HOT STORIESOF INDIANS: चूतो का समुंदर-2(1-5)

Wednesday 15 July 2020

चूतो का समुंदर-2(1-5)

चूतो का समुंदर-2(1-5)





मैं सोच रहा था कि पूनम की चुदाई भी करनी है बट संजीव के होते हुए कैसे कर पाउन्गा….
तभी मुझे 1 आइडिया आया कि क्यो ना मैं पूनम से बात करूँ कि मैं उसकी माँ को चोदना चाहता हूँ….वो मानेगी???....ट्राइ करने मे क्या हर्ज़ है…चलो पहले यही ट्राइ करता हूँ…अगर बात नही बनी तो कुछ ऑर सोचुगा….
बट मुझे मन ही मन लग रहा था कि पूनम तो मेरे लंड की दीवानी है…उसे मनाना ईज़ी होगा…ऑर अगर पूनम ने साथ दिया तो पूनम की मोम के साथ उसके घर की दूसरी गरमा-गरम चूत भी मिल सकती है…चलो देखते है क्या होता है….
ऐसा सोचते हुए मैं नहा लिया ऑर रेडी होकर संजीव के रूम मे टीवी ऑन करके संजीव का वेट करने लगा
तभी अचानक गेट पर नॉक हुई..
मैं- कौन है
तो बाहर से 1 प्यारी सी आवाज़ आई.....क्या मैं अंदर आ सकती हू
मैं- हाँ हाँ क्यो नही...आइए
ये पूनम की आवाज़ थी ……मेरे कहते ही पूनम अंदर आ गई ऑर बोली
पूनम- रेडी हो???
मैं- हाँ…बोलो क्या करना है…
पूनम-(शरमाते हुए)- करना तो है बट अभी….
मैं-अभी क्या
पूनम-(नखरती हुई)-कुछ नही जनाब….नीचे चलिए….डिन्नर रेडी है
मैं-ओके…बट संजीव तो आया नही...डिन्नर रेडी कैसे हो सकता है...चिकन तो वही लाने गया था
पूनम- भाई आ गया है….तभी तो डिन्नर बना…वो नीचे ही है….डॅड से बात कर रहा है
मैं- ओह…अंकल आ गये क्या
पूनम- जी हाँ….अब चलो भी(ऑर पूनम मुझे हाथ से पकड़ कर बेड से उठाने की कोसिस करने लगी)
मैने अपने दूसरे हाथ से पूनम को खीच कर अपनी गोद मे बैठा लिया..

पूनम(डरते हुए)- छोड़ो ना…कोई आ जायगा
मैं-छोड़ने की कीमत चुकानी पड़ती है मेडम(ओर मैने एक सरारती मुस्कान दी)
पूनम-नही अभी नही बाद मे(पूनम डर रही थी कि कही कोई देख ना ले)
मैं-बस एक किस….कुछ नही होगा
पूनम-नही नही…प्लीज़ मान जाओ ना
मैं-बोला ना एक किस
और इतना बोलकर मैने अपने होंठो को आगे ले जाकर पूनम के होंठो पर रख दिया
पूनम-उूउउम्म्म्मम…..एम्म्म(डर के मारे पूनम के चेहरे से पसीना आने लगा)
मैने मौके की नज़ाकत को समझते हुए पूनम को छोटा सा किस कर के छोड़ दिया…मेरे किस ख़तम करते ही पूनम सकपका कर मेरी गोद से निकल गई ऑर बोली
पूनम(तेज साँसे लेते हुए)-आप मरवा डालोगे भाई
मैं-अरे नही मेरी जान …मैं ऐसा कर सकता हूँ क्या..??
पूनम-तो ये क्या है….कोई आ जाता तो(थोड़ा गुस्से मे)
मैं-ओके…सॉरी…कुछ हुआ तो नही ना
पूनम(नॉर्मल होते हुए)-अब मन की कर ली हो तो डिन्नर के लिए चलेगे जनाब
मैं-(मुस्कुराते हुए)-हाँ चलिए…फिर स्वीट डिश भी खानी है…(इतना कह करके मैने पूनम की गंद को कपड़ो के उपर से दवा दिया
पूनम-आअहह….हाँ मुझे भी खानी है(ऑर मुस्कुराने लगी)


इसके बाद मैं पूनम के साथ नीचे डाइनिंग टेबल पर आ गया …बाकी से लोग वहाँ पहले से ही आ चुके थे
मेरे पहुचते ही..अंकल बोले
(मैं यहाँ संजीव के डॅड को अंकल 1 ऑर संजीव के अंकल को अंकल 2 लिख रहा हूँ)
अंकल 1-अरे आओ बेटा बैठो-बैठो
मैं-हेलो अंकल…आप लोग कब आए
तो संजीव के अंकल बोले
अंकल2- बस बेटा थोड़ी देर पहले…कैसे हो तुम
मैं-बस अंकल…एकदम मस्त
अंकल 1-बैठो बेटा पहले खाना…बाते बाद मे

इतना बोल कर अंकल 1 ने मुझे बैठने का इशारा किया 1 चेर की तरफ…
मैं चेर पर बैठ गया

(हम ने खाना ख़त्म किया ओर वही हॉल मे टीवी देखने लगे …हम सब बच्चे हॉल मे नीचे ही बैठे हुए थे…. …संजीव ओर अनु मेरे आगे की तरफ थे ऑर पूनम ऑर रक्षा मेरे आजू बाजू थी…..ऑर हम दीवाल से टिक कर बैठे हुए थे…संजीव मेरे पैर से टिका हुआ था…मैने 1 पैर मोड़ कर ऑर दूसरा सीधा रखा हुआ था…मेरे लेफ्ट साइड रक्षा थी ऑर रक्षा के पैरो से टिक कर अनु लेटी हुई थी…मेरे राइट साइड पूनम थी बट वो सबके सामने मुझसे थोड़ी दूर ही थी….ऐसे ही मस्ती मैं हम सब टीवी देखते हुए गपसप कर रहे थे कि अचानक लाइट चली गई….
हॉल मे आधेरा छा गया…
अंकल1 – कोई टॉर्च .या कॅंडल तो लाओ
आंटी1- अरे अधेरे मे कौन जाय…आप टेन्षन मत लो लाइट आती ही होगी 10 मिनट मे…आज पड़ोसन ने बताया था कि रात मे 10 मिनट के लिए लाइट जानी है..
अंकल 1- ओह हाँ…मैं भूल गया…चलो कोई नही…10 मिनट अधेरे मे ही काट लो बच्चो(ऑर अंकल1 हँसने लगे…साथ मे सब भी हंस दिए)

मैं अंधेरे मे दीवाल से टिका हुआ सोचने लगा कि अब मुझे आगे क्या करना है कि आंटी हाथ मे आ जाय तभी अचानक मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरी कॅप्री के उपर से मेरा लंड टच किया हो…मैने सोचा शायद किसी का हाथ लग गया होगा अंधेरे मे…ऑर मैं ये भूलकर अपने प्लान के बारे मे सोचने लगा….अचानक…फिर से मेरे लंड पर हरकत हुई ..ऑर इस बार सिर्फ़ टच ही नही हुआ …बल्कि कोई हाथ से मेरा लंड सहला रहा था…मैं कंफ्यूज था…लेकिन हाथ रुका नही ऑर मेरा लंड मसलता रहा ….मैने सोचा ये पूनम होगी…साली मरवा ना दे…लाइट आने से पहले इसे हटाना होगा…
मैं थोड़ा आगे आया ओर उस हाथ को पकड़ लिया…तो उस हाथ वाले ने अपना हाथ झटके से दूर कर लिया…)

मैने सोचा शायद पूनम थी…मान गई साली…वरना फस जाते…ऑर ये सोच कर मैं दीवाल से फिर से टिक गया….1 मिनट बाद ही लाइट आ गई..ऑर सब चाहक उठे…मैने राइट साइड मे नज़रे पूनम की तरफ की..तो पूनम मुझे देखकर शर्मीली मुस्कान देने लगी…मैने सोचा यही थी …ऑर मैने आँखे दिखा दी पूनम को...तो उसने मुँह बना लिया ऑर चली गई)




थोड़ी देर बाद हम अपने रूम्स मे सोने के लिए चले गये….....

मैं ओर संजीव रूम मे जाते ही टीवी ऑन करके ….अपने प्लान की बात करने लगे

बैठने के साथ ही संजीव बोला
संजीव-भाई घर मे तो एंट्री हो गई तेरी..अब आगे क्या???
मैं-भाई सोचने तो दे…मैं क्या जादूँगार हूँ जो जादू से मना लूँ तेरी माँ को..
संजीव –भाई गुस्सा मत कर...मैं बस पूछ रहा था ...करना क्या है..*??
मैं-रुक थोड़ा ...सोचने दे
(हम दोनो थोड़ी देर खामोश रहे ओर सोचते रहे...संजीव बोला)
संजीव-भाई 1 आइडिया है
मैं-क्या
संजीव- भाई मोम को परसो अपनी फ्रेंड के घर शादी मे जाना है...पास वाले गाओं मे
मैं-तो मैं करू
संजीव-सुन तो सही
मैं –हाँ बोल
संजीव-मोम ने डॅड से कहा था बट डॅड नही जा पाएगे काम की वजह से…
मैं-(संजीव की बात आधे मे ही काट कर बोला)-भाई ये मुझे क्यो बता रहा है…मॅटर क्या है ऑर तू क्या बात कर रहा है
संजीव – भाई सुन तो सही पूरी बात
मैं-अच्छा सुना फिर
संजीव-डॅड ने मुझसे कहा कि मैं मोम के साथ जाउ …..
मैं-हाँ तो
संजीव-भाई मैं सोच रहा हूँ कि मैं अपनी जगह तुझे भेज दूं
मैं- उससे क्या फ़ायदा होगा
संजीव-यार तू ऑर मोम 2 दिन साथ रहोगे ऑर वहाँ अकेले पूरी रात ऑर बापसी मे भी अकेले….इतने टाइम मे तू पटा ले
मैं(ज़ोर से हँसते हुए)-साले अकेले होने का मतलब क्या…रेप कर लूँ..भाई उन्हे मन से तैयार करना है….वो कैसे मान जाएँगी इतनी जल्दी
संजीव(थोड़ा सोचते हुए)-भाई अकेले मे सिड्यूस तो कर सकता है ना
मैं- ठीक है…ट्राइ करने मे क्या हर्ज़ है…अच्छा ये बता ये कौन सी फरन्ड है तेरी मोम की ..गाओं की है क्या????
संजीव-मोम की फरन्ड यही रहती है बट वो शादी अपने गाओं से कर रहे है…वो बहुत घमंडी ऑर पैसे वाली है ऑर मोम को सुनाती रहती है कि तू सहर मे रह कर भी गाओं की लगती है…
मैं(संजीव को रोकते हुए)-रुक….ये बता तेरी मोम सुन कर रह जाती है….कुछ नही कहती
संजीव- भाई मोम भी मॉर्डन बन कर रहना चाहती है बट डॅड की वजह से नही रह पाती…उन्हे बहुत शर्मिंदगी होती है अपनी फरन्ड के सामने
मैं-तुझे कैसे पता…तुझसे बोला क्या तेरी मोम ने
संजीव- नही भाई एक बार मैने सुना था ..मोम आंटी से बोल रही थी…जब उनकी फरन्ड उन्हे सुना कर चली गई थी..
मैं-क्या सुना तूने
संजीव-वो बोल रही थी कि मैं भी उस रंडी से ज़्यादा मॉर्डन बनकर रह सकती हू लेकिन संजू के पापा को अच्छा नही लगता इसलिए साड़ी ही पहनती हू....मैं भी मॉर्डन ड्रेस पहन कर घूम सकती हूँ ऑर उससे ज़्यादा हॉट भी लगुगी.......अब देखना उसके घर शादी मे वो फिर से सुनाएगी ऑर मैं कुछ नही कर पाउन्गी...ऑर वो रोने लगी

मैं(कुछ सोचने के बाद)- आ गया आ गया
संजीव- क्या भाई क्या..??
मैं(खुशी से)-भाई आइडिया आ गया….
संजीव- बातायगा भी अब
मैं-देख तेरी माँ जैसा चाहती है मैं उन्हे वैसा बना कर ही शादी मे ले जाउन्गा
संजीव-छोड़ ना वो नही हो सकता
मैं-ये मुझ पर छोड़ दे
संजीव-चल मान लिया कि वो मान जायगी...लेकिन भाई बात तो उनकी चुदाई की है ना...वो कैसे करेगा
मैं(सोच कर)-भाई ये मैं प्लान पूरा होने पर बताउन्गा...अब तू देखता जा...अगर प्लान वर्क कर गया तो परसो शादी तेरी मोम की फ्रेंड के घर होगी ओर वही मैं तेरी मोम के साथ सुहागरात मनाउन्गा....(ऑर मन ही मन मैं खुश होने लगा)
संजीव- ठीक है भाई जो करना है कर बस मोम की चूत दिला देना
मैं – तू टेन्षन ना ले….मैं हूँ ना…अब सो जा

(इसके बाद संजीव ने टीवी ऑफ की ऑर रूम की लाइट भी ऑफ कर दी क्योकि हम दोनो को अंधेरे मे सोने की आदत थी....ऑर हम बेड पर लेट गये...बेड पर लेट ते ही...मेरा सेल बजने लगा…मेसेज आया था)


मैने देखा तो मेसेज पूनम का था
पूनम(मेसेज मे)- क्या हो रहा है

संजीव बोला कौन है भाई…मैने बोल दिया कि मेरी रेणु दी है ओर संजीव ओके बोल कर दूसरी तरफ मुँह करके सोने लगा…मैं पूनम से मेसेज से चॅट करने लगा
(मसेज से चॅट)
मैं- कुछ नही बस लेटा हुआ हूँ …तुम बताओ
पूनम-लेट गये ऑर मेरा क्या
मैं-तुम्हारा….मैं क्या बताऊ(बनते हुए)
पूनम-तो आप नही जानते कि मैं क्या बोल रही हूँ
मैं(अंजान बनते हुए)-नही तो
पूनम (गुस्से से)-तो सो जाओ गुड नाइट
मैं-अरे जान गुस्सा मत हो….बोलो क्या करना है….
पूनम-गुस्सा नही तो क्या करूँ….मेरी चूत मे आग लगा दी ओर अब सोने वालो हो
मैं-मैने कहाँ आग लगाई
पूनम-मेरे घर मे हो मेरे ही रूम के बगल मे हो…ऑर मेरी चूत बिना गरम हुए रह जायगी क्या..???
मैं-ओके जान गुस्सा छोड़ो ये बताओ कि होगा कैसे
पूनम-मैं क्या कहूँ
मैं-ओके मैं संजीव के सोने के बाद तुम्हारे रूम मे आता हूँ
पूनम-नही अभी नही जब मैं मेसेज करू तब आना
मैं-क्यो क्या हुआ
पूनम-अरे वो रक्षा मेरे साथ है पढ़ाई कर रही है….उसके जाते ही मैं मेसेज कर दुगी…
मैं ओके…आइ म वेटिंग…




इसके बाद मैने सेल रख दिया …ऑर लेट गया …लेटने के बाद पता ही नही चला कि कब मेरी आँख लग गई…शायद आज सुबह की दमदार चुदाई ऑर मस्त चिकन खाने से बॉडी रेस्ट माँग रही थी….मैं कब सो गया मुझे पता ही नही चला….

रात को मुझे लगा कि मेरे लंड पर हरकत हो रही है…पहले मैने सोचा की सपना देख रहा हूँ….लेकिन थोड़ी देर बाद मेरी कॅप्री ऑर अंडरवर नीचे को सरका दी किसी ने…तब मुझे पता चला कि ये हक़ीक़त मे हो रहा है

मैने सकपका कर आँखे खोल दी…जब तक उस इंसान ने मेरे लंड को हाथ मे लेकर सहलाना सुरू कर दिया था….
अब मैं समझा कि मैं सो गया था तो पूनम ही आ गई है ….लेकिन साली ये क्यो भूल गई कि मेरे साथ उसका भाई सोया हुआ है….फिर मैने सोचा कि संजीव की नीद तो ऐसी है कि नगाड़े भी बजाओ तब भी मुस्किल से खुलती है….शायद पूनम भी जानती है…तभी आ गई साली….मैं सोच रहा था ऑर वो मेरे लंड को सहला के बड़ा कर रही थी …5 मिनट मे मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया…फिर भी वो हाथ से ही मेरी मूठ मारे जा रही थी….
मैने धीरे से बोला—अब क्या हाथ से ही निकालोगी मुँह मे लेकर चूसो ना
वो-सस्शह

मुझे अंधेरे मे दिख तो नही रहा था…मैने सोचा कि उसे डर है कि संजीव जान ना जाय…चलो कोई नही लेने दो मज़े….मुँह मे भी ले लेगी…ऑर यही सोच कर मैं लेट गया ऑर वो मेरे लंड को मूठ मारती रही…जब अगले 5 मिनट के बाद भी लंड उसने मुँह मे नही लिया तो मेरे सबर का बाँध टूट गया ऑर मैं थोड़ा तेज ओर गुस्से मे बोला

मैं-साली करना क्या चाहती है …ऐसे ही झाड़ा देगी क्या मुँह मे ले...
वो-सस्शह....
मैं-अरे नखरे कर रही है जैसे पहली बार कर रही हो...मुँह मे ले कर चूस जैसे चूस्ति है....साली वैसे तो मेरा लंड रस पिए बिना तेरा पेट नही भरता...आज क्यो नखरे कर रही है...

वो फिर भी लंड को हिलाती रही....लेकिन मुँह मे नही लिया

मैं-तेरी माँ को चोदु….लेती है मुँह मे कि नही....

वो फिर भी लंड हाथ मे लिए रही ...हाँ हिलाना बंद कर दिया

मैं-(गुस्से मे)-साली आज मुँह मे नही लिया तो आज के बाद मेरे पास मत आना रंडी…

मैने ऐसा बोलते हुए उसका हाथ लंड से हटाना चाहा पर उसने हाथ झटक दिया ऑर धीरे-2 लंड के टोपे को जीभ से चाट ने लगी
मैं-अब आई ना लाइन पर अब मुँह मे पूरा भरकर चूस जैसे हमेशा चूस्ति है…कुतिया की तरह
वो धीरे-2 लंड को मुँह मे भर रही थी…लेकिन अभी तक ¼ हिस्सा ही उसके मुँह मे था
मैने फ्र्स्टेशन मे उठकर उसके सिर को दोनो हाथो से पकड़ कर लंड पर दवा दिया…ऑर स्ल्लूउप करते हुए पूरा लंड उसके मुँह मे चला गया….वो झटपटाने लगी लेकिन मैं गुस्से मे था तो मैने उसको छोड़ा नही बल्कि उसके सिर को ज़ोर से दवाए रखा ओर बोला
मैं-चल रंडी नखरे बंद कर चूस इसे

लेकिन वो अभी भी लंड को बाहर करने की कोसिस कर रही थी ऑर मेरा गुस्सा बढ़ रहा था…
मैने गुस्से से उसका सिर ऑर ज़ोर से पकड़ा ऑर सिर को अपने लंड पर उपर-नीचे करने लगा ओर बोलने लगा

मैं(गुस्से मे)- ले साली …तू नही मानेगी ना…अब देख मैं क्या करता हूँ
ओर इतना बोल कर मैं उसके सिर को तेज़ी से उपेर-नीचे करने लगा…

अंधेरे मे कुछ दिख तो नही रहा था बट शायद सीन कुछ ऐसा रहा होगा...




करीब 5 मिनट तक मैने ऐसे ही करता रहा
ओर वो झटपटाती हुई आवाज़े निकालती रही
वोकहू…ऊओंम्म्म…..उूउउम्म्म्मम….कक्खहूनन्न…..कककखहूओन्न

मैने उसकी एक ना सुनी ऑर उसके सिर को उपर नीचे करता रहा ..जब मैं झड़ने वाला था तो बोला

मैं-ये ले भर ले तेरा पेट…पी जा कुतिया ...पूरा पी जा..

ओर ये कहते हुए मैं उसके मुँह मे झाड़ गया...ऑर जब तक पूरा लंड रस उसके मुँह मे नही निकल उसका सिर छोड़ा नही
जब मैं खाली हो गया तो मैने उसके सिर को छोड़ दिया ऑर वो झटके के साथ पीछे होकर…कराहने लगी

वो-खो…खूओंन्न…कक्खहूओ…आआहह…कक्ख़्हूओ…कक्ख़्हूओ

मैं-देखा मुझसे पंगा लेने का अंजाम….सराफ़त से मान जाती तो अच्छा होता ना….अब कभी भी पंगा नही लेना मुझसे ..समझी
वो-खो…खूओंन्न्न…(लेकिन कुछ बोली नही)

मैं-अब रुक तेरी गांद मारता हू…ऑर मैं बेड से उठने लगा …लेकिन उसके पहले ही वो उठके भाग गई ऑर मुझे सिर्फ़ गेट खुलने ओर बंद होने की आवाज़ आई

मैं(मन मे)-साली को हो क्या गया…आज कितने नाटक कर रही है साली….वैसे तो मर रही थी चुदवाने के लिए…..शायद गुस्सा हो गई?????
हां….जाने दो आ जायगी थोड़ी देर मे ….चूत खोलकर….जायगी कहाँ
ये सोचते हुए मैं बाथरूम गया ऑर बापिस आकर फिर से लेट गया..इस इंतज़ार मे कि वो आयगी…सोचा कि मेसेज कर दूं…फिर सोचा कि नही…खुद ही आयगी कुतिया

ऑर सोचते हुए कब मैं सो गया पता ही नही चला…….




जब आँख खोली तो सुबह हो चुकी थी ओर संजीव मुझे हिलाते हुए जगा रहा था….

संजीव-उठ जा भाई …कब तक सोएगा….9 बज गये
मैं-आँखो को खोलते हुए….क्या???
संजीव-भाई 9 बज रहे है उठ जा
मैं(चौक्ते हुए)-क्या 9 बज गये
संजीव- हां भाई उठ जा
मैं-(आँख मलते हुए बेड पर बैठ गया)
संजीव-क्या हुआ भाई आज 9 बजे तक सोता रहा ….तू तो जल्दी उठ जाता है

(मैं डेली जल्दी ही जागता हूँ सुबह…एक्सरसाइज़ करने के लिए…मेरे घर पर पर्सनल जिम है)

मैं-हाँ यार ये कैसे हो गया…लगता है तेरे घर नीद ज़्यादा आती है(ऑर मैं हँसने लगा)
संजीव-(हँसते हुए)-हाँ शायद यही है…चल फ्रेश हो कर नीचे आजा …नाश्ता करते है
मैं –तू चल …मैं आया

इतना बोल कर मैं फ्रेश होने निकल गया ऑर संजीव नीचे
जब मैं नीचे पहुचा तो नाश्ते के लिए पूनम रक्षा अनु ऑर संजीव भी बैठे थे…सब मेरा ही वेट कर रहे थे

मैं-गुड मॉर्निंग एवेरिवन
अनु,पूनम,संजीव- गुड मॉर्निंग
रक्षा-(चुप रही ऑर मुझे गुस्से से देख कर नज़रें घुमा ली)
मैं(मन मे)-अब इसे क्या हुआ…

आंटी1 किचन से नाश्ता लाते हुए

आंटी1-गुड मॉर्निंग बेटा…नीद अच्छी आई
मैं(आंटी को देखते हुए)-गुड’मॉर्निंग आंटी..हाँ मस्त रात गुज़री…ऑर ये कह कर मैने पूनम की तरफ स्माइल की…पूनम ने भी मुस्कुरा कर जवाब दे दिया

इधर आंटी नाश्ता सर्व कर रही थी ऑर मैं आंटी को देख रहा था ….क्या लग रही थी….ब्लू साड़ी मे दमदार फिगर…बड़े-2 बूब्स…ओर हेवी गंद….साला किसी का भी लौदा खड़ा कर दे उपर से भीगे हुए खुले बाल ऑर उनमे से टपकती हुई पानी की बूंदे….मस्त नज़ारा था….अचानक

आंटी1-बेटा क्या सोचने लगे नाश्ता पसंद नही क्या
मैं(नाश्ते को देखा , आंटी ने आलू के पराठे बनाए थे….फिर हड़बड़ाते हुए बोला)-अरे नही आंटी…ये तो मुझे आसंद है
औनटु1(कातिल स्माइल करते हुए)- तो फिर कहाँ खो गये थे
मैं(चौुक्ते हुए)-वो…वो आंटी अंकल लोग ऑर आंटी2 नज़र नही आ रहे
आंटी1-अंकल लोग शॉप निकल गये ऑर आंटी2 अपनी फ्रेंड के घर गई है ,यही पड़ोसे मे
मैं-ओके(ऑर मैने नज़रे रक्षा की तरफ की….वो अभी भी मुझे गुस्से से घूर रही थी…मेरे देखते ही उसने आँखे झुका ली नाश्ते की तरफ)

उसके बाद मैने पूनम को देखा जो मेरे साइड मे ही थी….पूनम मुझे स्माइल कर रही थी…ओर अचानक मुझे अपनी जाघो पर हाथ का एहसास हुआ…मैं समझ गया कि ये पूनम ही है साली….मैं नॉर्मल होते हुए नाश्ता करने लगा)


क्योकि आज सनडे था तो स्कूल ऑफ थे….तो नाश्ता करने के बाद आंटी1 अपने काम मे लग गई ऑर पूनम, रक्षा ऑर अनु अपने रूम मे चली गई…रह गये मैं ऑर संजीव…हम दोनो हॉल मे टीवी देखने लगे

थोड़ी देर बाद अनु ऑर रक्षा तैयार होकर नीचे आई …दोनो जींस ओर टॉप मे थी…क्या माल लग रही थी….टाइट टॉप ऑर जींस…ऑर टॉप के अंदर कड़क-कड़क बूब्स…हाय..लंड देखते ही फडक उठा मेरा तो…..
मैने पूछा

मैं-तुम लोग कहाँ चल दी…आज तो छुट्टी है ना
अनु-भैया.पड़ोस मे फरन्ड के घर जा रहे है…लेकिन रक्षा ने मुझे फिर से गुस्से मे देखा ऑर कुछ नही बोली
अनु-आंटी(संजीव की मोम) हम थोड़ी देर मे आते है
आंटी1- हाँ बेटा सम्भल के जाना
अनु-ओके आंटी

इतना बोलकर अनु ऑर रक्षा जाने लगी ऑर मैने उन्हे पीछे से देखने लगा …क्या गांद थी दोनो की …जीन्स के अंदर मस्त दिख रही थी….

मैं देख ही रहा था कि रक्षा ने पलट कर मुझे उनकी गंद देखते हुए पकड़ लिया ऑर फिर से गुस्से मे घूर्ने लगी….मैने नज़रे घुमा ली ऑर वो दोनो निकल गई……
मैं सोचने लगा इस साली रक्षा को क्या हो गया है???


मैं सोच ही रहा था कि संजीव बोला

संजीव -भाई अब प्लान सुरू करे
मैं-कौन सा प्लान बे
संजीव-भाई वो ही …तुझे माँ के साथ भेजने का….
मैं-ओह…हाँ..कर बट बोलेगा क्या
संजीव-भाई बोल दूँगा कि तवियत ठीक नही
मैं-साले सिर्फ़ बोलने से क्या होगा…पकड़ा जायगा….तू कही से बीमार नही दिख रहा
संजीव-तो अब क्या करू
मैं-कुछ ऐसा की तू बीमार लगे
संजीव-जैसे
मैं-चल तुझे उपेर ले जाकर नीचे पटक देता हूँ....हाथ पैर टूट जायगे नही तो ऐसा तो हो ही जायगा कि चल ना पाय....हाहहहहाआ

संजीव-छोड़ ना....कुछ अच्छा बता साले
मैं- हाँ सोचता हूँ..तू भी सोच…




हम थोड़ी देर ऐसे ही सोचते रहे कि क्या किया जाय जिस से संजीव आंटी के साथ ना जा पाय ऑर उसकी जगह मैं चला जौ...मुझे तो कुछ ठीक समझ नही आ रहा था ...तभी संजीव बोला...

संजीव-भाई 1 आइडिया है ...काम बन सकता है
मैं-कैसे
संजीव-भाई मैं बीमार हो सकता हूँ….
मैं- पागल ऐसे कैसे हो जायगा…बता तो
संजीव-भाई मेरे अंकल के पास कई सारी मेडिसिन होती है….क्योकि वो अक्सर बीमार रहते है
मैं-तो साले मेडिसिन से बीमारी दूर होती है ऑर तुझे बीमार होना है
संजीव-भाई जानता हूँ…बट उनके पास ऐसी गोली भी है जिससे पेट मे अगर अकड़ हो तो उसे पानी बना देता है
मैं-मतलब???
संजीव-भाई जो जल्दी से फ्रेश ना हो पा रहा हो तो उसके पेट के खाने को पानी बना देती है
मैं-तो उससे क्या
संजीव-भाई अगर नॉर्मल बंदा खा ले तो वो बीमार पड़ जायगा
मैं-हाँ…बट इतनी बड़ी रिस्क…नही भाई कुछ ऑर सोचते है
संजीव- अरे यार कुछ नही होगा….थोड़ी प्राब्लम होगी तो झेल लुगा ना
मैं-भाई कुछ हो गया तो…नही नही रिस्क नही लेते
संजीव- भाई मोम की चूत के लिए ये रिस्क बहुत कम है…
मैं(हँसते हुए)- ओककक….हाहहहा….भाई मान गये तेरी तड़प
संजीव-हाहहहा…तो चल

हम दोनो संजीव के अंकल के रूम मे गये ऑर मेडिसिन देखने लगे….हम मेडिसिन बॉक्स मैं देख ही रहे थे कि मेरी नज़र 1 टॅबलेट पर पड़ी…..

मैं –भाई ये तो नीद की गोली है ना
संजीव(टॅबलेट हाथ मे लेते हुए)- हाँ भाई….वो क्या है चाचा को नीद ना आने की प्राब्लम है तो कभी-कभीले लेते है….बट साइडिफक्ट नही होता इनसे
मैं-ओह…चल अपने काम की देख…

थोड़ी देर बाद…………

संजीव-मिल गई..ये रही(एक टॅबलेट को हाथ मे लेकर)
मैं-ओके चल अब यहाँ से..

मैं ऑर संजीव अंकल के रूम से बाहर आ गये….ऑर फिर से टीवी देखने लगे

आंटी1-(किचन से)-बेटा कॉफी लोगे
मैं-हां आंटी
संजीव- मैं भी

थोड़ी देर बाद आंटी कॉफी लेकर आई ऑर हमे कॉफी देकर बोली
आंटी1-संजू आज शॉपिंग चलना है…याद रखना
ऑर इतना बोलकर आंटी अपने काम मे लग गई
संजीव- भाई चल अब टॅबलेट का कमाल देखते है….ये काम कर गई तो मोम की शॉपिंग भी तेरे साथ फिक्स
मैं(हँसते हुए)- ओके चल फिर

इसके बाद हम ने अपनी कॉफी ख़त्म की ओर टीवी ऑफ करके उपर संजीव के रूम मे आ
गये….

रूम मे आते ही संजीव ने टॅबलेट खाई ऑर बोला

संजीव-भाई अब मैं लेट जाता हूँ…थोड़ी देर मे इसका असर हो जाना चाहिए
मैं-ओके तू लेट मैं पूनम के साथ बात करता हूँ….जब तेरी तवियत बिगड़ने लगे तो आंटी को ही बोलना सबसे पहले
संजीव- बट तू जा क्यो रहा है
मैं-(बहाना बना कर)-भाई मैं यहाँ रहुगा ऑर तू आंटी के पास पहुचा तो आंटी मेरे बारे मे पूछेगी...ऑर मैं चाहता हूँ कि तुम्हारे ऑर आंटी के बीच मैं ना रहूं....ताकि तू अकेले मे उनको मेरे साथ जाने की बोल भी दे ओके

(मन मे सोचा कि ये मान जाय…मुझे तो पूनम के पास जाना है…क्योकि जब से नाश्ता करते हुए उसने मेरा लंड सहलाया था …तबसे…मुझे चुदाई की तड़प लगी थी…इसलिए मेरे मन मे जो आया मैने वैसा बहाना बोल दिया संजीव से)

संजीव(कुछ सोच कर)- ओके…ठीक कहता है…मैं मोम को अकेले मैं मना लुगा….तू जा
मैं(चैन की साँस लेते हुए)- ओके भाई
इतना बोल कर मैं संजीव के रूम से बाहर आया ऑर गेट को बाहर से बंद करके पूनम के रूम पर नॉक किया

पूनम(अंदर से ही)- कौन है
मैं-हहुउऊंम्म….मैं हू
पूनम-ऑर कौन है
मैं-मतलब…..मैं ही हू
पूनम-ओके आ जाओ

मैने रूम का गेट ओपन किया तो देखा कि पूनम अपने बेड पर आधी लेटी हुई थी….वो सिर्फ़ लेगी ऑर टॉप मे थी….
पूनम-लॉक कर दो
मैने(सिर हिलाते हुए)---ओके
ओर मैने रूम का गेट अंदर से लॉक कर दिया

मैं गेट लॉक करके पलटा ही था कि अचानक पूनम तेज़ी से आकर मुझसे लिपट गई ओर बेतहासा चूमने लगी मुझे
मैं सोचने लगा साली रात मे इतने नखरे ऑर अब मरी जा रही है
मैं भी पूनम का साथ देने लगा ऑर हम एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे …मैने अपने हाथ पूनम के पीछे ले जाकर उसकी गंद को हाथो मे थाम लिया ऑर दवाने लगा…

थोड़ी देर बाद जब हम एक दूसरे के होंठो को चूस चुके तो पूनम ने अपना हाथ मेरे आधे खड़े लंड पर रखा दिया ऑर उपर से ही लंड मसल्ने लगी…..
मेरा लंड तो तड़प ही रहा था …तो लंड हार्ड होने लगा…

पूनम ने देर ना करते हुए मेरे लंड को बाहर निकाल लिया ऑर हाथ से सहलाने लगी..
थोड़ी देर बाद पूनम घुटनो पर बैठ गई ऑर लंड को हाथ से मुठयाते हुए मेरी बॉल्स को चाटने लगी ओर आँखे उपर करके मुझे देखने लगी

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