बाद मैं फंक्षन के लिए रेडी हुआ….फिर मैने आंटी को बुलाया कॉल करके…
आंटी रूम मे आई ऑर …
मैं-ये क्या पहन लिया….आंटी की ड्रेस देख कर
आंटी-तुमने ही तो दिलाई है
मैं-लेकिन यहाँ ये नही....वो पहनोगी(मैने बॉक्स की तरफ इशारा किया जिसमे कुछ बहुत ही हॉट आंड छोटी ड्रेस थी)
आंटी मेरे पास आई ऑर किस करके बोली
आंटी-जैसा कहो…
ऑर इतना कह कर आंटी ने पहनी हुई ड्रेस निकाल दी ऑर मेरी दिलाई हुई ब्रा-पैंटी मे आ गई,,,,ऑर मेरे लंड पर बिजली गिराने लगी
मैने आंटी को पकड़ कर बाहों मे कस लिया
मैं-जानेमन…तू तो आज...बिजली गिराएगी
आंटी-(हँसते हुए)-देखते जाओ मेरे राजा,,,अभी तो दीपा ही आई थी,,,,रात मे कितनी बिजलिया गिरती है..हहेहहे
मैने आंटी के बूब को दबाते हुए उनके होंठो को चूसना शुरू किया ऑर आंटी भी पागलों की तरह मुझे चूसने लगी...थोड़ी देर बाद
मैं-आहह...आंटी अब उनमे से 1 ड्रेस पहनो…फिर देखो यहाँ के मर्द खड़ा किए हुए आएगे तेरे पास
आंटी(शरमा कर)-आने दो….चूतो की भी कमी नही है…
इतना बोल कर आंटी बॉक्स मे ड्रेस देखने लगी..
आंटी-ये तो बहुत छोटी-छोटी है
मैं-तभी तो…आपकी आधी गंद ऑर आधे बूब सब को दिखाई देगे….क्यो पसंद नही आई क्या
आंटी(मुस्कुराते कर)-तूने तो मेरा सपना पूरा कर दिया…मैं ऐसी ड्रेस ही पहन ना चाहती थी लाइफ मे
मैं-खुश हो ना
आंटी-(मेरे पास आकर-)वो तो रात मे बताउन्गी कि कितनी खुश हूँ
मैं-आंटी यहाँ आपको ऑड नही लगेगा
आंटी-बेटा यहाँ इससे भी ज़्यादा ऑड चीज़ें होगी….इस फंक्षन मे गाओं के कुछ ही लोग आए थे ..जो चले गये…अब जो लोग रह गये है…सब ऑड काम करने वाले है…हहेहहे
मैं-आंटी…मैं समझा नही
आंटी-तुम देखते जाओ…सब समझ जाओगे…ऑर हाँ…एक बात सच बता दूं कि…यहा इतनी चूत ऑर गंद है चुदने वाली कि गिन नही पाओगे
मैं-सच आंटी….तब तो मज़ा आयगा
आंटी-हाँ पर अभी चलो….बाकी रात मे सब समझ जाओगे
बात करते-2 आंटी ड्रेस पहनने लगी ओर फिर मेक-अप ठीक करने लगी….जब तक मैं सोचने लगा….
कि ये तो कन्फर्म है कि यहाँ सब साले चुदाई के शौकीन ही होगे…बट क्या…सब ऐसे ही आए है यहाँ…ऑर क्या आंटी …कुछ छिपा रही है….साली को सबक सिखाने के चक्कर मे मैं फस तो नही रहा…आअहह….अभी सब भूल जाओ ऑर मज़े लो
फाइनली मेरे दिमाग़ ने कहा ..ऑर मैं सोच से बाहर आया कि आंटी को देख कर लंड मे तूफान मचने लगा…..
फिर मैं ऑर आंटी…रेडी होकर रूम से बाहर आए,,वहाँ दीपा ऑर आंटी की बाकी की दो फ्रेंड भी रेडी होकर खड़ी थी
दीपा-रजनी कितना लेट…सब चले गये है…फंक्षन स्टार्ट हो गया होगा
आंटी-अच्छा….मैने लेट करवाया…???
दीपा- ऑर क्या
आंटी-अच्छा बेटा नहा तू रही थी 1 घंटे तक ऑर बोल मुझे रही है(ऐसा कह कर आंटी ने स्माइल कर दी दीपा को)
दीपा(शरमा गई)-वो..तो…अरे छोड़ ना बातो को..चलो चलते है
दीपा के कहते ही मैं ऑर आंटी एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते हुए चल दिए
मैं(चलते हुए)
मैं-आंटी
आंटी-हाँ बोलो
मैं-आंटी जबसे हम आए है …आपने अपनी फ्रेंड से मिलवाया ही नही….
आंटी-ओह अच्छा…अभी लो
इसके बाद हम सब वहीं रुक गये ऑर आंटी बोली
आंटी-तुम दीपा को तो जानते ही हो
मैं-हाँ आंटी दीपा को तो जान ने लगा हूँ…पर पूरी तरह नही(स्माइल कर दी)
दीपा-तो जान जाओगे..अभी तो टाइम ही टाइम है…ऑर हम सब हँसने लगे
आंटी-अच्छा ये है रिचा…ये टीचर है…ऑर इसकी बेटी भी आई हुई है…तुम्हारे बराबर की ही होगी …
मैं-हेलो रिचा जी
रिचा-नही, सिर्फ़ रिचा…
मैं-ओके…हेलो रिचा(ऑर मैने रिचा को स्माइल की…उसने भी रेस्पॉन्स मे स्माइल कर दी)
आंटी-ऑर ये है मनोरमा…हम इसे प्यार से मनु कहते है
मैं-ओके…तो मैं क्या कहूँ इनको
मनोरमा-आप भी मनु ही कहिए ....प्यार से
ऑर हम सब खिलखिला उठे
मैं-ओके…हेलो मनु
आंटी-मनु के पति आउट ऑफ कंट्री मे है……कम ही आते है..इंडिया
मैं-ओह…बिग बिज़्नेस मॅन…दटस ग्रेट
आंटी-बाकी की जान -पहचान अपने हिसाब से करते रहना …अब चलो …लेट ना हो जाय
अब हम सब हॉल से होते हुए …हॉल के लेफ्ट साइड …..खुले ग्राउंड मे पहुच गये …जहाँ फंक्षन का शानदार इंतज़ाम था….
हेवी डेकोरेशन…लाउड म्यूज़िक …..मस्त लाइटिंग..
सच मे रौनक तो कमाल की थी…ऑर सामने था बड़ा था स्टेज …जहाँ पर संगीत का प्रोग्राम था….
चलते हुए आंटी ने बताया कि डिन्नर स्टेज के पीछे होगा…ऑर बार काउंटर भी लगाया हुआ है…
( मैं बता दूं कि मैं कभी-कभी ड्रिंक कर लेता हूँ…ज़्यादातर पार्टीस मे…ऑर कभी मूड बन जाय तो चुदाई भी ड्रिंक करके करता हूँ )
ऐसे ही बाते करते हुए हम स्टेज के पास पहुच गये......
हमारे पहुचते ही कामिनी हमारे पास आई
कामिनी-यार तुम लोग भी ना…कितना टाइम लगाती हो….
आंटी-यार सॉरी लेट हो गये बट अभी प्रोग्राम शुरू नही हुआ अच्छा है
कामिनी ने मुझे देखा ऑर कहा
कामिनी-वेल-वेल,,,,कम सर..आप तो आज कमाल लग रहे हो...पता नही कितने मर मिटेंगे आप पर आज रात...हहेहहहे
मैं-थॅंक्स , बट आप से कम ही हूँ…आप लोग तो आज…बिजलियाँ ही गिरा दोगि
ओर हम सब हँसने लगे
कामिनी ने हमे टेबल्स पर आने को कहा
वहाँ पर सिट्टिंग अरेंजमेंट ऐसा था कि एक टेबल के साथ 4 चेर थी...
कामिनी रिचा ऑर आंटी,,,1 टेबल पर बैठ गई..जहाँ पहले से कामिनी की पहचान की लेडी भी बैठी थी
दूसरी टेबल पर मैं, दीपा ऑर मनु आ गये…
( मैने बैठते हुए नज़र घुमाई तो देखा कि वहाँ सब के सब मॉर्डन ऑर मिनी ड्रेस मे थे…मतलब सब लड़किया ऑर औरतें…मर्द नही…हहहहहा )
मैने सोचा कि संगीत के टाइम ऐसी ड्रेस…कुछ समझ नही आया….
मैने दीपा को अपने पास आने का इशारा किया ऑर वो अपना कान मेरे पास करके बोली
दीपा-क्या हुआ
मैं- एक बात बताओ…यहाँ सभी लॅडीस संगीत मे आई है या बार डॅन्सर है
दीपा-हहेहेहहे…ऐसा क्यो बोल रहे हो
मैं-देखो ना सब के सब कैसे कपड़े पहने हुए है
दीपा-हम भी तो ऐसे ही कपड़े पहने हुए है...
मैं-हाँ….पर मैने सोचा आप लोग मॉर्डन ख़यालातों की हो…बट यहाँ तो सभी…
दीपा-अरे ..मेरी बात सुनो…
मैं-हाँ
दीपा-ये आज के फंक्षन की थीम है
मैं-थीम….ऐसी कोई थीम रखता है क्या
दीपा-अब क्या बताऊ…जिस लड़की की शादी है…वो फॉरिन मे पढ़ी है…तो उसी ने थीम रखी
मैं-ऐसी कैसी थीम यार
दीपा-आज की थीम है मिनी ड्रेस….हाँ कल वेस्टर्न थीम है
मैं-आंटी को पता है
दीपा- हाँ…कल रात मे सबको बता दिया था…उसे भी कॉल किया था कामिनी ने
मैने(मन मे)-तभी आंटी ने कोई साड़ी नही ली अपने साथ….
दीपा-ऑर हाँ..कल सुबह पूल पार्टी है
मैं-पूल पार्टी यहाँ गाओं मे कहाँ..???
दीपा-अरे तुम जानते क्या हो अभी…यहाँ पर तो 5 स्विम्मिंग पूल है
मैं(शॉक्ड हो कर)- 5 पूल
दीपा-हाँ, 3 ओपन ऑर 2 प्राइवेट...
मैं-अच्छा…कहाँ है???
दीपा- यही पीछे साइड….कल दिखाउन्गी…मज़ा करेगे हम
मैं दीपा से बार कर रहा था ऑर मनु को देख कर बोला
मैं-अच्छा ये मनु कैसी है
दीपा-मतलब
मैं-अरे जैसे आंटी ने तुमसे मिलवा दिया…तुम मुझे इससे मिलवा दो
दीपा-मरवाओगे क्या…उसे पता भी नही चलना चाहिए कुछ भी
मैं-क्यो… क्या वो ये शौक नही रखती
दीपा- पता नही…पर आज तक सुना नही….हाँ इसका पति बाहर ही रहता है,,,,तो तड़पति तो होगी बट…दूर ही रहना
मैं-लेकिन मुझे तो ये पसंद आ गई…कुछ करो ना
दीपा-नही हो सकता…मनु ऑर रिचा…इस मामले मे नही पड़ती
मैं-ऑर कामिनी
दीपा- वो तो रेडी है…बस सही टाइम का वेट है उसे तो
मैं-लेकिन मुझे तो मनु ऑर रिचा भी चाहिए
दीपा-यार प्लीज़…उसमे मैं कोई हेल्प नही कर सकती पर हाँ
मैं(बीच मे ही)-पर क्या
दीपा-तुम ट्राइ का लो…रिचा चुदाई को प्यासी है…लेकिन शरमाती है…अकेले मे पट सकती है
मैं-ऑर मनु
दीपा-प्यासी तो वो भी है…बट वो नही मानेगी शायद
मैं-तब तो मैं मना के ही रहुगा
दीपा-देख कर कोई गड़बड़ मत कर देना
मैं-दीपा डार्लिंग….मुझे चूत को तैयार करना आता है…..देखती जाओ यहाँ से जाने के पहले इसे चोद कर ही रहुगा
दीपा(मुस्कुरा कर)-ठीक है…अगर इसे चोद दो,,,,तो मज़ा आ जाय….लेकिन हमे मत भूलना
मैं-अरे नही जान
दीपा-आज रात को रेडी रहना…मस्ती के लिए
तभी किसी ने दीपा को आवाज़ दी ऑर वो..आती हूँ..कह कर चली गई….
अब सिर्फ़ मैं ऑर मनु ही थे…मैने मनु को देखा तो पाया कि ये तो आंटी ऑर दीपा से भी हॉट लग रही है..ऑर फिर उस पर से मिनी ड्रेस उसको ऑर भी हॉट बना रही थी
मैं(मन मे)-ये मिल जाय तो मज़ा आयगा…पर कैसे…क्या करूँ…ट्राइ करता हू)
मैं-अरे मनु जी आप चुप क्यो बैठी है
मनु-आपसे बोला था कि जी मत बोलिए…प्ल्ज़्ज़..मनु कहिए
मैं-ओके..सॉरी…बट आप चुप क्यो है
मनु-आप आप दीपा के साथ बिज़ी थे ऑर यहाँ कोई है नही..तो मैं क्या करती
मैं-सॉरी,….मैं वो आज की थीम के बारे मे पूछ रहा था
मनु-ओह…कोई बात नही…वैसे थीम कैसी लगी तुम्हे
मैं(मुस्कुरा कर)-मस्त…मुझे तो मज़ा आ गया
मनु(आँखे नचाती हुई)-अच्छा… मज़ा वो क्यो???
मैं-अरे... जब इतने सारे माल ,इतनी हॉट ड्रेस पहन कर आपके सामने हों तो मज़ा तो आयगा ही...
मनु-ओह हो..माल???
मैं-माल ही तो है…वो भी हॉट माल
मनु-अच्छा..ऑर तुम्हारी आंटी…उसने तो ज़्यादा ही हॉट ड्रेस पहनी हुई है…
मैं-हाँ..वो तो है..बट उनके बारे मे क्या कह सकता हूँ..
मनु-हाँ…वो तो कम ही ऐसी ड्रेस पहनती है...
मैं(चौुक्ते हुए)-कम मतलब…वो तो पहली बार…
मनु(बीच मे ही बोली)-अरे पहली बार तो नही…हाँ तुम्हारे सामने पहली बार होगा
मैं-अच्छा…वो कब पहनती है , वैसे
मनु-जब हम सब फरन्ड कोई पार्टी मे होते है…जहाँ तुम्हारी आंटी के घर से कोई ना हो
मैं-मतलब अपने शहर मे भी पहनती है
मनु-हाँ,बिल्कुल…ऑर हां…किसी से कहना मत..हम सब पहचान वालो को मना करते है कि इसके घर ना बोले
मैं-तो आंटी ऐसा भी करती है
मनु-अरे तुम्हे क्या बताऊ की तुम्हारी आंटी ओर क्या-2 करती है
मैं-ऑर ..मतलब क्या करती है
मनु(हड़बड़ा कर)-अरे कुछ नही…वो तो ऐसे ही कह दिया
मैं-आप झूट मत बोलिए…
मनु-मैं सच कह रही हूँ..
मैं-मैं आपकी आँखो मे सॉफ देख रहा हूँ कि आप कुछ छिपा रही है
मनु-नही ऐसा कुछ नही है…तुम ग़लत सोच रहे हो
मैने सोचा कि इससे पता तो करना ही है कि आंटी क्या करती है…पर कैसे….हाँ आइडिया…
मैं-ठीक है तो मैं खुद पूछ लेता हूँ
मनु(हड़बड़ा गई)-सीसी…किस से..पूछ लोगे
मैं-आंटी से…उन्हे बोलुगा कि आप कहा रही थी …ऑर ज़रूरत पड़ी तो दीपा से
आंटी-नही-2 ऐसा मत करना…वो मुझे गुस्सा करेगी
मैं-तब तो आप ही बोलो वरना
मनु-मुझे कुछ नही पता…छोड़ो भी
मैं(कुर्सी से उठते हुए)-कोई बात नही मैं अभी पूछता हूँ
मुझे उठते हुए देख कर मनु ने मेरा हाथ पकड़ लिया..
मनु-प्ल्ज़्ज़..ऐसा मत करो...प्राब्लम हो जाएगी
मैं- तो ठीक है आप बोलो
मनु(कुछ सोच कर)-पर तुम्हे क्यो जान ना है…रहने दो
मैं-बताओगी या नही….या मैं जाउ
मनु उठ कर मेरे बाजू की चैरे पर आ गई ...और
मनु-हाँ.....पर यहाँ नही...रूम मे चलेगे तब
मैं-तो चलो
मनु-नही अभी नही…बता दुगी...ट्रस्ट मी
मैं-ठीक है..जैसा कहो
ओर मैने मेनू की तरफ देखा..उसकी आँखो मे डर दिख रहा था…
मैं-आप डरो मत…आप जैसी लड़की को डरना अच्छा नही लगता
मनु- थोड़ा नॉर्मल हो गई
मैं-वैसे एक बात बोलूं
मनु-क्या
मैं-अगर आप बुरा ना माने तो
मनु-नही मानूँगी बोलो
मैने सोचा इस पर ट्राइ तो कर ही लूँ…पटी तो पटी वरना अपन को कौन सी कमी है
मैं-आप आज क़हर ढा रही है
मनु(शरमा कर)-छोड़िए भी……
मैं-सच मे आपने तो मुझे पहली नज़र मे घायल कर दिया था
मनु(चौुक्ते ही)-क्या कहा ???
मैं-आपने सुना ना…फिर से बोलू क्या
मनु-नही...बट...ऐसा क्यो
मैं(मन मे )-ह्म्म...नॉर्मल है मतलब पट सकती है बट इसे पटाने के लिए जल्दबाज़ी ठीक नही…आराम से ट्राइ करना होगा
मनु-चुप क्यो हो…बताओ…ऐसा क्यो
मैं-अब जो सही है वो बोल दिया…आप पर दिल आ गया
मनु(नज़रे झुका कर मुस्कुरा दी)-अच्छा..दिल आ गया…झूट
मैं-कसम से आप को देख तभी आप दिल को पसंद आ गई थी
मनु(अब शरमा रही थी)-अच्छा ऐसा क्या पसंद आ गया…मैं भी तो सुनूँ
मैं(मन मे)-ये आंटी की सारी फ्रेंड सेम ही है क्या….तारीफ की नही ऑर लाइन पर आ जाती है….हाहहाहा
मनु-बोलिए…इतना सोचना पड़ गया
मैं- अरे वो मैं आपकी आँखो मे खो गया था
मनु(फिर से शरमा गई)-अच्छा…जी…अब बोलिए भी…क्या पसंद आ गया
मैं-अब कहाँ से शुरू करू....आपके ये खुले हुए लंबे बाल.....काली मदमस्त आँखे....गुलाबी होंठ...उपर से ये गोरा बदन जिस पर इतनी अच्छी ड्रेस पहनी हुई है...
मनु-बस-बस...आप तो शायर हो गये…
मैं-अरे आपको देख कर तो गूंगा भी शायरी करने लगेगा…
मनु(शर्म के मारे लाल हो गई)-तुम भी ना कुछ भी…
मैं-अरे अभी बात तो सुनिए…सबसे बढ़कर तो आपका फिगर क़यामत ढा रहा है
मनु-शरमाते हुए चुप रही ऑर नज़रे झुका ली
मैं-सच मे….माफ़ कीजिए पर आपके पति की तो किस्मत खुल गई…
जैसे ही मैने मनु के पति की बात की मनु के चेहरे पर शरम की जगह उदासी ऑर गुस्से ने लेली ऑर वो बोली
मनु-छोड़िए….मैं अभी आती हूँ
मैं- अरे सुनो तो......
पर मनु बिना कुछ बोले वहाँ से चली गई….
मैं शॉक्ड था कि जो अभी शर्मा रही थी ऑर मज़े से अपनी तारीफ सुन रही थी….गुस्सा क्यो हो गई…????....ऑर मैं सोच रहा था कि बात बन रही है ऑर ये तो भाग गई…क्या हुआ आख़िर..??
मैं सोचता रहा कि बात क्या है….बट कोई जवाब नही था…मेरा तो मूड ही खराब हो गया
तो मैं वहाँ से उठा ऑर बार काउंटर की तरफ चल दिया......
बार काउंटर पर पहुच कर
काउंटर मॅन-हेलो सर ...क्या दूं आपको
मैं- वन स्कॉच लार्ज
उसने मुझे स्कॉच का लार्ज पेग बन कर दिया..ऑर बोला
काउंटर मॅन-सर प्ल्ज़ हॅव शीट…आप बस ऑर्डर कर देना
मैने देखा वहाँ कुछ सोफे थे ऑर टेबल्स भी…मैं जाकर सोफे पर बैठ गया ओर स्कॉच पीने लगा…
मैने पहला पेग ख़त्म कर के दूसरे का ऑर्डर दिया…इतने मे 1 वेटर कुछ स्नकस भी रख गया..
मैं स्कॉच पीते हुए सोचने लगा कि ऐसा क्या हुआ कि मनु उठ कर चली गई….क्या हुआ????
इसी तरह सोचते हुए मैं 3 पेग ख़तम कर गया ऑर चौथा मेरे हाथ मे था तभी सामने से एक माल आता हुआ दिखा….वाउ…पाठाका थी….अरे ये तो रिचा है…ये यहाँ कैसे…ये भी पीने आई है क्या….?????
मैं सोच रहा था तब तक वो मेरे पास आकर मुझसे बोली
रिचा-अरे आप यहाँ मैं कब्से देख रही थी आपको
मैं-मुझे..??? क्या हुआ…कोई काम था
रिचा-क्यो बिना काम से आपके पास नही आ सकती क्या...
मैं-अरे मतलब …सॉरी …बोलिए क्या हुआ..ऑर आपकी फ्रेंड्स कहाँ है
रिचा-वो सब बिज़ी है…मैं बोर हो रही थी तो सोचा आपसे बात करूँ
मैं-हाँ क्यो नही….बैठिए ना
रिचा-चलो आपको फ़ुर्सत तो है….मुझे लगा आप दीपा को ही टाइम देते हो…हहेहहे
मैं(थोड़ा चौंक गया)-मतलब…???
रिचा-अरे कुछ नही…आप फ्री हो ना
मेरा तो मूड ऑफ था…फिर सोचा शायद मनु नही तो ये ही पट जाय….चान्स मारते है
मैं-अरे आप जैसी हसिनाओ के लिए तो हमेशा फ्री ही हूँ
रिचा-हां देखा है मैने
मैं-क्या देखा
रिचा(डरते हुए)-वो..कुछ नही ..यही कि आप फ्री हो..
मैं-अच्छा…ये बताओ आप ड्रिंक करोगी
रिचा-नही मैं नही पीती
मैं-ओह सॉरी…तो मैं भी नही पी रहा
रिचा- नही-नही आप पीजिए...मेरी बजह से...
मैं(बात काट ते हुए)- अरे नही...कोई बात नही....मैं तो ऐसे ही पीता हूँ....कोई हॅब्बिट नही है
रिचा-ओके…बट यहाँ शोर बहुत है कही शांति मे जा कर बात करते है
मैं-क्यो नही ,,,कहाँ चले बोलो
रिचा-आइए मेरे साथ
मैं रिचा के साथ बार काउंटर से उठ कर जाने लगा...तभी मैने देखा कि ये तो अंदर की तरफ जा रही है
मैं-रिचा....अंदर चलना है क्या
रिचा-हां...वो यहाँ शोर बहुत है....ऑर हाँ अभी फंक्षन मे टाइम है,,,चलिए थोड़ी देर बाद आ जायगे
मैं-अरे फंक्षन की मुझे टेन्षन नही...मैं तो बस पूछ रहा था...
रिचा-आपको मुझ पर भरोसा नही क्या …..
मैं-ऐसा क्यो कहा
रिचा-वो आप ऐसे बोले कि , पता नही मैं कहाँ ले कर चली जाउन्गी,...हहेहहे
मैं(मुस्कुरा कर)-ऐसी बात नही....आपके साथ तो कही भी चला जाउन्गा
रिचा-(शरारती अंदाज मे)-सच...मना मत कर देना
मैं-आप बोलो तो ...आप जो कहो...वो करूगा...जहाँ भी चलना हो चलो
रिचा-आइए फिर...आपको भी शिकायत का मौका नही दूगी
उसके बाद मैं ऑर रिचा अंदर जाने लगे जहाँ 1 गलियारा आया, जिसके दोनो तरफ रूम्स थे,,,,,चलते हुए मैं रिचा की गंद देख कर खुश हो गया....मस्त गंद थी उसकी...
मैने सोचा कि काश ये मुझे मिल जाय तो मज़ा आ जायगा ऑर मनु की बजह से जो मूड ऑफ हुआ वो भी फ्रेश हो जायगा
मैं रिचा को देखता रहा ऑर थोड़ी देर बाद रिचा एक रूम के सामने रुक गई…उसने लॉक खोला ऑर अंदर चली गई….मुझे साथ ले कर
अंदर आते ही रिचा ने रूम बंद कर दिया…ऑर बोली
रिचा-अब यहाँ बात करते है
मैं-ठीक है ...
इस रूम मे भी सब समान था...पता नही कितना खर्चा किया कामिनी ने इन सब मे
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